लांग टर्म के निवेश का मतलब आखिर कितने साल?
निवेश के लिहाज से लांग टर्म असल में पांच साल या उससे ज्यादा को कहना ही तर्कसंगत होगा।
निवेशक हमेशा सुनते हैं कि इक्विटी में लांग टर्म निवेश ही फायदेमंद होता है। जल्दी रिटर्न की उम्मीद अक्सर नुकसान का कारण बनती है। लेकिन इस स्थिति में निवेशकों के सामने सबसे बड़ी परेशानी आती है कि आखिर लांग टर्म का मतलब कम से कम कितने साल? कुछ लोग एक या दो साल के निवेश को ही लांग टर्म मान लेते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो हर उस निवेश को लांग टर्म मानते हैं, जो एक दिन से ज्यादा के लिए हो। लेकिन ऐसा नहीं है। निवेश के लिहाज से लांग टर्म असल में पांच साल या उससे ज्यादा को कहना ही तर्कसंगत होगा।
भूल जाना निवेश की सबसे अच्छी रणनीति होती है। कुछ साल पहले फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स ने अमेरिका में यह पता लगाने के लिए अध्ययन कराया था कि किस तरह के निवेशकों को सबसे अच्छा रिटर्न मिला। इसमें पाया गया कि सबसे अच्छा रिटर्न उन निवेशकों को मिला जो कई वर्षो के लिए अपना निवेश भूल बैठे थे। कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने एक दशक से ज्यादा समय तक उस ओर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने पाया कि कई निवेशकों का तो काफी समय पहले निधन हो गया था। जहां तक आपके निवेश पोर्टफोलियो को संभालने की बात है, आपको वही करना चाहिए, जो कोई मृत व्यक्ति कर सकता है, यानी कुछ नहीं करिये।
भारत में भी ऐसे कई किस्से हैं। कुछ दिन पहले एक स्टॉक मार्केट चैनल पर इन्वेस्टर कॉल-इन शो में किसी के सवाल से मुङो फिडेलिटी के इस अध्ययन की याद आ गई। सवाल पूछने वाला व्यक्ति इक्विटी बाजार से अनजान लग रहा था। उसने पूछा कि करीब 25 साल पहले उसके किसी अंकल ने एमआरएफ के 20 हजार शेयर खरीदे थे। वह जानना चाहता था कि आज उन शेयरों का कोई मूल्य है या नहीं। अगर उसकी बात सच है तो आज उन शेयरों की कीमत करीब 130 करोड़ रुपये है। अगर उसने शेयरों की संख्या कुछ बढ़ा-चढ़ाकर बताई हो, तब भी यह तथ्य अपनी जगह बना रहेगा कि इतने वर्षो में इस कंपनी में किया गया निवेश करीब 200 गुना बढ़ चुका है।
मैं लांग टर्म निवेश पर केंद्रित एक सोशल मीडिया ग्रुप का सदस्य हूं। वहां अक्सर इस बात को लेकर विवाद रहता है कि लांग टर्म का मतलब कितना समय होना चाहिए। लोगों के विचार भी अलग-अलग होते हैं। इसमें लंबी अवधि से लेकर छह-सात महीने की अवधि को भी लांग टर्म मानने वाले हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हर उस निवेश को लांग टर्म मानते हैं, जो एक दिन से ज्यादा के लिए हो। सवाल है कि असल में लांग टर्म निवेश है क्या? इस मामले में भारत सरकार के राजस्व विभाग की ओर से एक आधिकारिक उत्तर है। टैक्स लायबिलिटी की गणना के लिए लिस्टेड स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड में सालभर से ज्यादा समय के लिए किए गए निवेश को लांग टर्म माना जाता है। अन्य निवेश के मामले में यह समय सीमा तीन साल है। कराधान के लिए यह एक कानून हो सकता है, लेकिन निवेश के लिहाज से इस पर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। इक्विटी के लिहाज से एक साल बहुत छोटा समय है।
तब फिर वही सवाल है कि कितनी अवधि को लांग टर्म कहा जाए? उत्तर पाने के लिए कुछ आधारभूत सवालों के जवाब सोचते हैं: इक्विटी में निवेश लांग टर्म के लिए ही क्यों किया जाना चाहिए? उत्तर है, क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है। वर्तमान में बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स का पांच साल का रिटर्न औसतन 12.77 फीसद सालाना है, यानी कुल मिलाकर 79 फीसद। हालांकि, इन पांच वर्षो में रिटर्न 9.0 फीसद, 41.8 फीसद, -8.9 फीसद, 16.2 फीसद और 9.5 फीसद रहा है। इक्विटी में निवेश लांग टर्म क्यों होना चाहिए, इसका उत्तर इस आंकड़े से मिल सकता है। रिटर्न शानदार है, लेकिन उतार-चढ़ाव बहुत है। किसी शॉर्ट टर्म में आपका मुनाफा कम हो सकता है या नुकसान भी हो सकता है। इसकी भरपाई तेजी वाले सत्रों से ही हो सकती है।
इसे देखने का दूसरा तरीका भी है। इक्विटी बाजार एक चक्र में काम करता है, और प्राय: तेजी, गिरावट, स्थिरता और फिर तेजी का एक चक्र पांच से सात साल में पूरा होता है। सही रिटर्न पाने के लिए हमें एक पूरे चक्र में निवेश करना होगा। यह एक या दो साल में नहीं हो सकता।
इसे देखने का एक और भी तरीका है। इसे वैल्यू रिसर्च की ओर से इस साल की शुरुआत में किए गए एक खास अध्ययन से मिले नतीजों से देखा जा सकता है। हमने पाया कि औसतन अगर आप एसआइपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिये चार साल के लिए निवेश करते हैं, तब नुकसान का खतरा नगण्य हो जाता है। एक से ज्यादा दशक तक के इतिहास के आधार पर पाया गया है कि किसी फंड में एक साल में जो अधिकतम संभावना है, वह है ज्यादा से ज्यादा 160 फीसद का रिटर्न या -57 फीसद का नुकसान। दो साल में यह संभावना अधिकतम 82 फीसद और न्यूनतम -34 फीसद रहती है। तीन साल में यह संभावना अधिकतम 63 फीसद और न्यूनतम -18 फीसद रहती है।
पांच साल में यह संभावना अधिकतम 54 फीसद और न्यूनतम चार फीसद की हो जाती है, जिसका अर्थ है कि नुकसान की आशंका शेष नहीं रहती। दस साल में यह अधिकतम 30 फीसद और न्यूनतम 13 फीसद हो जाती है। यह वार्षिक आधार पर तैयार आंकड़े हैं। इससे स्पष्ट है कि शॉर्ट टर्म में फायदा बहुत ज्यादा हो सकता है, लेकिन घाटे की आशंका भी उतनी ही ज्यादा रहती है। इससे स्पष्ट है कि लांग टर्म का मतलब पांच साल या उससे ज्यादा का समय है। 1बस इसी में आपका उत्तर है। इक्विटी में निवेश के मामले में लांग टर्म का मतलब ऐसी अवधि नहीं है कि किसी की इच्छा से हाथ हिलाते ही बीत जाए। इसका सीधा सा अर्थ है पांच साल या इससे ज्यादा समय तक का निवेश।
(यह लेख धीरेन्द्र कुमार ने लिखा है जो कि वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं)