Move to Jagran APP

Income Tax Slab 2021-22 HIGHLIGHTS: पेंशन आय वाले 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटिजन को नहीं भरना होगा ITR

Income Tax Slab 2021-22 HIGHLIGHTS अब 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटिजंस पर और ज्यादा भार नहीं आएगा। अब पेंशन आय वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 02:35 PM (IST)
Income Tax Slab 2021-22 HIGHLIGHTS: पेंशन आय वाले 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटिजन को नहीं भरना होगा ITR
LIVE Budget 2021-22, Income Tax Slab Update

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021 में टैक्स से जुड़ी कई सारी घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने बजट में कहा कि अब पेंशन आय कमाने वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किफायती आवास के लिए ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट को एक साल के लिए और बढ़ाया गया है। बजट में वित्त मंत्री ने आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया।

loksabha election banner

Income Tax Slab, Budget 2021 HIGHLIGHTS:

  • वित्त मंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वें साल में देश नई ऊर्जा के साथ काम कर रहा है। हम अब 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटिजंस पर और ज्यादा भार नहीं लादना चाहते। अब पेंशन आय वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। बैंक टीडीएस काट लेंगे।
  • बजट में टैक्स ऑडिट की सीमा को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
  • बजट में कहा गया कि जहां इनकम में गड़बड़ी 50 लाख से अधिक की मिलेगी, तब ही 10 साल पुराने एक्सेसमेंट ओपन होंगे।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्सपेयर के लिए हम रिफॉर्म्स की घोषणा करते हैं। इस साल करदाताओं की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
  • बजट में स्टार्ट अप के लिए पूंजीगत लाभ में राहत को एक साल के लिए और बढ़ाया गया है।
  • बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे टैक्सपेयर अब तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एआई का इस्तेमाल कर रही है, जिससे टैक्स चोरी करने वालों की पहचान की जा सके।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले महीनों में जीएसटी के तहत रिकॉर्ड राजस्व आया है।
  • साल 2020 में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या साल 2014 के 3.31 करोड़ की तुलना में बढ़कर 6.48 करोड़ हो गई। 
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साल कस्टम ड्यूटी के स्ट्रक्चर में बदलाव करने की शुरुआत की थी। हमने आउटडेटेड 80 नियमों को हटा दिया था। अब प्रत्यक्ष कर में 400 और पुरानी छूटों की समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा गया है। 
  • वित्त मंत्री ने कहा कि एक अक्टूबर 2021 से संशोधित कस्टम ड्यूटी रीस्ट्रक्चर लाया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि डिस्प्यूट रेजोल्यूशन कमेटी का गठन होगा। उन्होंने कहा कि विवादों को खत्म करने के लिए कमेटी के गठन का प्रस्ताव है। भारत सरकार ने करदाता को विवाद खत्म करने का मौका दिया था। एक लाख से ज्यादा लोगों ने इसका फायदा उठाया है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि विवाद निपटान में फेसलेस प्रक्रिया अपनायी जाएगी। टेक्सेबल इनकम 50 लाख है और डिस्पोजेबल इनकम 10 लाख है, वो इस कमेटी के समक्ष आ सकेगा।
  • वित्त मंत्री एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों के लिए कर छूट का प्रस्ताव लेकर आयी हैं।
  • बजट में प्रवासी श्रमिकों को अधिसूचित किफायती आवास के लिए टैक्स छूट दी गी है।
  • बजट में किफायती आवास के लिए ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट को एक साल के लिए और बढ़ाया गया है।
  • वित्त मंत्री ने बजट में कहा कि डिविडेंड इनकम पर एडवांस टैक्स की देनदारी डिविडेंट के भुगतान के बाद ही बनेगी।
  • बजट में कपास और कच्चे रेशम पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है।
  • बजट में विभिन्न ऑटो पार्ट्स, सोलर उपकरणों पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाया जा रहा है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्यक्ष करों में 400 पुरानी छूटों की समीक्षा करेगी।

वित्त मंत्रालय ने पिछले बजट में सैलरी क्लास के लिए आयकर के दो विकल्प दिये थे। ये विकल्प वित्त वर्ष 2020-21 से प्रभावी हैं। करदाता अपना आयकर रिटर्न भरते समय इन दोनों मे से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं। इन दो विकल्पों में से एक विकल्प पुराना/मौजूदा टैक्स स्लैब है और दूसरा विकल्प है नया टैक्स स्लैब, जो बजट 2020 में लाया गया।

पिछले बजट में लाए गए नए टैक्स स्लैब में दरों के अलावा बड़ा फर्क यह है कि इसमें विभिन्न तरह की छूटों को खत्म कर दिया गया है, जबकि पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब में विभिन्न तरह की टैक्स छूट का लाभ मिल रहा है। साथ ही सभी मामलों में आयकर देनदारी के साथ 4 फीसद हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगता है। आइए इन दोनों टैक्स स्लैब के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बजट 2020 में लाया गया नया टैक्स स्लैब

आम बजट 2020 में लाए गए टैक्स स्लैब में दरें तो कम हैं, लेकिन इसमें सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली व अन्य दूसरी कर छूटों को समाप्त कर दिया गया है। पिछले बजट में लाए गए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। साथ ही यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है।

तीन लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर भी पिछले वर्ग की तरह ही 5 फीसद की दर से टैक्स है और यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है। इस तरह इस टैक्स स्लैब में पांच लाख रुपये तक की आय तक 87ए के तहत कर छूट मिलने से कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।

इससे आगे 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 फीसद की दर से टैक्स है। 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 फीसद की दर से टैक्स है। 10 से 12.50 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। 12.5 लाख से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसद की दर से टैक्स है। इसके बाद 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है।

पिछले बजट में लाया गए टैक्स स्लैब में आयकर दरें 60 साल की आयु तक के लोगों, 60 साल से 80 साल की आयु तक के सीनियर सिटिजंस और 80 साल की आयु से अधिक के सुपर सीनियर सिटिजंस के लिए एक समान है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें (60 साल से कम के आयु वर्ग के लिए)

यहां भी 2.5 लाख रुपये की आय पर कोई कर देय नहीं है। 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है। इस आयु वर्ग के टैक्स स्लैब में 2.5 से 5 लाख रुपये की आय पर 87ए के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त है।

यह भी पढ़ें (LIVE Budget 2021 Update: बही-खाता भी छूटा पीछे, टैब के जरिए बजट भाषण देंगी वित्त मंत्री, टैक्स में मिलेगी छूट!)

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें (60 से 80 वर्ष आयु वर्ग के लिए)

यहां 3 लाख तक की आय पर कोई कर देय नहीं है। 3 से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। दस लाख से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है। इस आयु वर्ग में 3 से 5 लाख तक की आय पर 87ए के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें ( 80 वर्ष से अधिक के आयु वर्ग के लिए)

यहां 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। पांच से 10 लाख तक की आय पर 20 फीसद टैक्स है। दस लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद टैक्स है।

पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में सेक्शन 80 सी के तहत निर्दिष्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इस तरह कर छूट मिलने से पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में भी पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स देनदार नहीं बनेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.