ग्राहकों के लिए प्रॉपर्टी पर टैक्स की गणना करना होगा आसान
कई टैक्स दरों से राहत मिलने के बाद अब रियल एस्टेट में प्रॉपर्टी के दाम पर टैक्स की गणना करना ग्राहकों के लिए आसान होगा
नई दिल्ली (प्रवीण जैन)। प्रॉपर्टी की खरीद के समय 12 फीसद जीएसटी की दर से रियल एस्टेट को कई तरह के करों से राहत मिलने के साथ ही अब ग्राहक को भी प्रॉपर्टी खरीद को लेकर टैक्स की गणना करना आसान हो जाएगा। इससे पहले अक्सर ग्राहकों को प्रॉपर्टी की खरीद के बाद ही कई सारे करों और शुल्कों का पता चलता था। कई बार तो वे बड़ी मुश्किल से बाद में सामने आने वाले खर्चो का प्रबंध कर पाते हैं।
अब ऐसा नहीं होगा। सभी के लिए अपनी टैक्स देनदारी का पता लगाना आसान होगा। ग्राहक प्रॉपर्टी खरीद का फैसला करते हुए इस खर्च का आकलन भी पहले ही कर लेगा। अभी तक ग्राहक के प्रॉपर्टी खरीद संबंधी निर्णय नहीं करने के कारणों में कई तरह के करों का होना भी शामिल है। एक तरह से जीएसटी देश के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए गेमचेंजर साबित होगा। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का भी कहना है कि जीएसटी से देश के संगठित क्षेत्र के डेवलपरों और बिल्डरों को एक समान स्तर पर कारोबार करने की सुविधा होगी। ग्राहक को भी कर संबंधी पूरी जानकारी पहले से ही होगी।
आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार कहे जा रहे जीएसटी से देश में ग्राहक से लेकर डेवलपर तक सभी को फायदा होगा। दरअसल रियल एस्टेट पर अभी तक कई कर लागू थे। उनका भुगतान डेवलपर से लेकर ग्राहक तक करते हैं। प्रॉपर्टी के मौजूदा बाजार में एंड यूजर ही इन सभी करों को अदा करता है। कई तरह के अप्रत्यक्ष करों का पता तो ग्राहक को प्रॉपर्टी खरीदने के बाद ही चलता था। अब रियल एस्टेट सेक्टर पर लागू 16 प्रमुख करों और लेवी को जीएसटी में समेट दिया गया है। इससे सेक्टर को काफी बड़ी राहत मिली है।
जीएसटी लागू होने से खासतौर पर सीमेंट और स्टील जैसे कंस्ट्रक्शन मैटीरियल पर करों का प्रभाव डेवलपरों के लिए कम हो जाएगा। घरों की कीमतों में सीमेंट और स्टील का खर्च भी काफी अहम होता है। जीएसटी काउंसिल की तरफ से तय दरों के हिसाब से इन उत्पादों पर 12 से 28 फीसद की दर से जीएसटी प्रभावी होगा। ये दरें डेवलपर की प्रोजेक्ट लागत को नीचे लाने में मददगार साबित होंगी। साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं की खरीद की लागत को भी नीचे लाने में मदद मिलेगी।
सेक्टर के लिए निर्धारित जीएसटी दर
रियल एस्टेट के लिए जीएसटी की दर 12 प्रतिशत तक रखी गई है। नारेडको ने भी रियल एस्टेट के लिए जीएसटी दरों को 9-12 प्रतिशत के बीच रखने की सिफारिश की थी। खरीदारों को बिक्री के लिए प्रोजेक्टों के निर्माण की खातिर बहुप्रतीक्षित जीएसटी लागू होने से इस क्षेत्र के विकास का एक नया दौर शुरू होगा।
जीडीपी में पांच प्रतिशत का योगदान
एक उद्योग रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर अनुमानित तौर पर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत तक योगदान करता है। यह देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र भी माना जाता है। हालांकि सेक्टर को माइक्रोइकोनॉमिक परिस्थितियों और कई स्तरों पर लगने वाले अप्रत्यक्ष करों जिनमें वैट, सर्विस टैक्स, एक्साइज, वगैरह के चलते कई चुनौतीपूर्ण मामलों का सामना करना पड़ा।
(यह लेख प्रवीण जैन, अध्यक्ष नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने लिखा है।)