कम समय में मालामाल होने के लिए इन 9 फंड्स में कर सकते हैं निवेश, जानिए हर ऑप्शन से जुड़ी खास बातें
PPF इस निवेश योजना को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है। पीपीएफ में निवेश करने में जोखिम बहुत ही कम होती है (मूल राशि और ब्याज सरकार द्वारा सुरक्षित है और कर-मुक्त है) और साथ ही यह निवेश दीर्घकालिक भी है।
नई दिल्ली, लिज्जी चैपमैन। आप में से कई लोग आश्चर्य करते हैं कि हर महीने अपनी तनख्वाह से जो पैसा बचता है, उसका क्या करें। जवाब है, उसे निवेश करें। अब आपके मन में सवाल उठता होगा कि निवेश क्यों करना चाहिए? इसका उत्तर है कि पैसों को बैंक में रखने की बजाय निवेश करके आप अधिक पैसे कमा सकते हैं। वित्तीय सुरक्षा हासिल करने और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निवेश करना महत्वपूर्ण है। कड़ी मेहनत से लक्ष्य प्राप्ति होती है यह बात सच है लेकिन यह एकमात्र तरीका नहीं है; अगर आप सही तरीके से निवेश करते हैं, तो आपका पैसा आपके लिए कड़ी मेहनत करेगा।
आइए भारतीयों के लिए उपलब्ध निवेश के 9 सबसे अच्छे विकल्पों के बारे में जानते हैंः
1. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF): इस निवेश योजना को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है। पीपीएफ में निवेश करने में जोखिम बहुत ही कम होती है (मूल राशि और ब्याज सरकार द्वारा सुरक्षित है और कर-मुक्त है) और साथ ही यह निवेश दीर्घकालिक भी है। सरकार द्वारा पीपीएफ के ब्याज दर को हर तिमाही में संशोधित किया जाता है। मौजूदा ब्याज दर 7.10% है। पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष होती है, लेकिन आप 6 वर्ष के बाद अपने पीपीएफ खाते से आंशिक निकासी कर सकते हैं। हर साल आप एक पीपीएफ खाते में 1.5 लाख रुपयों तक का निवेश कर सकते हैं और इस राशि पर कर छूट का प्रावधान है।
2. म्यूचुअल फंड निवेश: निवेश की शुरूआत कर रहे लोगों को म्युचुअल फंड में निवेश शायद डरावना लग सकता है क्योंकि वो मार्केट से जुड़े होते हैं, जिसका अर्थ है बहुत ज्यादा जोखिम। लेकिन फिर भी म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले लाभ इतने ज्यादा होते हैं कि उन्हें अनदेखा करना जोखिम से डरने से ज्यादा मुश्किल है। म्यूचुअल फंड्स द्वारा कई वित्तीय साधनों में निवेश किए जाते हैं, जैसे कि स्टॉक्स, डेट और इक्विटी और उनसे मिलने वाले लाभ फंड के प्रदर्शन पर निर्धारित होते हैं।
3. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS): इस स्कीम को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (पीएफआरडीए) रेगुलेट करता है। यह निवेशकों को इक्विटी और डेट जैसे मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाने देता है और इन के प्रदर्शन से मिलने वाले लाभ पर पेंशन की अंतिम राशि निर्भर करती है। 18 और 60 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्ति इसमें निवेश करते हैं, अधिकतम आयु को 70 तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें अन्य योजनाओं की तुलना में अधिक लाभ मिलते हैं, 50000 रुपयों तक के कर लाभ मिलते हैं और अपना खाता खोलने के तीन साल बाद निवेशक एनपीएस से 25% तक की रकम की निकासी सकते हैं।
4. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) बीमा कंपनियों द्वारा पेश किया जाता है और निवेशकों को एक ही योजना में बीमा और निवेश दोनों विकल्प प्रदान करता है। निवेशकों को एक प्रीमियम का भुगतान करना होता है, जो मासिक या सालाना किया जा सकता है। इसका एक हिस्सा बीमा कवर में जाता है, और शेष हिस्से को आपकी पसंद (हाइब्रिड, डेट या इक्विटी) के म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है।
5. सावधि जमा
