आयकर की धारा 87A के तहत मिलती है छूट, जानिए कैसे उठाएं इसका लाभ
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया। बजट 2019 में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि कर में रियायत दी गई है। आयकर छूट की सीमा अभी भी 2.5 लाख रुपये है और इसे बढ़ाकर दोगुना नहीं किया गया है। आसान शब्दों में समझा जाए तो प्रस्तावित बदलाव के बाद पांच लाख रुपये तक आय वाले करदाताओं को इस रियायत का लाभ मिलेगा। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 87A के तहत छूट के दायरे को बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है। यह उनके लिए है, जिनकी आय 5 लाख रुपये तक है।
यह कर निर्धारण वर्ष 2020-21 के लिए होगा, मतलब आगामी वित्त वर्ष 2019-20 के लिए योग्य होगा।
ऐसे समझें
मान लीजिए, अगर किसी व्यक्ति की सकल आय वित्त वर्ष 2019-20 में 6.5 लाख रुपये है और वह सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश कर चुका है तो अब उसे 5 लाख रुपये की आय पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा और उसकी कर देनदारी 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5 फीसद) होगी। लेकिन, चूंकि छूट 12,500 रुपये की है, इसलिए उसे 5 लाख वाले स्लैब में शून्य कर का भुगतान करना होगा।
विशेषज्ञों की माने तो इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि इनकम टैक्स एक्ट 87 ए के तहत रियायत दी गई है, जो पहले 3.5 लाख रुपये की आय वालों के लिए 2,500 रुपये थी। अगर किसी व्यक्ति की कर देनदारी 12,500 रुपये है तो प्रस्तावित रियायत के बाद वह अब जीरो हो जाएगा, लेकिन अगर कर देनदारी उससे अधिक है तो उसको 2.5 लाख रुपये की छूट सीमा से ऊपर की आय पर कर की पूरी राशि का भुगतान करना होगा।
धारा 87 ए के तहत 100 फीसद कर छूट केवल उन व्यक्तियों के लिए है, जिनकी कुल आय 3.5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, 2,500 रुपये की सीमा के अधीन है। यह समझने के लिए कि मान लीजिए कि किसी व्यक्ति को वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 3.5 लाख रुपये की वेतन आय प्राप्त होती है, उसकी कर देयता 5,000 रुपये है - 1 लाख रुपये के 5 फीसद होने पर 2.5 लाख रुपये की कर छूट सीमा दी गई है। लेकिन उसे 2,500 रुपये की छूट के साथ खुद को संतुष्ट करना होगा।
मान लीजिए कि 2019-20 में आपकी आय 6.50 लाख रुपये है, तो धारा 80 सी के तहत आप बैंक में 5 साल के लिए एफडी के जरिए 1.50 लाख रुपये का निवेश करके इसे 5 लाख रुपये तक ला सकते हैं। यदि आपकी आय 8 लाख रुपये है, तो धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये और धारा 80सीसीसी के तहत एलआईसी की पेंशन योजना में 1.50 लाख का निवेश किया जा सकता है।
छोटे परिवारों के लिए 25,000 रुपये तक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट मान्य है। इस तरह आप कुल 8.50 लाख रुपये की आय होने पर भी इसे आप वैध रूप से 5 लाख रुपये तक दिखा सकते हैं और इस प्रकार टैक्स से पूरी तरह बच सकते हैं।
क्या है आयकर की धारा 87a
आयकर की धारा 87a, प्रत्येक ऐसे भारतीय नागरिकों को इनकम टैक्स में 2500 रुपए तक की रिबेट (टैक्स गणना के बाद की छूट) प्रदान करती है, जिनकी सालाना कुल आय (टैक्सेबल आय) 3.5 लाख रुपए तक हो (अधिक न हो)।