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बदलेगी गांवों की तस्‍वीर, स्वामित्व योजना अब पूरे देश में होगी लागू, सबको मिलेगा मालिकाना हक

वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में ग्रामीण विकास की योजनाओं को पूरा महत्व मिला है। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत छह राज्यों के 1241 गांवों के लगभग पौने दो लाख ग्रामीणों को उनके मकानों का मालिकाना हक प्रदान कर दिया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:06 AM (IST)
बदलेगी गांवों की तस्‍वीर, स्वामित्व योजना अब पूरे देश में होगी लागू, सबको मिलेगा मालिकाना हक
स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा।

नई दिल्ली, जेएनएन। सरकार की प्राथमिकताओं में गांव के शुमार होने की वजह से आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में ग्रामीण विकास की योजनाओं को पूरा महत्व मिला है। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत छह राज्यों के 1241 गांवों के लगभग पौने दो लाख ग्रामीणों को उनके मकानों का मालिकाना हक प्रदान कर दिया गया है। योजना की सफलता के बाद अब इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा।

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ग्रामीण विकास के लिए 40 हजार करोड़

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अपने बजट भाषण में इसका एलान किया। ग्रामीण विकास इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह 10 हजार करोड़ रुपये अधिक है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने वाली लोकप्रिय मनरेगा के लिए 71 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया गया है।

ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर

आम बजट में ग्रामीण विकास के कई क्षेत्रों में नई पहल की गई है। ग्रामीण बुनियादी ढांचे को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है। कोरोना काल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों से लौटे युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार ने मनरेगा का सहारा लिया था। इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रविधान किया गया था, जिसका पूरा उपयोग कर लिया गया।

मनरेगा के लिए 71,000 करोड़ रुपये

आगामी वित्त वर्ष के आम बजट में मनरेगा के लिए 71,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कई राज्यों में पंचायतों के चुनाव होने की वजह से भी इसमें कोई कटौती नहीं की गई है। वैसे भी यह मांग आधारित योजना है।

लोन लेने का रास्ता हो जाएगा साफ

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना देश के कुछ राज्यों के सीमित जिलों में चलाई गई। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के स्वामित्व का कानूनी हक दिया जाता है। इससे गांवों में मकान बनाने अथवा बने मकानों पर बैंकों से लोन लेने का रास्ता साफ हो जाएगा। गांवों के मकानों की खरीद-बिक्री करने में भी मुश्किलें पेश आती हैं। ड्रोन आधारित सर्वेक्षण से ग्रामीण क्षेत्रों के रिहायशी इलाकों की वास्तविक पैमाइश कर ली जाती है। इससे विवाद भी पैदा नहीं होता है।

ग्रामीण बुनियादी ढांचा के लिए 40 हजार करोड़

ग्रामीण बुनियादी ढांचा के लिए बजट में 40 हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष से ज्यादा है। इससे ग्रामीण पंचायत भवनों के निर्माण, सूक्ष्म सिंचाई योजना, ग्रामीण सड़कों के निर्माण और ग्रामीण गरीबों के आवास निर्माण में मदद मिलेगी।


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