हाईवे सेक्टर को मिल सकता है बूस्टर डोज, पिछले साल की तुलना में 50 फीसद तक हो सकती है बढ़ोतरी
पिछले आठ सालों में सड़क व राजमार्गो के निर्माण में मोदी सरकार के दौरान कई अहम उपलब्धियां हासिल की गई हैं। कोरोना के बावजूद पिछले साल देश में हाईवे निर्माण प्रतिदिन 40 किलोमीटर के आंकड़े तक पहुंच गया। इस साल इसमें और भी तेजी आ सकती है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में हाईवे सेक्टर को बूस्टर डोज मिल सकता है। मोदी सरकार आने के बाद हाईवे सेक्टर के बजट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इस बार इस सेक्टर को बजट में बूस्टर डोज मिल सकता है। पिछले साल की तुलना में इस साल बजट में 50 फीसद तक बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले आठ सालों में सड़क व राजमार्गो के निर्माण में मोदी सरकार के दौरान कई अहम उपलब्धियां हासिल की गई हैं। कोरोना के बावजूद पिछले साल देश में हाईवे निर्माण प्रतिदिन 40 किलोमीटर के आंकड़े तक पहुंच गया। इस साल इसमें और भी तेजी आ सकती है।
ध्यान देने की बात है कि 2014 में मोदी सरकार के आने के पहले भारत में राष्ट्रीय राजमार्गो की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी, जो 1,40,995 किलोमीटर पहुंच गई है। बड़े पैमाने पर देश के कोने-कोने को जोड़ने के लिए बन रहे हाईवे के पीछे सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी अहम वजह है। 2014 में मंत्रालय को केवल 24,708 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन मिला था, जो चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 1,17,74 करोड़ रुपये पहुंच गया। इसके साथ ही मंत्रालय ने बजट के अलावा अतिरिक्त स्त्रोतों से 65 हजार करोड़ रुपये जुटाए। जानकारों का मानना है कि इस बार बजटीय आवंटन एक लाख 70 हजार करोड़ को भी पार सकता है।
बड़े पूंजीगत खर्च की जरूरत
सड़क और हाईवे को अधिक बजटीय आवंटन की जरूरत बताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना के कारण खस्ताहाल अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने और उसे नई गति देने के लिए बड़े पैमाने पर पूंजीगत खर्च करने की जरूरत है और इसमें रेलवे, जलमार्ग के साथ-साथ हाईवे सेक्टर अहम है। उनके अनुसार हाईवे सेक्टर में किए जाने वाले खर्च से न सिर्फ अर्थव्यवस्था को गति मिलती है, बल्कि सरकार का कर संग्रह भी बढ़ता है। जाहिर है कोरोना की मार के बाद खजाने की सेहत सुधारने में हाईवे सेक्टर में बड़े पैमाने पर खर्च अहम भूमिका निभा सकता है।
आवंटित राशि खर्च करने में आगे है यह सेक्टर
बजट में बढ़ोतरी के अनुमान के पीछे एक वजह सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की आवंटित राशि को खर्च करने में दक्षता भी है। इसी कारण हर साल संशोधित बजट में बजटीय आवंटन को बढ़ाना पड़ा है। 2020-21 के बजट में राजमार्गो पर 91,823 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे संशोधित कर 1,01,823 करोड़ किया गया। इसमें मंत्रालय 98,256 करोड़ खर्च करने में सफल रहा। इसी तरह से 2021-22 के बजट में 1,18,101 करोड़ खर्च करने का अनुमान लगाया गया था, जिसे बढ़ाकर 1,28,149 करना पड़ा। ध्यान देने की बात है कि बजट के आवंटन में किसी क्षेत्र में पिछले साल किये बजटीय आवंटन के इस्तेमाल का भी ध्यान रखा जाता है।