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Investment Options For Senior Citizens: वरिष्ठ नागरिक इन 3 योजनाओं में निवेश कर कमा सकते हैं बंपर रिटर्न, जानिए और क्या हैं फायदे

Investments options for Senior Citizens SCSS में साठ साल की आयु से अधिक के व्यक्ति इस योजना में सिंगल या अपने पति/पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस योजना के तहत अकाउंट किसी भी पोस्ट ऑफिस या किसी भी अधिकृत बैंक में जाकर खुलवाया जा सकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 09:03 AM (IST)
Investment Options For Senior Citizens: वरिष्ठ नागरिक इन 3 योजनाओं में निवेश कर कमा सकते हैं बंपर रिटर्न, जानिए और क्या हैं फायदे
निवेश के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, बलवंत जैन। मेरे एक पत्रकार मित्र, जो अपनी 60 साल की आयु पूरी कर रिटायर्ट हो गए हैं, ने सीनियर सिटीजंस के लिए उपलब्ध अपेक्षाकृत बेहतर रिटर्न वाले व सुरक्षित निवेश विकल्प के बारे में मेरी राय जानने के लिए मुझे कॉल किया। वहीं, से मुझे यह लेख लिखने का विचार आया। आइए अब हम सीनियर सिटीजंस के लिए उपलब्ध अपेक्षाकृत बेहतर रिटर्न वाले व सुरक्षित निवेश विकल्पों के बारे में चर्चा करते हैं।

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सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम ( SCSS)

साठ साल की आयु से अधिक के व्यक्ति इस योजना में सिंगल या अपने पति/पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस योजना के तहत अकाउंट किसी भी पोस्ट ऑफिस या किसी भी अधिकृत बैंक में जाकर खुलवाया जा सकता है। गैर-निवासी भारतीय (NRI) और भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में निवेश करने के योग्य नहीं है। जो लोग स्वैच्छिक सेवानिवृति लेते हैं, वे इस योजना में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, वे 60 साल की आयु से पहले तो यहां निवेश कर सकते हैं, लेकिन उन्हें 55 साल की आयु के बाद ही यहां निवेश की अनुमति है। इसी तरह जो लोग डिफेंस सर्विस से रिटायर्ड होते हैं, वे 50 साल की आयु के बाद कभी भी सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के तहत अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं। इन दोनों मामलों में अकाउंट रिटायरमेंट राशि मिलने के एक महीने के अंदर खोलने की जरूरत होती है।

इस योजना के तहत एक या एक से अधिक खाते खुलवा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि 1,000 रुपये है, लेकिन सभी खातों में एक समय पर कुल 15 लाख रुपये से अधिक राशि नहीं हो सकती। इस योजना के अंतर्गत खाते में पांच साल की एक प्रारंभिक समयावधि होती है, जिसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। आप एक साल बाद खाते से धन की निकासी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए पेनल्टी देनी होगी। हालांकि, अगर आप पहले साल में ही निकासी कर रहे हैं, तो भुगतान किया गया पूरा ब्याज वापस रिकवर किया जाता है।

मौजूदा तिमाही के दौरान इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर 7.4 फीसद ब्याज दर लागू होगी, जो पूरे पांच साल की अवधि के लिए लागू होगी। ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर होगा और पहले ब्याज को समायोजित किया जाता है, ताकि बाद के सभी भुगतान त्रैमासिक हो सकें। एससीएसएस योजना के तहत ब्याज करयोग्य होता है और यह स्रोतों पर कर कटौती के अधीन है।

इस योजना के तहत जमा की गई राशि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के योग्य होती है। इस तथ्य को देखते हुए यह लाभ महत्वपूर्ण है कि धारा 80सी के तहत आने वाले दूसरे विकल्प जैसे- लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम (life insurance premium), पेंशन योजना (pension plan) के लिए भुगतान, पीपीएफ खाते (PPF account) में योगदान, यूलिप (ULIP), होम लोन का पुनर्भुगतान आदि सीनियर सिटीजंस के लिए व्यवहारिक या आकर्षक नहीं होते। 

