भारत को सशक्त बनाने वाला बजट, ग्रामीण क्षेत्र में आम लोगों के हाथों में आएगा ज्यादा पैसा और बढ़ेगी खपत
Budget 2020 धन का अधिकांश हिस्सा बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्र में पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च किया जाएगा-इन दोनों क्षेत्रों में विकास का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
[संगीता रेड्डी]। वर्ष 2020 के लिए बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत, भारतीयों और उद्योग जगत को सशक्त बनाने का प्रयास किया है। वित्त मंत्री जिन बाधाओं को सामना कर रही थीं, उसको देखते हुए यह बजट कई मायनों में अग्रणी है।
ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था को राजकोषीय बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम में विचलन धारा लागू कर और चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.8 फीसद लाकर और अगले साल के लिए इसे 3.5 फीसद पर लाने का लक्ष्य निर्धारित कर सरकार ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के अपने संकल्प को रेखांकित कर दिया है।
आम आदमी के हाथ में आएगा ज्यादा पैसा
सरकार को फिक्की की तरफ से मुख्य सलाह भी यही दी गई थी। इससे हम उम्मीद करते हैं कि आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसा जाएगा और जिसके परिणाम स्वरूप खपत बढ़ेगी और औद्योगिक विकास होगा। इस धन का अधिकांश हिस्सा बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्र में पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च किया जाएगा-इन दोनों क्षेत्रों में विकास का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
सरकार प्रधानमंत्री-किसान योजना के तहत भुगतान की फ्रंट लोडिंग पर विचार कर सकती है, क्योंकि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ाने में मददगार हो सकता है।
बजट भाषण में समाज में धन पैदा कर रहे लोगों के महत्व पर एकबार फिर बल दिया गया है जो उत्साहजनक है और इससे देश में व्यवसाय के लिए एक साकारात्मक माहौल के निर्माण में मदद मिलनी चाहिए।
समाज के सभी वर्गों के कल्याण को बढ़ावा
बजट का प्रस्तुतिकरण और वित्त मंत्री द्वारा उसे पेश करने की तैयारी दोनों ही रोचक और व्यापक थी। प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दृष्टिकोण के अनुरूप यह बजट देश के लोगों के जीवन की सहजता बढ़ाने और समाज के सभी वर्गो के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों को उल्लिखित करता है।
किसी भी अर्थव्यस्था के विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, और कौशल विकास जैसे सामाजिक क्षेत्रों का विकास अहम है। बजट में इन प्रत्येक क्षेत्रों के लिए उचित धन का आवंटन कर पूरा ध्यान दिया गया है। उद्यमिता और रोजगार बढ़ाने के लिए उठाए गए अन्य कई छोटे-छोटे कदमों से देश के युवाओं की आकांक्षाएं पूरी होंगी।
एक नई व्यवस्था की शुरुआत
बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने की योजना, व्यक्तिगत आयकर ढांचे का पुनर्गठन और एक नई व्यवस्था की शुरुआत, बिजली कंपनियों पर टैक्स में 15 फीसद राहत पर स्पष्टीकरण, किफायती आवास क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन अवधि का विस्तार और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश पर सॉवरिन वेल्थ फंड पर कर में छूट जैसे कुछ अन्य उपाय भी ध्यान खिंचते हैं।
वित्तमंत्री द्वारा लांग-टर्म कैपिटेल गेन टैक्स को हटाने, रियल एस्टेट क्षेत्र में नई कंपनियों के लिए अनुमति देने के उपाय और मोटर वाहन क्षेत्र को प्रोत्साहन देने पर विचार किया जा सकता था।
(लेखिका फिक्की की प्रेसीडेंट हैं)