Budget 2022: बजट से पहले एविएशन सेक्टर पर टैक्स कम करने की मांग
IndiGo news कंपनी के सीईओ रोनोजॉय दत्ता का कहना है कि सिविल एविएशन इंडस्ट्री को अपने राजस्व का 21 फीसद हिस्सा अप्रत्यक्ष कर के रूप में चुकाना पड़ता है जो पहले से खस्ताहाल इस सेक्टर की कमर तोड़ देगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने एविएशन फ्यूल पर लगने वाले सेंट्रल एक्साइज को 11 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने और विमानों के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क खत्म करने की मांग की है। कंपनी के सीईओ रोनोजॉय दत्ता का कहना है कि सिविल एविएशन इंडस्ट्री को अपने राजस्व का 21 फीसद हिस्सा अप्रत्यक्ष कर के रूप में चुकाना पड़ता है जो पहले से खस्ताहाल इस सेक्टर की कमर तोड़ देगा।
दत्ता ने वित्त मंत्रालय से विमान ईंधन पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क को 11 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने की मांग करते हुए कहा कि विमानों के कलपुर्जों पर लागू सीमा शुल्क को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र देश में आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार के लिए महत्वपूर्ण ढांचागत आधार मुहैया कराता है। इसके बावजूद उद्योग को अपने राजस्व का 21 फीसद अप्रत्यक्ष कर के रूप में सरकार को चुकाना पड़ता है और बहुत कम इनपुट क्रेडिट मिलता है।
यह भी पढ़ें: आधार से आपका पैन लिंक है या नहीं, घर बैठे ऐसे करें चेक
यह भी पढ़ें: आपके Aadhaar का कहां-कहां हुआ है इस्तेमाल, घर बैठे ऐसे लगाएं पता
इंडिगो के सीईओ ने कहा कि विमानन उद्योग से कर भुगतान के लिए 21 फीसद मार्जिन कमाने की उम्मीद करना गैरवाजिब है। खास तौर पर पहले से ही गंभीर रूप से बीमार क्षेत्र के लिए यह और भी बुरी बात है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने गत सोमवार को ही कहा था कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों को वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 20,000 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ सकता है। महामारी की तीसरी लहर आने से यह आशंका और बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें: Mobile App के जरिये लोन लेने से फर्जीवाड़े की आशंका ज्यादा, इन बातों का रखें ख्याल