2021 में पर्सनल फाइनेंस से जुड़े इन टिप्स को रखें ध्यान में, बेहतर रिटर्न के साथ मिलेगी आर्थिक सुरक्षा
COVID-19 ने कई वास्तविकताओं से परिचय करवाया जिसमें बीमा का विशेष स्थान है। जिन परिवारों ने समय रहते बीमा कवरेज लिया था उनके परिवार के लिए यह संकटमोचक साबित हुआ। नए साल में अपने परिवार की बीमा की जरूरत को समझते हुए पर्याप्त सुरक्षा कवर लेना काफी अहम है।
नई दिल्ली, राहुल जैन। जब कोरोना वायरस पहली दफा खबरों में आया था, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह महामारी का रूप लेकर हम सब की जिंदगी को इस हद तक प्रभावित कर सकता है। इसने ऐसा कहर ढाया कि दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाएं मंदी के गर्त में लुढ़क गई और जीवन अधर में फंस गया। इस महामारी के चलते तमाम घरों का पर्सनल फाइनेंस भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ। नकदी की कमी ने तमाम घर-परिवारों को झकझोर दिया। कोरोना की वजह से हॉस्पिटल के बिल भी लाखों तक पहुंच गए, जिसने वित्तीय संकट दूभर करने का ही काम किया।
परेशानियों का सबब रहा साल 2020 खत्म हो चुका है और वर्ष 2021 में हमें पर्सनल फाइनेंस के कई अहम सबक आत्मसात करने के लिए कह रहा है ताकि भविष्य की विकट परिस्थितियों में हमारे पैर न डगमगा जाएं।
1. पर्याप्त बीमा है जरूरी
इस महामारी ने कई वास्तविकताओं से हमारा परिचय करवाया, जिसमें बीमा का विशेष स्थान है। जिन परिवारों ने समय रहते बीमा कवरेज लिया था, उनके परिवार के लिए यह संकटमोचक साबित हुआ। इस नए साल में अपने परिवार की बीमा की जरूरत को समझते हुए पर्याप्त सुरक्षा कवर लेना काफी अहम है।
अपने लिए विशुद्ध टर्म प्लान खरीदिए ताकि आपकी गैर-मौजूदगी में आपके परिवार की तकलीफें न बढ़े और जिंदगी की नांव भंवर में न फंसे। टर्म प्लान किफायती भावों पर उपलब्ध होते हैं, तो सुरक्षा की जरूरतों को अच्छी तरह साधते हैं।
दूसरी तरफ, स्वास्थ विपदा से निपटने के लिए स्वास्थी बीमा लेना भी काफी अहम है, जिसके अभाव में आपके बचत पलक झपकते ही साफ हो सकती है। अपने परिवार के लिए उचित फैमिली फ्लोटर प्लान लेना ही बेहतर होता है।
स्वास्थ से जुड़े खर्च तेजी से बढ़ रहे हैं और जो आज काफी लगता है, संभव है कि वह कल पर्याप्त न हो। अलग-अलग प्लान की तुलना करने के बाद ही अपनी जरूरत के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए।
2. अपने आपातकालीन फंड को दें मजबूती
इस महामारी के दौरान कई घर-परिवारों की आय काफी हद तक नगण्य रह गई। इस स्थिति में आपातकालीन फंड ऊपरवाले का वरदान ही साबित हुआ। दूसरे शब्दों में कहें, तो जिनके पास यह कोष था, उनके लिए राह थोड़ी आसान रही।
इस वजह से साल 2021 में जरूरती है कि इस अहम चीज को अपने पोर्टफोलियो में स्थान दें और इसे मजबूत करते हुए करीब एक साल के खर्च तक बढ़ाया जाए। यदि आप शुरू से शुरुआत कर रहे हैं, तो लिक्विड फंड या बैंक एफडी आपकी राह को सरल कर सकती है। दूसरी तरफ, यदि आपके पास यह कोष है तो सही और योजनाबद्ध निवेश के जरिए इसे मजबूती प्रदान करें।
आपातकालीन फंड बनाने समय आपको सबसे पहले सुरक्षता, फिर उसकी लिक्विडिटी और अंत में रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए। सीधे शब्दों में कहें तो आपातकालीन फंड को मुश्किल घड़ी के लिए बनाया जाता है, जिसमें रिटर्न का महत्व सबसे कम होता है।
3. कर्ज पर काबू
कर्ज में डूबना न सिर्फ आपके वित्तीय लक्ष्यों को हिला सकता है, बल्कि आपको लगातार जाल में फंसाता जाता है। जब नकदी का संकट गहराता है, तो कर्ज आपके दिमाग पर हावी हो जाता है। इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ा है और वास्तविक जरूरत होने पर आपके लिए लोन के दरवाजे बंद हो जाते हैं।
इसलिए जरूरी है कि लाइफस्टाइल से जुड़ी लोन के लिए तुरंत हामी भरने से पहले सोच-विचार कर लेना चाहिए। अपने क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप पूरी बकाया राशि समय पर भरें, न कि केवल न्यूनतम बकाया। ये छोटे-छोटे प्रयास मुश्किल समय में आपकी मदद करते हैं।
4. धैर्य रखें, अस्थिरता से घबराएं नहीं
पर्सनल फाइनेंस में निवेश का काफी अधिक महत्व होता है। यदि आपने इक्विटी बाजार में अच्छा-खासा निवेश किया है, तो आपको अल्पावधि की अस्थिरता की वजह से आने वाले छोटे-मोटे झटकों से घबराना नहीं चाहिए। इक्विटी दीर्घावधि में आपको महंगाई दर से बेहतर रिटर्न देने का माद्दा रखती हैं।
साल 2020 में बाजार में आफरातफरी मची और बाजार चंद दिनों में 40% तक टूट गए। हालांकि, जल्द ही बाजार में तेजी लौटी और बाजार ने 87% की छलांग लगाकर नए शिखर स्तर हासिल किए। जिन निवेशकों ने बाजार की अस्थिरता के दौरान अपने निवेश पर भरोसा जताया, उन्हें इस तेजी का भरपूर फायदा मिला। सबक यही है कि घबराएं बिना अपने निवेश से निकासी करना सही नहीं, जिससे कागजी नुकसान वास्तविक घाटा बन जाए।
5. पेशेवर सलाह लें
वित्त और निवेश से जुड़ी काफी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है, मगर पेशेवर सलाह और विशेषज्ञता का कोई विकल्प नहीं होता। हर शख्स की नकदी का स्तर, आय, जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्य अलग होता है।
जैसे हर मर्ज की एक दवा नहीं होती। इसी तरह निवेश की दुनिया में भी हर रणनीति सभी के निवेशकों के लिए नहीं होती। जरूरी है कि मोबाइल या इंटरनेट पर मिलने वाली चालू-मसाला जैसी टिप्स से बचते हुए ऐसे एक्सपर्ट की सलाह लें।
निष्कर्ष
पर्सनल फाइनेंस के ये सबक आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास सही योजना है, ताकि आप छोटे-छोटे कदमों के जरिए जीवन के बड़े लक्ष्य हासिल कर सकें। अपने लिए बजट बनए, गैर जरूरी खर्च से बचें और सभी विकल्पों के बारे में जानकारी हासिल करें, जिससे आपकी राह आसान हो सके।
(लेखक Edelweiss Wealth Management के प्रमुख हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)