Rail Budget 2019: रेलवे को 65 हजार करोड़ का आवंटन, सुरक्षित यात्रा पर रहा सरकार का फोकस
पीयूष गोयल ने सदन में रेलवे की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि पिछला साल रेलवे के लिए भारतीय इतिहास का सबसे सुरक्षित साल रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस बार बजट में रेलवे के लिए कई ऐलान किए हैं पीयूष गोयल ने सदन में रेलवे की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि पिछला साल रेलवे के लिए भारतीय इतिहास का सबसे सुरक्षित साल रहा है। हमने उत्तर पूर्वी राज्यों में माल ढुलाई सेवा की शुरुआत की है। रेलवे से जुड़े ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने रेलवे का घाटा कम करने का काम किया। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में रेलवे को 64,587 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
वंदे भारत एक्सप्रेस
भारत में बने इंजनरहित ट्रेन-18 के विनिर्माण के बारे में उन्होंने कहा, "वंदे भारत एक्सप्रेस स्पीड, सुरक्षा और सेवा के मामले में विश्वस्तीय सेवा मुहैया कराएगी। हमारे इंजीनियरों द्वारा विकसित यह बड़ी सफलता है, जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति प्रदान करेगी और रोजगार पैदा करेगी।"
पूंजीगत खर्च
उन्होंने आगे कहा, "वास्तव में रेलवे का कुल पूंजीगत खर्च 1,58,658 करोड़ रुपये रहेगा, जो ऐतिहासिक है।" पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि रेलवे का परिचालन अनुपात कम होकर वित्त वर्ष 2019-20 में 95 फीसदी रहेगा, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह 96.2 फीसदी था। पीयूष गोयल ने पूर्वोत्तर राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए फोकस किया है।
सुरक्षित रेल यात्रा
देश के ब्रॉड गेज रूट पर सभी मानव रहित फाटकों को हटा दिया गया है। सरकार का विशेष ध्यान सुरक्षित रेल यात्रा और वर्ल्ड क्लास फेसिलिटी पर है। कई रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न फैसिलिटी के जरिए अपग्रेड किया जा रहा है। कई नए रेलवे रूट पर भी सरकार फोकस कर रही है ताकि ट्रेनों की लेट-लतीफी से यात्रियों को राहत मिल सके।
बोगीबिल ब्रिज
असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबिल ब्रिज ने रेलवे को काफी राहत दी है। इसके कारण एनएफ रेलवे अंतर्गत मालगाडिय़ों की आवाजाही काफी हद तक सुव्यवस्थित कर दी गई है। यह उत्तरी बैंक मार्ग के माध्यम से तथा ऊपरी असम क्षेत्र में मालगाडिय़ों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग बन गया है। गुवाहाटी को छोड़कर ऊपरी असम जाने वाली मालगाड़ियों के लिए न केवल दक्षिण बैंक की तुलना में डिब्रूगढ़ तक 170 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है, बल्कि इन गाड़ियों को चलाने में मानवशक्ति की आवश्यकता में है। इस ब्रिज के माध्यम से मालगाड़ियों को पुन: निर्देशित कर लगभग आठ से 10 घंटे तक का समय की बचत हो रही है।