सौ और शहरों में गैसपाइप लाइन, बिजली खरीदने के लिए भी विकल्प, आम उपभोक्ताओं के जीवन पर दिखेगा असर
सरकार ने बजट में आम जनजीवन को आसान बनाने की दिशा में बिजली और गैस पाइपलाइन को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने क्लीन इनर्जी को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन एनर्जी मिशन आरंभ करने की घोषणा की गई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश बजट में आम जनजीवन को आसान बनाने की दिशा में बिजली और गैस पाइपलाइन को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अगले तीन साल में सौ और शहरों में गैस पाइपलाइन की सुविधा पहुंचाने का एलान किया। वहीं बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) की दशा में सुधार कर लोगों को बिजली खरीदने के लिए विकल्प मुहैया कराने की भी घोषणा की। डिस्कॉम की दशा में सुधार के लिए बजट में 3,05984 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया जो अगले पांच साल में दिए जाएंगे।
उज्जवला योजना को लेकर भी एलान
हालांकि सरकार की तरफ से पहले भी डिस्कॉम की वित्तीय दशा में सुधार की कोशिश की जा चुकी है। अगले वित्त वर्ष में उज्जवला योजना के तहत एक करोड़ नए लाभार्थियों को जोड़ने की भी घोषणा की गई। इस योजना के तहत अब तक आठ करोड़ लोगों को लाभ मिल चुका है।
हाइड्रोजन एनर्जी मिशन की घोषणा
आगामी वित्त वर्ष के बजट में हरित ऊर्जा के माध्यम से हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए हाइड्रोजन एनर्जी मिशन आरंभ करने की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने बजट घोषणा के दौरान कहा कि देश भर में डिस्कॉम का एकाधिकार है और इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कायम करके उपभोक्ताओं को विकल्प देने की जरूरत है। उ
किसी भी कंपनी से खरीद सकेंगे बिजली
वित्त मंत्री ने कहा कि इस काम के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसके तहत उपभोक्ता किसी भी डिस्कॉम से बिजली खरीद सकेंगे। डिस्कॉम की लागत कम करने एवं वित्तीय दशा में सुधार के लिए तीन लाख करोड़ का प्रविधान किया गया है। डिस्कॉम के कर्ज में डूबे होने की वजह से देश में बिजली उत्पादन की क्षमता की लगभग 3.7 लाख मेगावाट होने के बावजूद देश के सभी राज्यों में 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है।
खाना पकाने के लिए बिजली के इस्तेमाल पर जोर
सरकार बिजली की दशा में सुधार कर खाना पकाने के लिए भी बिजली को ईंधन के रूप में प्रचलित करना चाहती है। वहीं डिस्कॉम की लागत कम होने व एक ही क्षेत्र में कई डिस्कॉम स्थापित होने से बिजली भी सस्ती होगी।
एलपीजी से निर्भरता होगी कम
अगले तीन साल में 100 और शहरों में गैस पाइपलाइन की सुविधा होने से एलपीजी से निर्भरता कम होगी। गैस पाइपलाइन की सुविधा बढ़ने से आम उपभोक्ताओं को सहूलियत होने के साथ सरकार के आयात बिल में भी कमी आएगी। अगले वित्त वर्ष में स्वतंत्र रूप से गैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम आपरेटर स्थापित की जाएगी।