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Financial Planning: बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आजमाएं ये टिप्स, बता रहे हैं एक्सपर्ट

अगर आपको बेटी है और उसकी उम्र 10 साल से कम है तो सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना इस समय के वक्त में निवेश के लिए सबसे बेहतर और एफोर्डेबल विकल्प है। आप महज 250 रुपये से सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवा सकते हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 07:15 AM (IST)
Financial Planning: बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आजमाएं ये टिप्स, बता रहे हैं एक्सपर्ट
युवा पीढ़ी में विदेश में पढ़ने की इच्छा लगातार बढ़ रही है।

नई दिल्ली, अनूप सेठ। हम सभी अब सुखद और आरामदायक दौर से बाहर निकल चुके हैं। पहले के समय में अधिकतर चीजों को लेकर बहुत कम विकल्प होते थे और उनकी तैयारी बहुत आसान होती थी। हालांकि, ग्लोबलाइजेशन और इंटरनेट युग में सभी के समक्ष बड़ी संख्या में अवसर मौजूद हैं। इनमें आपके बच्चे भी शामिल हैं। उनकी आकांक्षाएं अब आसमान छू रही हैं और जरूरी शिक्षा अब काफी महंगी हो गई है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के हालिया आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2008 से वर्ष 2014 के बीच सामान्य शिक्षा (प्राइमरी से स्नातकोत्तर और ऊपर) पर होने वाले निजी खर्च में 175 फीसद का भारी उछाल दर्ज किया गया। इसी अवधि में प्रोफेशनल और टेक्निकल एजुकेशन पर होने वाले वार्षिक खर्च में औसतन 96 फीसद की बढ़ोत्तरी देखने को मिली।  

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इन खर्चों में कोर्स की फीस के साथ किताब, ट्रांसपोर्टेशन, प्राइवेट कोचिंग और अन्य संबंधित खर्च शामिल थे। ऐसे में यह माना जा सकता है कि 2014 के बाद से इन खर्चों में और अधिक बढ़ोत्तरी हुई है।

एक अनुमान के मुताबिक भारत में शिक्षा में महंगाई दर औसत आधार पर 10-12% के आस-पास रहती है। अगर हम शिक्षा पर होने वाले खर्च में बढ़ोत्तरी को 6-8 फीसद पर रखें तो भी इसका हमारे घर के बजट पर काफी तगड़ा असर देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए अगर भारत में इस समय इंजीनियरिंग करने पर औसतन छह लाख रुपये और एमबीए पर 10 लाख रुपये खर्च होते हैं तो 15 साल बाद इन पर होने वाला खर्च बढ़कर क्रमशः 15 लाख रुपये और 30 लाख रुपये के ऊपर चला जाएगा। 

ये तो सिर्फ भारत की स्थिति है। नयी पीढ़ी (जनरेशन जेड और जनरेशन अल्फा) के लिए विदेश में पढ़ाई करना जीवन के अहम लक्ष्य में शामिल हो चुका है। बड़ी संख्या में इस पीढ़ी के छात्र अपने करियर को गति देने के लिए दूसरे देशों के टॉप के यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने के लिए कोशिशों में लगे हैं। अब ऐसे वक्त में बच्चों के भविष्य को लेकर किसी भी तरह की प्लानिंग के फैसले को आप टाल नहीं सकते हैं। अगर आपने हाल में शादी की है या पैरेंट्स बने हैं तो इस बारे में तत्काल गौर करने की जरूरत है। 

बच्चों के भविष्य से जुड़ी प्लानिंग के लिए इन टिप्स को आजमाइए

1. जल्द शुरुआत

भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जल्द-जल्द से प्लानिंग करना काफी अहम होता है। बहुत संभव है कि बच्चे के कुछ अपने सपने होंगे और पैरेंट के तौर पर आप भी उसकी क्षमता को आंकते हैं। ऐसे में उनकी संभावित शिक्षा पर होने वाले खर्च का एक खाका तैयार कीजिए। इसमें महंगाई दर को शामिल करना भी जरूरी है और इन वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में काम करना शुरू कर दीजिए। 

