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रिटायरमेंट के लिए बहुत जरूरी है सही प्लानिंग, निवेश करने से पहले इन प्वाइंट्स को जरूर रखें ध्यान में

आमतौर पर इक्विटी फंड जैसी दूसरी म्यूचुअल फंड श्रेणि‍यों में बदलते आर्थ‍िक हालात के मुताबिक एसेट के आवंटन में बदलाव होता रहता है लेकिन बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कठोरता से अपने तय रास्ते का पालन करते हैं और निवेश लक्ष्य में निर्धारित सीमा से परे नहीं जाते।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 07:45 AM (IST)
रिटायरमेंट के लिए बहुत जरूरी है सही प्लानिंग, निवेश करने से पहले इन प्वाइंट्स को जरूर रखें ध्यान में
लोगों को बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव काफी कम होता है। (PC: Pexels)

नई दिल्ली, अनिरूद्ध नाहा। भारतीय अर्थव्यवस्था उम्मीद से भी ज्यादा तेजी से सुधर रही है। ईंधन और बिजली की ज्यादा खपत, भाड़ा स्थ‍िर होने या उसमें बढ़त और ‍मध्यम एवं भारी वाणि‍ज्य‍ि‍क वाहनों (MH&CV) की बिक्री में सुधार इसका प्रमाण है। इसके अलावा सुधरे हुए वृहद आर्थ‍िक आंकड़ों के साथ कॉरपोरट जगत ने लॉकडाउन की अवधि‍ से वापसी करने में असाधारण जीवटता दिखाई है। मार्जिन के विस्तार के साथ ही उनकी बिक्री बढ़ी है और कम बेस होने की वजह से आगे भी कमाई में चौंकाने वाले आंकड़े दिख सकते हैं।

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वैश्विक स्तर पर ब्याज दरें बहुत कम होने और केंद्रीय बैंकों द्वारा नोटों की छपाई से आगे भी FII का निवेश मजबूत बना रहेगा, क्योंकि आखि‍र उन्हें बेहतर रिटर्न चाहिए। इस तरह लगातार आती नकदी, मजबूत वृहद आर्थ‍िक आंकड़े और कॉरपोरेट का बेहतर मुनाफा बाजारों में तेजी बनाए रखेगा। लेकिन सबसे बड़ा जो जोखि‍म सिर उठा रहा है, वह है महंगाई का।

कोविड असं‍गठित क्षेत्र पर भारी पड़ा है, जिसकी कि समूची इंडस्ट्री के हर वैल्यू चेन में कुछ न कुछ भूमिका होती है। आपूर्ति में व्यवधान आया है, क्योंकि असंगठित क्षेत्र में कई कारोबार में मंदी आने से सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। मांग के साथ तालमेल बना पाने की आपूर्ति चेन की अक्षमता से महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। पहले भी हमने कहा है कि कमजोर वैश्विक आर्थ‍िक परिदृश्य को देखते हुए केंद्रीय बैंक ज्यादा सक्रियता दिखाने की जगह आदर्श रूप में ब्याज दरें बढ़ाने में हिचक ही दिखाएंगे।

ऐसे में एक विकल्प दिखता है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का। यह एक ऐसा फंड है जो इक्विटी और डेट के समूचे सेगमेंट में एसेट के आवंटन का काफी‍ गतिशीलता से प्रबंधन करता है। यह लॉन्ग टर्म के संपदा सृजन के लिए ‘निचले स्तर पर खरीदो और ऊंचे स्तर पर बेचो’ मॉडल को अपनाता है। यह निवेशकों के लिए बेहतरीन निवेश समाधान मुहैया करता है।

मॉडल आधारित रवैया अपनाने से निवेश को स्वाभाविक तरीके से ही और टैक्स बचत करते हुए इक्विटी और निश्चित आय के बीच पुनर्संतुलित करने में मदद मिलती है और इसमें निवेशकों को भी खुद निगरानी रखने की जरूरत नहीं पड़ती।

आमतौर पर इक्विटी फंड जैसी दूसरी म्यूचुअल फंड श्रेणि‍यों में बदलते आर्थ‍िक हालात के मुताबिक एसेट के आवंटन में बदलाव होता रहता है, लेकिन बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कठोरता से अपने तय रास्ते का पालन करते हैं और निवेश लक्ष्य में निर्धारित सीमा से परे नहीं जाते। एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करते समय किसी निवेशक को जोखि‍म, रिटर्न, लागत,  निवेश सीमा, वित्तीय लक्ष्य, रिटर्न पर टैक्स आदि का ध्यान रखना चाहिए। 

बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों के फायदे:

1. ऐसे फंड द्वारा अपनाया गया एसेट आवंटन मॉडल प्रति चक्रीय प्रकृति का होता है। जब बाजार चढ़ता है तो यह इक्विटी में निवेश घटा लेता है और इसके विपरीत होने पर ऐसी ही प्रति क्रिया होती है। ऐसे फंड के एसेट इक्व‍िटी और डेट के बीच सक्रियता से प्रबंधि‍त किए जाते हैं। लेकिन अंतत: निवेशक को इस फंड के द्वारा कम भाव पर खरीद और भाव ऊंचा होने पर बिक्री का लाभ मिलता है।

