Budget 2019: PHD चैंबर ने की कॉरपोरेट टैक्स और उच्च आयकर सीमा में कटौती की मांग
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि अब प्रत्यक्ष कर की दरों को तर्कसंगत किए जाने का वक्त आ गया है, इसकी शुरुआत कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसद किए जाने से शुरू करनी चाहिए
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पीएचडी चैंबर ने बुधवार को कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसद और व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को प्रतिवर्ष 3.5 लाख रुपये किए जाने की मांग की है। पीएचडी चैंबर ने आगामी अंतरिम बजट में यह मांग की है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट राजीव तलवार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि वो 1 फरवरी 2019 को एक गतिशील, समावेशी और व्यावहारिक बजट को पेश होता देख रहे हैं। तलवार ने कहा, "वर्तमान समय में निवेश के माहौल को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था को और अधिक साहसिक उपायों और मांग वृद्धि को अगले स्तर तक ले जाने की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा कि अब प्रत्यक्ष कर की दरों को तर्कसंगत किए जाने का वक्त आ गया है, इसकी शुरुआत कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसद किए जाने से शुरू करनी चाहिए। तलवार ने कहा, "इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और डायरेक्ट टैक्स नेट को विस्तार मिलेगा। साथ ही इससे टैक्स कलेक्शन में इजाफा होगा और अनुपालन बेहतर होगा।"
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पिछले बजट में सरकार ने 250 करोड़ रुपये से कम के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसद कर दिया था। तलवार ने सुझाव दिया है कि 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी को टैक्स छूट के दायरे में लाया जाना चाहिए जो कि वर्तमान में 2.5 लाख है।