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कोरोना ने बदला स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश का तरीका, हेल्‍थ सेक्‍टर में घोषणाओं पर जानें पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा की राय

कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में होने वाले निवेश के तरीके में बदलाव आया है। इस बजट में हेल्‍थ सेक्‍टर को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। जानें स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में किए गए एलानों पर क्‍या है पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा की राय...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:10 AM (IST)
कोरोना ने बदला स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश का तरीका, हेल्‍थ सेक्‍टर में घोषणाओं पर जानें पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा की राय
कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में होने वाले निवेश के तरीके में बदलाव आया है।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार ने लोकसभा में परंपरागत किताब में छपे बजट के बजाय डिजिटल इंडिया की बानगी दिखाते हुए टेबलेट पर बजट पढ़ा। इस बजट में हेल्‍थ सेक्‍टर को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में होने वाले निवेश के तरीके में बदलाव आया है। अब हमें सिर्फ बड़े अस्पतालों के निर्माण पर ही ध्यान नहीं देना है बल्कि बीमारी की रोकथाम के लिए काम करना होगा। देश के लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी है और अब हमें उनके न्यूट्रिशन लेवल की तरफ ध्यान देना होगा। जानें स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में किए गए एलानों पर क्‍या है पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा की राय...

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निवेश के तरीके में आया है बदलाव

पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार ने जब नेशनल हेल्थ पॉलिसी को मंजूरी किया था तो यह तय किया गया था कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 फीसद स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च किया जाएगा। हालांकि कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश के तरीके में बदलाव आया है। अब हमें सिर्फ बड़े अस्पतालों के निर्माण पर ही ध्यान नहीं देना है बल्कि बीमारी की रोकथाम के लिए काम करना होगा।

न्यूट्रिशन लेवल पर देना होगा ध्‍यान

सीके मिश्रा का कहना है कि देश के लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी है और अब हमें न्यूट्रिशन लेवल की तरफ ध्यान देना होगा। चूंकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश किया जाने वाले हर रुपया किसी अन्य क्षेत्र के मुकाबले बेहतर रिटर्न देता है, इसलिए इस क्षेत्र में निवेश को और बढ़ाया जाना चाहिए। उम्मीद के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़े एलान किए हैं।

आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना बड़ा कदम

पूर्व स्वास्थ्य ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की ओर से सबसे बड़ा एलान पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का किया गया है और इस योजना के लिए बजट में भारी-भरकम 64,180 करोड रुपए का आवंटन किया गया है। यह रकम अगले छह वर्षो में खर्च की जाएगी। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी मजबूत किया जाएगा। सरकार की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के स्थानीय मिशन को भी देश में लांच किया जाएगा।

137 फीसद तक बढ़ाया हेल्‍थ सेक्‍टर को आवंटन

पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट को 137 फीसद तक बढ़ाया गया है। इस वर्ष स्वास्थ्य के बजट को 94 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,23,846 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए प्राइमरी से लेकर उच्च स्तर तक बजट में एलान किए गए फंड को खर्च किया जाएगा।

अच्छी सेहत के लिए स्वच्छ पानी महत्वपूर्ण

पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि नई बीमारियों पर फोकस करने के साथ ही पांच हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र, 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के साथ ही इंटीग्रेटेड हेल्थ पोर्टल को भी मजबूत किया जाएगा। अच्छी सेहत के लिए स्वच्छ पानी महत्वपूर्ण है, इसी को ध्यान में रखते हुए बजट में जल जीवन मिशन (अर्बन) को लांच किए जाने की घोषणा की गई है।

अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम

पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि इतना ही नहीं 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम होगा। कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए देशवासियों को वैक्सीन की जरूरत है और इसके लिए बजट में 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस राशि का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने साफ किया कि जरूरत पड़ने पर इस मद में और राशि मुहैया कराई जा सकती है।

जल्‍द आएंगी और वैक्‍सीन

पूर्व स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारत में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी गई है और जल्‍द ही और वैक्‍सीन के आने की बात वित्‍त मंत्री ने कही है। हालांकि दोनों ही वैक्सीन का निर्माण भारत में हो रहा है, लेकिन भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन पूरी तरह देश में ही बनाई गई है। जबकि दूसरी वैक्सीन ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार की है, लेकिन इसे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनाया जा रहा है।

मिशन पोषण 2.0 का भी एलान

वित्त मंत्री ने मिशन पोषण 2.0 का भी एलान किया है। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर अगले पांच वर्षो में एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। दो हजार करोड़ रुपये का खर्च स्वच्छ हवा के लिए किया जाएगा। सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ व‌र्ल्ड हेल्थ बनाने का भी फैसला लिया है। इतना ही नहीं नौ बायो लैब भी बनाई जाएंगी। कोरोना को ध्यान में रखते हुए चार इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भी बनाए जाने की घोषणा की गई है।


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