Medical Education को सुलभ बनाने का जारी रहेगा प्रयास, सरकार ने अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज खोलने का किया एलान
Interim Budget 2024 Update आज वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न विभागों के मातहत चल रहे अस्पतालों की अवसंरचना का उपयोग करते हुए नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं। पढ़ें पूरी खबर...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में मेडिकल शिक्षा में सुधारों और उसे सुलभ बनाने के लिए 2014 से शुरू हुआ सिलसिला मोदी सरकार के अंतिम अंतरिम बजट में भी जारी रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न विभागों के मातहत चल रहे अस्पतालों की अवसंरचना का उपयोग करते हुए नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है।
इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो अस्पतालों के पास उपलब्ध आधारभूत ढांचे का अध्ययन कर मेडिकल कालेज खोलने की संभावना पर अपनी रिपोर्ट देगा। निर्मला सीतारमण के अनुसार डॉक्टर बनना कई युवाओं की महत्वाकांक्षा होती है, लेकिन मेडिकल शिक्षा में सीटों की कमी के कारण उनके सपने पूरे नहीं हो पाते हैं। सीटों की कमी के कारण देश में बहुत संख्या में युवाओं को दूसरे देशों में मेडिकल शिक्षा के लिए जाना पड़ता है।
मोदी सरकार लगातार नए मेडिकल कॉलेज खोलने और एमबीबीएस और पीजी की सीटों बढ़ाने पर जोर देती रही है। 2014 में देश में कुल 387 मेडिकल कालेज थे। वहीं पिछले 10 सालों में 319 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए। इस तरह से 87 फीसद की बढ़ोतरी के साथ मेडिकल कॉलेजों की संख्या 706 हो गई है।
नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने से देश में एमबीबीएस और पीजी की सीटों में दोगुनी से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है। 2014 में एमबीबीएस की कुल सीटें 51,348 थी, जो अब 112 फीसद बढ़कर 1,08,940 हो गई हैं। इसी तरह से पीजी की सीटें पिछले 10 साल में 31,185 से बढ़कर 70,674 हो गई हैं, जो 127 फीसद अधिक हैं।
इसके अलावा मोदी सरकार ने देश में नर्सों की कमी को दूर करने के लिए भी अहम कदम उठाए हैं। पिछले बजट में निर्मला सीतारमण ने 157 नर्सिंग कालेज खोलने का ऐलान किया था और इस पर काफी हद तक काम पूरा किया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई घोषणा उन अस्पतालों के लिए है, जो श्रम मंत्रालय, रेलवे और विभिन्न सैनिक व अर्धसैनिक बलों के मातहत चल रहे हैं। यदि ऐसे अस्पतालों में पर्याप्त बेड की सुविधा हुई और आधारभूत संरचना समुचित पाया गया तो उनमें मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है।
मोदी सरकार की कोशिश देश में डॉक्टरों की कमी को दूर कर आम आदमी को गुणवत्ता पूर्ण मेडिकल सुविधा सुलभ कराना है। नई शिक्षा नीति के तहत पहले ही इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा को अंग्रेजी के अलावा भारतीय भाषाओं में देने का रास्ता साफ कर दिया गया है और कई राज्यों में हिंदी व अन्य स्थानीय भाषा में इनकी पढ़ाई भी शुरू कर दी है।