2. यह किसी व्यक्ति की एसेट आवंटन जरूरतों का ध्यान रखता है।

3. बच्चों की शिक्षा, शादी या रिटायरमेंट जरूरतों जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निवेशक किसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश के लिए SIP विकल्प का भी चुनाव कर सकते हैं।

प्रोफेशनल्स और उद्यमियों की उभरती पीढ़ी के लिए ये फंड आदर्श हैं, जो शायद किसी परंपरागत करियर से बंधे नहीं रहना चाहते; ऐसे लोगों के लिए जो विभि‍न्न कौशल पर आधारित गतिशील करियर चाहते हैं, अपने कारोबारी विचारों को बनाए रखने के लिए जोखि‍म लेते हैं, किसी परंपरागत आमदनी का अनुसरण करने वाले खांचे में फिट नहीं होना चाहते औैर ऐसे निवेश विकल्पों की तलाश में रहते हैं जिनमें कि गिरावट के जोखि‍म से सुरक्षा हो और रिटर्न हासिल करने की क्षमता भी किसी तरह से प्रभावित न हो।

यह ऐसे लोगों के लिए भी होता है जो युवा हैं और जिनके आगे काफी लंबा जीवन है, लेकिन वे परंपरागत रवैया नहीं अपनाना चाहते और न ही यह चाहते हैं कि उनके निवेश निधि‍ पर किसी तरह का जोखि‍म हो। ऐसे निवेशक जो अपने रिटर्न को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए अपने निवेश को सक्रियता से प्रबंधन के बारे में स्मार्ट तरीका पसंद करते हैं। और अंत में ऐसे निवेशकों के लिए जो कि कर बचत वाले गतिशील एसेट आवंटन मॉडल की तलाश में हैं।

नीचे हम आपके रिटायरमेंट लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश के कुछ फायदे बता रहे हैं:

1.    एसेट आवंटन: इसमें एसेट आवंटन की आंतरिक खूबी होती है। यह कुछ ऐसा होता है, जो कि आपके निवेश को अच्छा नतीजा दिलाने में समय नहीं लगाता और यह एक ऐसी श्रेणी होती है, जिसमें यह गुण स्वाभाविक तरीके से होता है।

2.    अनुशासन बनाता है: यह आपके अंदर अनुशासन विकसित करता है। आपको बाजार के ऊंचे और नीचे के चक्र में अपने एसेट का आवंटन करना होता है। इसमें इक्विटी और फिक्स्ड इनकम आवंटन स्वाभाविक तरीके से रीसेट होता रहता है और इस तरह से अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलती है।

3.    गिरावट से बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है: ऐसे निवेशक जो कम उतार-चढ़ाव चाहते हैं, अक्सर बैलेंस्ड फंड का चुनाव करते हैं, क्योंकि किसी पोर्टफोलियो के लिए बॉन्ड आवंटन से आमदनी कराते हैं।  बॉन्ड ज्यादा स्थायी रिटर्न प्रदान करते हैं और आमतौर पर शेयरों जैसे ज्यादा उतार-चढ़ाव का सामना नहीं करते।

4.  अच्छा रिटर्न: बैलेंस्ड एडवांटेज फंड प्रति यूनिट जोखि‍म (जो कि आप किसी निवेश में ले रहे हैं) बेहतर रिटर्न हासिल करने में आपकी मदद करते हैं। चूंकि एक निवेशक के रूप में हमारे पास इतना समय नहीं होता कि हम बाजारों पर नजर रखें, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड हमें प्रति यूनिट जोखि‍म बेहतर रिटर्न दिलाने में मदद करता है।

5.  इक्विटी जैसा ही टैक्स बेनिफिट: निवेशक किसी एक इक्विटी फंड में या एक फिक्स्ड इनकम साधन में निवेश करे और कभी इसमें निवेश करे या बाहर जाए, इतनी बाजीगरी करने से बेहतर है कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को चुनें जो कि कर बचत भी करता है। यह एक ऐसी श्रेणी है जो कि इस तरह से डिजाइन की गई है ताकि इक्विटी फंडों जैसा ही टैक्स फायदा मिले।

इस प्रकार, अंत में यह कहा जा सकता है कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड किसी निवेश की स्थि‍रता और अल्फा का फायदा पहुंचाते हैं- दोनों रिटायरमेंट के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।

इसलिए लोगों को बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव काफी कम होता है और ये लॉन्ग टर्म में इक्विटी फंडों जैसा ही रिटर्न प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं। इनका लक्ष्य फिक्स्ड इनकम साधनों में निवेश कर स्थायी और नियमित आय प्रदान करना है। इसमें निवेशकों द्वारा खुद लागू किये गए एसेट आवंटन के मुकाबले ज्यादा कर बचत का फायदा मिलता है।  यह अच्छी तरह से परिभाषि‍त है और बिना किसी पक्षपात के इसने समय-समय पर अपने को साबित किया है। अंत में कहें तो यह संभावित पूंजी बढ़त, पूंजी संरक्षण और उतार-चढ़ाव पर अंकुश का एक गुलदस्ता है।

(लेखक PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड में सीनियर फंड मैनेजर (इक्विटीज) हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)


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