Budget 2020: करदाता अचानक किसी दबाव में न पड़े इसलिये नई कर व्यवस्था को रखा गया वैकल्पिक -सीतारमण
Budget 2020 अचानक होने वाले बदलाव से करदाता दबाव में नहीं आयें और उन्हें नई प्रणाली को समझने का समय मिले इसलिये नई और पुरानी दोनों व्यवस्थाओं का विकल्प रखा है। PC Pixabay
नयी दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री ने पर्सनल इनकम टैक्स के पुराने ढांचे को लागू रखते हुए बजट 2020 में नया वैकल्पिक कर-ढांचा पेश करने का औचित्य समझाते हुए रविवार को कहा कि करदाता ‘अचानक किसी दबाव में न पड़े’ इसलिये इस नई व्यवस्था को वैकल्पिक रखा गया है। शनिवार को बजट पेश करने के बाद रविवार को वे संवाददाताओं के साथ विशेष चर्चा कर रही थीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कर ढांचे को सरल बनाने का कदम उठाया है, लेकिन अचानक होने वाले बदलाव से करदाता दबाव में नहीं आयें और उन्हें नई प्रणाली को समझने का समय मिले इसलिये नई और पुरानी दोनों व्यवस्थाओं का विकल्प रखा है। गौरतलब है कि सीतारमण ने बजट 2020 में पर्सनल इनकम टैक्स की 7 स्लैब वाली नई व्यवस्था का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘कारपोरेट टैक्स को आसान बनाया गया, जिसकी हर तरफ उसकी सराहना हुई। दरें घटी, जो उद्योग जगत को अच्छा लगा। पिछले कई वर्षों में जितनी सरकारें आईं, उन्होंने एक के बाद एक नई रियायतें इसमें जोड़ी हैं। कुल मिलाकर आयकर कानून में अब तक 120 तक रियायतें जुड़ गईं। नये करदाता इस पूरी सूची में अपनी सहूलियत के मुताबिक रियायत को तलाशते हैं।’’
सीतारमण ने करदाताओं पर टैक्स का बोझ कम होने का भी दावा किया है। हालांकि, नई व्यवस्था में कई तरह की कर रियायतों और दी जाने वाली छूट को समाप्त किया है। जहां पुरानी व्यवस्था में 5 लाख तक, 5 से 10 लाख तक और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर क्रमश: 5, 20 और 30 फीसद की दर से इनकम टैक्स लगने का प्रावधान है, वहीं नए ढांचे में 15 लाख रुपये तक आय के विभिन्न स्तरों पर 5, 10, 15, 20, 25 फीसद और 30 फीसद की दर से टैक्स का प्रस्ताव किया गया है।