समय की निश्चित अवधि (इसलिए इसे फिक्स्ड डिपाजिट कहा जाता है) पर निश्चित लाभ की गारंटी के कारण काफी लोकप्रिय हुए निवेश विकल्पों में से एक है। फिक्स्ड डिपाजिट अधिकांश बैंकों में किए जा सकते हैं। 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के एफडी किए जा सकते हैं। 5 से 10 साल तक की अवधि के लिए टैक्स सेविंग के लाभ भी पाए जा सकते हैं। निवेश के समय, संचयी जमा या गैर-संचयी जमा इनमें से एक विकल्प आप चुन सकते हैं।
6. रियल एस्टेट
तेजी से बढ़ता हुए क्षेत्र रियल एस्टेट हॉस्पिटालिटी, आवास, रिटेल और कई क्षेत्रों में काफी प्रभावी है। निवेश में जोखिम कम है और प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने की संभावनाएं ज्यादा हैं। लेकिन इस निवेश को तुरंत लिक्विडेट करना (उससे पैसे पाना) मुश्किल हो सकता है क्योंकि प्रॉपर्टी को बेचने में समय लग सकता है, फिर भी दीर्घकालिक निवेश के रूप में यह एक अच्छा विकल्प है। अगर आप काफी ज्यादा लाभ पाना चाहते हैं तो रियल एस्टेट म्युच्युअल फंड्स में या रिटेल या कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करें जिससे आपके निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद मिलती है।
7. सीधे इक्विटी में निवेश
सीधे इक्विटी में निवेश करना हर किसी के बस की बात नहीं , इसमें मिलने वाले लाभ पूरी तरह से मार्केट से जुड़े होने की वजह से पूंजी की कुछ रकम डूब जाने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इतनी जोखिम के बावजूद सीधे इक्विटी में निवेश करने से उच्चतम लाभ प्राप्त होते हैं, जिसके कारण यह एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है। ध्यान दें कि आपको प्रत्यक्ष इक्विटी में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की आवश्यकता होगी। आप जिन शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, उनके बारे में सावधानीपूर्वक शोध करें, साथ ही साथ बाजार में प्रवेश करने और बाहर निकलने पर सावधानीपूर्वक ध्यान दें। ये 1, 3 और 5 साल के कार्यकाल में 13 प्रतिशत, 8 प्रतिशत और 12.5 प्रतिशत के लाभ देने वाला दीर्घकालिक निवेश विकल्प है। ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार लोगों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है।
8. गोल्ड ईटीएफ
भारतीयों का सोने के प्रति प्यार मानो किसी जूनून की तरह है। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो उससे ज्यादा लाभ पाना चाहते हैं तो आपको गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश पर जोर देना चाहिए। गोल्ड ईटीएफ सोने की कीमतों पर आधारित होते हैं और इनमें निवेश और स्टॉक्स (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में खरीदे और बेचे जाने वाले स्टॉक्स) का संयोजन होता है। गोल्ड ईटीएफ बाजार से जुड़े हुए हैं, इसलिए उनमें जोखिम थोड़ी ज्यादा होती है, इसलिए यहां निवेश करने से पहले पूरी तरह से शोध करना सबसे अच्छा है। फिर भी कुल मिलाकर जोखिम कम है, क्योंकि वास्तविक सोने की खरीदारी में सोना सुरक्षित रखने के लिए जगह, पैसे और चार्जेज लगते हैं उनसे आप बचते हैं।
9. आरबीआई टैक्सेबल बॉन्ड्स
आरबीआई का टैक्सेबल बॉन्ड सरकार द्वारा रेगुलेटेड है, इसलिए इसमें मूल राशि पूरी तरह से सुरक्षित रहती है। ब्याज दर अन्य निवेश विकल्पों की अपेक्षा कम 7.75 प्रतिशत है, साथ ही जोखिम भी कम है। यह बॉन्ड्स केवल डीमैट मोड में जारी किए जाते हैं, इसलिए आपके पास डीमैट खाता होना ज़रूरी है। उन्हें आपके बॉन्ड लेजर खाते में जमा कर दिया जाता है (आरबीआई में खाता) और उनके साथ होल्डिंग्स का प्रमाण पत्र दिया जाता है। निवेश काल 7 साल है, जिसमें निवेश कितना करना है इस पर कोई कैप नहीं है।
(लेखिका ZestMoney की सीईओ और को-फाउंडर हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)