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स्मार्ट लोग भी जीवन बीमा लेते समय करते हैं गलतियां, जानें किस चूक की वजह से नहीं मिलेगा क्‍लेम

जोखिम प्रबंधन के टूल के रूप में जीवन बीमा पॉलिसी होल्डर के नहीं रहने पर उनके परिवार के लोगों के हितों की रक्षा करता है। आइए जानते हैं कि किस तरह की गलतियां लोग आम तौर पर करते हैं और उससे बचने के पुख्ता उपाय क्या हैं। 

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 06:32 AM (IST)
स्मार्ट लोग भी जीवन बीमा लेते समय करते हैं गलतियां, जानें किस चूक की वजह से नहीं मिलेगा क्‍लेम
Smart people also make mistakes regarding life insurance, know which mistake will not get the claim (PC: pixabay)

अनूप सेठ, नई दिल्‍ली। आपके फाइनेंशियल तौर पर बहुत समझदार होने के बावजूद इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कई बार आपके लिए गए फैसले गलत साबित हों। बजट बनाने में गलत कदम उठाना, काफी अधिक खरीदारी और आपात स्थिति के लिए पर्याप्त तैयारी का न होना और कई अन्य चीजें इस चीज का उदाहरण हो सकती हैं। इस तरह से कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति वित्तीय फैसलों में गलतियों से अछूता नहीं है। गलती करना कोई बुरी बात नहीं है। अपनी जरूरतों और हितों को चिह्नित करना और सीखना प्रायः आपके लिए सबसे उपयुक्त वित्तीय प्रबंधन सीखने का सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि, जीवन बीमा एक ऐसा साधन है, जिसमें गलती करना आपके लिए बहुत भारी पड़ सकता है। इसमें अगर आप किसी भी प्रकार की गलती करते हैं तो इसका खामियाजा आप पर निर्भर लोगों को उठाना पड़ता है। जोखिम प्रबंधन के टूल के रूप में जीवन बीमा पॉलिसी होल्डर के नहीं रहने पर उनके परिवार के लोगों के हितों की रक्षा करता है। आइए, जानते हैं कि किस तरह की गलतियां लोग आम तौर पर करते हैं और उससे बचने के पुख्ता उपाय क्या हैं। 

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टर्म इंश्योरेंस नहीं खरीदना

लोग आम तौर पर अपना धन बढ़ाने पर जोर देते हैं और इसी को लक्ष्य करके निवेश साधन के रूप में इंश्योरेंस खरीदते हैं। वे यह कहते हुए टर्म इंश्योरेंस खरीदने से बचते हैं कि पहले से मौजूद निवेश आधारित इंश्योरेंस में लाइफ कवर शामिल है या उन्होंने अन्य इंस्ट्रुमेंट्स के जरिए काफी रकम बना लिए हैं। हालांकि, अधिकतर लोग इस बात के महत्व को नहीं समझते हैं कि टर्म प्लान का बुनियादी लक्ष्य वित्तीय स्थिरता को प्रभावित किए बिना आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना है। आपका निवेश प्रायः बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट जैसे निवेशों से जुड़ा होता है। कोई भी व्यक्ति शायद ही अपने परिवार की वित्तीय निरंतरता के लिए फंड क्रिएट करता है। ऐसे में अगर आप पर कोई व्यक्ति निर्भर है तो टर्म प्लान वैकल्पिक नहीं बल्कि अपरिहार्य है। 

हर मर्ज की एक ही दवा नहीं होती है

जीवन बीमा लंबी अवधि का समाधान होता है जिसमें पॉलिसी होल्डर को सीधे तौर पर शायद ही कभी कोई लाभ होता है क्योंकि इसे आप पर निर्भर लोगों के लिए खरीदा जाता है। तत्काल फायदे की चाह में लोग लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय ज्यादा की ‘चाह’ रखते हैं। इसके साथ ही एक और गलती बार-बार लोग दोहराते हैं, वह है एक समाधान से कई लक्ष्यों को साधने की कोशिश। इससे आपके हर लक्ष्य के लिए प्रोविजनिंग कम पड़ जाती है। ऐसे में यह याद रखना अहम है कि जीवन बीमा जीवन के अहम पड़ाव से जुड़ी वित्तीय जरूरतों का संरक्षण करता है। ऐसे में हर लक्ष्य के लिए एक खरीद भविष्य में आपकी जीवन गुणवत्ता को पटरी से उतार सकता है।  

सभी तरह की जानकारी का खुलासा नहीं करना

कई स्मार्ट लोग पूरी जानकारी नहीं देकर सबसे बड़ी गलती करते हैं। उन्हें लगता है कि वे जानते हैं कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय किस चीज की जानकारी देनी चाहिए और किसी चीज की जानकारी नहीं देनी चाहिए। इस पूरी खरीदारी के प्रोसेस में व्यक्ति के रिस्क प्रोफाइल (फाइनेंशियल और मेडिकल) से जुड़ा अंडरराइटिंग सबसे अहम होता है। प्रीमियम में बढ़ोतरी न हो, इससे बचने के लिए लोग पूरी जानकारी नहीं देते हैं। इस तरह की गलतियों की वजह से इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम को खारिज कर देती हैं। इससे पॉलिसी को खरीदने का पूरा मकसद बेकार चला जाता है।

परिवार को जानकारी नहीं होना

अपने वित्तीय फैसलों के बारे में अपने ऊपर निर्भर लोगों को जानकारी नहीं देना सबसे बड़ी गलती है। लाइफ इंश्योरेंस खरीदने का असली मकसद पूरा नहीं होगा अगर आप पर निर्भर लोगों को आपकी पॉलिसी का विवरण नहीं मालूम होगा।

लाइफ कवर की समीक्षा है जरूरी

लाइफ इंश्योंरेंस लंबी-अवधि का इंस्ट्रुमेंट है। लोगों को आम तौर पर ऐसा लगता है कि एक बार खरीदने के साथ ही आपका मकसद पूरा हो गया। हालांकि, आप जैसे-जैसे जीवन के विभिन्‍न पड़ावों से गुजरते हैं, आपके जीवन की वित्तीय बाध्यताएं भी बदलती हैं। इसलिए अपने लाइफ कवर की समीक्षा करना जरूरी होता है। ऐसा साल में कम-से-कम एक बार करना जरूरी होता है।

इंस्ट्रुमेंट्स की तुलना

स्मार्ट लोग द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी गलतियों में से एक यह है कि वे इंश्योरेंस और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के बीच तुलना करते हैं। उदाहरण के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना प्रायः गारंटीड इंश्योरेंस प्लान से होती है। हालांकि, FDs और गारंटीड प्लान का मकसद अलग-अलग होता है। इनमें से एक सेविंग प्रोडक्ट है जबकि दूसरा संपत्ति के सृजन से जुड़ा समाधान है। इसी तरह ULIP की तुलना प्रायः SIP से की जाती है। इन दोनों की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि इन दोनों का मकसद अलग-अलग है और दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं।

हर वित्तीय फैसले का एक लक्ष्य होता है और लाइफ इंश्योरेंस के मामले में मकसद साफ है- आपके परिवार के सपने और आकांक्षाओं की सुरक्षा। किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए अपने आप से यह पूछना चाहिए कि मैं किस तरह अपने परिवार की वित्तीय निरंतरता को बिना किसी परेशानी के जारी रख सकता हूं। आप जब इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में होंगे तो हर चीज सही तरीके से हो जाएगी।

(लेखक एडलवाइज टोक्यो लाइफ के चीफ डिस्ट्रिब्यूशन ऑफिसर हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)


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