Railways Budget 2019ः रेल मंत्री से लोगों को उम्मीद, यात्री सुविधा और सुरक्षा पर करेंगे फोकस
2019 Indian Railways Budget रेलमंत्री पीयूष गोयल के पास ही वित्त मंत्रलय का प्रभार है। लिहाजा उनसे उम्मीद की जाती है कि वे रेलवे का विशेष ख्याल रखेंगे। वे पहले रेलमंत्री हैं जिन्हें रेल बजट के बजाय सीधे आम बजट पेश करने का मौका मिला है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। Railways Budget 2019 आज पेश होने वाले अंतरिम बजट में रेलवे की चालू योजनाओं और स्कीमों के लिए बेहतर बजटीय आवंटन होने की संभावना है। रेलमंत्री पीयूष गोयल के पास ही वित्त मंत्रलय का प्रभार है। लिहाजा उनसे उम्मीद की जाती है कि वे रेलवे का विशेष ख्याल रखेंगे। वे पहले रेलमंत्री हैं जिन्हें रेल बजट के बजाय सीधे आम बजट पेश करने का मौका मिला है।
मोदी सरकार ने 2016 में रेल बजट को आम बजट में विलय कर अलग से रेल बजट पेश करने कर परिपाटी खत्म कर दी थी। अन्यथा वित्त मंत्री के आम बजट पेश करने से दो दिन पहले रेलमंत्री रेल बजट पेश किया करते थे। वैसे तो इस अंतरिम बजट को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं, लेकिन रेल मंत्रलय के अफसरों की मानें तो बजट में रेलवे के लिए कोई नई स्कीम या योजना आने की संभावना बहुत कम है।
यात्री सुविधा और सुरक्षा से जुड़ी स्कीम
ज्यादातर चालू योजनाओं और स्कीमों को ही अधिक धन आवंटन पर जोर रहेगा। उदाहरण के लिए विद्युतीकरण, ट्रैक नवीकरण, नई लाइन, दोहरीकरण और तिहरीकरण, स्टेशन पुनर्विकास, स्टेशनों में वाई-फाई, बायो और वैक्यूम टायलेट तथा यात्री सुविधा और सुरक्षा से जुड़ी अन्य स्कीमों के लिए प्रावधान हो सकता है। रेलवे में स्टाफ की कमी दूर करने तथा अखिल भारतीय स्तर पर नौकरियों का ग्राफ सुधारने के लिए गोयल ने रेलवे में तीन वर्ष तक सालाना एक लाख नई भर्तियों की घोषणा की थी। इसके लिए धनराशि का इंतजाम भी बजट में करना होगा।
ट्रेन-18, ट्रेन-20 पर फोकस
इसके अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन-18) जैसी और ट्रेनों (मसलन ट्रेन-20) के विकास के लिए भी बजट में प्रावधान संभव है। गोयल ने बुधवार को ही कहा था कि अगले वर्ष रेलवे 6000 किलोमीटर लाइनों का विद्युतीकरण करेगा। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में वे अगले वर्ष रेलवे में डेढ़ लाख करोड़ के कार्य शुरू करने का संकेत दे चुके हैं।
यात्री सुविधाओं पर अधिक खर्च
बढ़ते आपरेटिंग रेशियो के लिए वे सातवें वेतन आयोग से वेतन बिल पर पड़े 22 हजार करोड़ के अतिरिक्त बोझ के साथ यात्री सुविधाओं पर अधिक खर्च का तर्क देते हैं। इससे प्रतीत होता है कि बजट में वे रेलवे की वर्तमान और भविष्य की तमाम जरूरतों का ध्यान रखने वाले हैं।