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इस बार का बजट हर वर्ग के लिए, नए अवसरों में वृद्धि को लेकर उठाए गए हैं कई कदम: अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमने इस बार के बजट में विकास के नए अवसरों को बढ़ाने युवाओं के लिए नई ओपनिंग मानव संसाधनों के लिए एक नया उच्च स्तर बुनियादी ढांचे के लिए नए क्षेत्रों को विकसित करने के दृष्टिकोण की कोशिश की है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 07:50 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 07:11 AM (IST)
ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की कोशिश सरकारी कंपनियों में पेशेवर दक्षता और पारदर्शिता लाने की है। (PC: PTI)

नई दिल्ली, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत को केंद्र में रखकर तैयार किए गए आम बजट को लेकर कुछ आशंकाएं जताई जा रही हैं। सैलरी पर निर्भर एक बड़ा मध्यम वर्ग थोड़ा निराश है। चालू वित्त वर्ष के आंकड़ों को देखते हुए अंदेशा यह भी है कि सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश के बड़े लक्ष्य तक पहुंच पाएगी या नहीं। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर इन दोनों आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हैं। दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता राजीव कुमार से बातचीत में वह साफ कहते हैं कि बजट हर वर्ग के लिए है और विनिवेश के मामले में सरकार निर्धारित लक्ष्य से आगे ही रहेगी। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश..

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प्रश्न : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मध्यम वर्ग पर भार कम करने की बात करते रहे हैं। लेकिन इस बार भी बजट में उन्हें कोई राहत नहीं मिली। ऐसा क्यों? 

अनुराग ठाकुरः इसे थोड़ा दूसरे नजरिये से देखना जरूरी है। कोरोना महामारी से उबर रहे देश के लिए इस वर्ष का बजट बनाना बहुत जटिल काम था। हम ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश में जुटे हैं कि हर वर्ग को राहत मिले। अतिरिक्त कर का कोई बोझ नहीं डालकर आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग को राहत पहुंचाने का काम किया है। मध्यम वर्ग के हित में सस्ते घर के लिए कर्ज में छूट की अवधि एक वर्ष और बढ़ाई गई है। मध्यम वर्ग तक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा का बेहतर लाभ मिले, इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। यह बजट हर वर्ग के लिए है। 

प्रश्न : मैन्यूफैक्चरिंग पर काफी जोर है, लेकिन रोजगार के लक्ष्य को लेकर सरकार चुप रही। इसकी क्या वजह है? सरकार रोजगार की संख्या को लेकर कोई आकलन कर पाई है?

अनुराग ठाकुरः हमने इस बार के बजट में विकास के नए अवसरों को बढ़ाने, युवाओं के लिए नई ओपनिंग, मानव संसाधनों के लिए एक नया उच्च स्तर, बुनियादी ढांचे के लिए नए क्षेत्रों को विकसित करने, प्रौद्योगिकी की ओर चलने और इस बजट में नए सुधार लाने के दृष्टिकोण की कोशिश की है। तो इन सबसे लोगों को सुविधाएं भी मिलेंगी, रोजगार भी मिलेगा और अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। कोविड के बाद भारत के पहले वित्तीय रोडमैप के तौर पर केंद्रीय बजट 2021-22 में स्वास्थ्य देखभाल पर अनिवार्य जोर के अलावा आर्थिक रिकवरी, विकास और नौकरी के सृजन पर ध्यान देने की उम्मीद की जा रही थी और बजट की घोषणाएं उन उम्मीदों के मुताबिक ही हैं। 

प्रश्न : विनिवेश को लेकर पिछले साल भी बहुत बड़ा लक्ष्य रखा गया था, लेकिन वह काफी पीछे रह गया था। इस बार क्या अलग प्रयास होगा? 

अनुराग ठाकुरः मोदी सरकार की कोशिश सरकारी कंपनियों में पेशेवर दक्षता और पारदर्शिता लाने की है। मुझे उम्मीद है कि कोविड-19 की वजह से हुई देरी के बाद अब हम भारत पेट्रोलियम, एयर इंडिया, कॉनकोर और अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की अपनी योजना पूरी कर पाएंगे। इनके अलावा, हम दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी का भी निजीकरण करेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि हम न सिर्फ 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करेंगे, बल्कि हम इससे ज्यादा पर पहुंच जाएंगे।

प्रश्न : माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष में विकास के-शेप में होगा क्योंकि सेवा जैसे कुछ सेक्टर के लिए विशेष प्रबंध नहीं है और इसलिए उस सेक्टर का विकास कम रहेगा।

अनुराग ठाकुरः अगर आप अंतरराष्ट्रीय संगठनों को देखें तो आइएमएफ ने कहा कि भारत की विकास दर 11.5 फीसद रहेगी। आरबीआइ मानता है कि यह 10.5 फीसद से ज्यादा रहेगी। दुनियाभर के संगठनों ने भारत की विकास दर को दोहरे अंकों में ही रखा है। आत्मनिर्भर भारत की घोषणाओं के बाद हमने जो कदम उठाए और उसका जैसा फायदा दिखा, वैसा तो पिछली सदी के आखिरी दशक की शुरुआत में किए गए सुधारों से भी नहीं दिखा था। दुनिया मान रही है कि भारत की इकोनॉमी में 'वी-शेप' में रिकवरी हुई है। 

प्रश्न : अभी वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ दिए गए हैं। क्या आगे भी सरकार वैक्सीन के लिए फंड जारी रखेगी?

अनुराग ठाकुरः हम यह सुनिश्चित करने के हरसंभव प्रयास करेंगे कि टीका हर भारतीय तक पहुंचे। कोविड वैक्सीन भारत ने एक नहीं बल्कि दो बना ली है और यह उपलब्धि हासिल करने के मामले में वह दुनिया के गिने-चुने देशों में शामिल है। हम आज 100 से ज्यादा देशों को कोविड वैक्सीन पहुंचा भी रहे हैं।

प्रश्न : छोटे उद्योग के लिए सीधे तौर पर इंसेंटिव की घोषणा नहीं की गई। छोटे उद्योग कैसे आगे बढ़ पाएंगे? 

अनुराग ठाकुरः कोरोना महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था दोबारा स्थापित होने के मोड में है। इस बजट में पूंजीगत निवेश के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं, जिससे उद्योगों को मजबूती मिलेगी। साथ ही सरकारी बैंकों के लिए 20,000 करोड़ देने का निर्णय किया गया है। वहीं मध्यम, लघु, सूक्ष्म कुटीर उद्योग को धन उपलब्ध कराने समेत बहुत से अन्य कदम उठाकर यह प्रयास किया कि उनके धंधे बंद ना हो, रोजगार ना जाए और भारतीय अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ती रहे।

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