Union Budget 2021-22: वित्त मंत्री ने किया सात नए बंदरगाह बनाने के लिए 2000 करोड़ का ऐलान
Union Budget 2021-22 वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने इस साल के 2000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की। बजट में वित्त मंत्री ने बताया कि इनका निर्माण सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत किया जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट में सात नए बंदरगाहों के निर्माण की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने सोमवार को अपने बजट भाषण में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि ये परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत कार्यान्वित की जाएंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि प्रमुख बंदरगाह अपने आप में परिचालन सेवाओं के प्रबंधन से एक मॉडल के लिए आगे बढ़ेंगे जहां एक निजी भागीदार इसे उनके लिए संचालित करेगा।
वित्त मंत्री सीतामरण ने लोकसभा में पहला कागजरहित आम बजट पेश करते हुए कहा कि उन्होंने पीपीपी मोड के जरिए 2000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2021 पेश करते हुए कहा कि इस उद्देश्य के लिए 2021-22 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड पर प्रमुख बंदरगाहों द्वारा 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की सात परियोजनाएं पेश की जाएंगी।
भारत में व्यापारी जहाजों के झंडारोहण को बढ़ावा देने के लिए अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय नौवहन कंपनियों को पांच वर्षों में मंत्रालयों और सीपीएसई द्वारा मंगाई गई वैश्विक निविदाओं में 1,624 करोड़ रुपये की सब्सिडी सहायता योजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पहल से भारतीय नौसैनिकों के लिए वैश्विक नौवहन में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
वर्तमान में भारत के पास कितने बंदरगाह हैं ?
भारत के पास वर्तमान में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं - जिनमें दीनदयाल (तत्कालीन कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाओ, न्यू मंगलौर, कोचीन, चेन्नई, कामराजार (पहले एन्नोर), वीओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, विशाखापट्टनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) - केंद्र शामिल है। ये प्रमुख बंदरगाह देश के कुल माल यातायात का लगभग 60 प्रतिशत संभालते हैं।