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY)

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के अतिरिक्त सीनियर सिटीजंस के पास उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए अन्य 15 लाख रुपये निवेश करने का एक और विकल्प है, जिसका नाम है प्रधानमंत्री वय वंदना योजना। अगर आपने मासिक भुगतान को चुना है, तो यह विकल्प 7.40 फीसद सालाना ब्याज पर पेंशन की गारंटी देता है। आप तिमाही, अर्द्धवार्षिक या सालाना आधार पर पेंशन पाने का विकल्प भी चुन सकते हैं और ब्याज दर इसके अनुसार लागू हो जाएगी। दर दस वर्षों के लिए तय है और दस वर्षों के आखिर में आपको पूरी मूल राशि वापस मिल जाएगी। यह योजना केवल भारतीय नागरिको के लिए खुली है। इस योजना का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा किया जाता है और इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। 

हालांकि, SCSS के विपरीत इस योजना में जमा की गई राशि पर कोई कर छूट नहीं मिलती है। यहां एन्युटी के भुगतान पर कर कटौती का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन आपको एन्युटी की जो राशि प्राप्त होती है, वह करयोग्य है। आप इस अकाउंट से दस साल पूरा होने से पहले निकासी कर सकते हैं, लेकिन केवल विषम परिस्थितियों में, जैसे- स्वयं या पति/पत्नी की किसी बड़ी बीमारी के इलाज के लिए, लेकिन मूल राशि से 2 फीसद कटौती के साथ।

आप तीन साल बाद अपने द्वारा जमा की गई राशि के 75 फीसद तक का लोन भी ले सकते हैं। इस लोन पर ब्याज की राशि आपको मिलने वाली पेंशन में समायोजित होगी। वहीं, अगर लोन की किसी राशि का भुगतान नहीं होता है, तो वह भुगतान होने वाली मूल राशि में समायोजित हो जाती है। 

आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स

आपके द्वारा  SCSS और PMVVY के तहत प्रत्येक में उपलब्ध 15 लाख की सीमा समाप्त करने के बाद, आप आरबीआई द्वारा जारी सात साल की अवधि वाले फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं। यहां कोई आयुसीमा नहीं है। साथ ही इन बॉन्ड्स में निवेश के लिए कोई अधिकतम राशि की सीमा भी नहीं है। ये बॉन्ड्स अधिकृत बैंकों से ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यमों से खरीदे जा सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति जो, भारत का नागरिक है, वह इन बॉन्ड्स में निवेश कर सकता है। एक निवासी अगर बाद में गैर-निवासी हो जाए, तो उसे ये बॉन्ड्स रखने की अनुमति जारी रहती है। SCSS और PMVVY के विपरीत, जहां ब्याज दर पूरी अवधि के दौरान निश्चित रहती है, इन बॉन्ड्स में ब्याज चलायमान रहता है और आरबीआई द्वारा हर छमाही के लिए ब्याज दर तय की जाती है।

वर्तमान में यहां ब्याज दर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (NSC) पर मिलने वाल ब्याज दर से 0.35 फीसद अधिक है। इसलिए एनएससी पर ब्याज दर में बदलाव होने पर इन बॉन्ड पर मिलने वाली ब्याज दर में भी बदलाव होगा। इन बॉन्ड्स पर ब्याज करयोग्य होता है और स्रोतों पर कर कटौती के अधीन है।

साठ से सत्तर साल की आयु के बीच के व्यक्तियों को सात साल की अवधि के बाद इन बॉन्ड्स के प्री-मैच्योर रिडम्पशन की अनुमति है। जो बॉन्डधारक 70 से 80 साल की आयु के बीच के हैं, वे पांच साल के बाद कभी भी रिडम्पशन कर सकते हैं। वहीं जो बॉन्डधारक 80 साल से अधिक आयु के हैं, वे चार साल की बॉन्ड अवधि के बाद रिडम्पशन कर सकते हैं।

(लेखक टैक्स और निवेश विशेषज्ञ हैं और अपनापैसा के चीफ एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)


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