कई बार पैरेंट्स बच्चों की शिक्षा शुरू होने का इंतजार करते हैं और कई बार अपने सपने को उनपर थोपने लगते हैं। मेरे ख्याल में यह बहुत बड़ी चूक होती है। जल्द-से-जल्द शुरुआत और सेविंग करने से आपके पास जमा पूंजी में लगातार वृद्धि होती है। इससे लंबी अवधि में काफी फायदा होता है। इसके साथ ही आपके पास करेक्शन का मौका भी होता है।

सुकन्या समृद्धि योजना

अगर आपको बेटी है और उसकी उम्र 10 साल से कम है तो सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना इस समय के वक्त में निवेश के लिए सबसे बेहतर और एफोर्डेबल विकल्प है। आप महज 250 रुपये से सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवा सकते हैं। आपको इस अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए हर साल न्यूनतम 250 रुपये का निवेश करना होता है। इस योजना में निवेश की सबसे अच्छी वजह यह है कि आपकी बच्ची के 18 साल तक होने तक यह लॉक रहता है। इस स्कीम की अवधि 21 साल होती है लेकिन बच्ची के 18 साल के होने के बाद शिक्षा से जुड़े खर्च के लिए आंशिक निकासी की जा सकती है। वहीं, किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आप पांच साल बाद ही निकासी कर पाएंगे। इससे तात्कालिक तौर पर पैसे की जरूरत पड़ने पर मदद मिल जाती है। 

इस स्कीम पर सामान्य रूप से पीपीएफ से भी ज्यादा ब्याज मिलता है और यह टैक्स फ्री है। 

अपना बीमा कराएं

माता-पिता का नहीं होना बच्चों के सपने के लिए सबसे खतरनाक होता है। बच्चे वित्तीय रूप से आप पर निर्भर होते हैं। पैरेंट की असामयिक मौत या विकलांगता से बच्चों के भविष्य के सपने टूटने लगते हैं। ऐसे में खुद के लिए टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना बहुत जरूरी होता है। वास्तव में जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है और अपने इंश्योरेंस प्लान में परिवार के सदस्यों को जोड़िए। अपनी सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों की समीक्षा करना आवश्यक है। 

अपनी शिक्षा से जुड़ी आकांक्षाओं को लेकर प्लानिंग करें

युवा पीढ़ी में विदेश में पढ़ने की इच्छा लगातार बढ़ रही है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए किसी भी पैरेंट को कम-से-कम 10-15 साल एडवांस में फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले आपको विदेश में शिक्षा में भविष्य में आने वाली लागत का आकलन करना चाहिए। इस चीज को ऐसे समझते हैं कि अगर विदेश में पढ़ाई करने में इस समय 20 लाख रुपये का खर्च आ रहा है तो छह फीसद की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखने के बाद 15 साल बाद यह लागत 50 लाख रुपये हो जाएगी। 

आप रिस्की और सेफ इंस्ट्रुमेंट्स के सामंजस्य के साथ बहुत सोच-समझकर योजना बनाकर इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। निफ्टी 50 इंडेक्स फंड्स या गारंटीड इंश्योरेंस प्लान्स से आपको लंबे समय में अपने पैसे में उतरोत्तर वृद्धि में मदद मिलती है। इससे साथ-ही-साथ आपके भविष्य के लक्ष्य भी पूरे हो जाते हैं और भविष्य में आपको कर्ज भी नहीं लेना पड़ेगा।

बच्चों में पैसे से जुड़ी अच्छी आदतें डालें

अपने बच्चों में पैसे-रुपये से जुड़ी अच्छी आदतों को डालना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे एक निश्चित आयु के बाद आपके बच्चे खुद से अपने रुपये को मैनेज कर पाएंगे। बहुत कम उम्र में उन्हें आपको बजट तैयार करने, टैक्सेसन और रुपये-पैसे से जुड़ी जरूरी बातें उनके दिमाग में डालना आपके लिए अहम है। इससे परिवार से दूर रहने पर वे खुद से अपने रुपये-पैसों को मैनज कर पाएंगे। 

निष्कर्ष

बच्चों के भविष्य की प्लानिंग की नींव बहुत शुरुआती समय में डालना बहुत जरूरी है। इससे लंबी अवधि में आपके कमाये हुए पैसों में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

(लेखक Edelweiss Tokio Life Insurance के चीफ रिटेल ऑफिसर हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)


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