सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा के लिए बालिकाओं का होगा टीकाकरण
सरकार ने इस बार अंतरिम बजट में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए अहम फैसला किया है। नौ से 14 साल की उम्र की लगभग आठ करोड़ बालिकाओं को टीका दिया जाएगा। देश में हर साल 1.25 लाख महिलाओं सर्वाइकल कैंसर से ग्रस्त पाई जाती हैं। इससे सालाना 75 हजार की मृत्यु हो जाती है। देश में नौ से 14 साल की बालिकाओं की संख्या आठ करोड़ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछली बार बजट में सिकल सेल एनिमीनिया के लिए विशेष अभियान चलाने के बाद सरकार ने इस बार अंतरिम बजट में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए अहम फैसला किया है। इसके लिए नौ से 14 साल की बालिकाओं के टीकाकरण का अभियान चलेगा।
हर साल 1.25 लाख मामले आते हैं सामने
भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के 1.25 लाख मामले सामने आते हैं और इससे सालाना 75 हजार की मृत्यु हो जाती है। देश में नौ से 14 साल की बालिकाओं की संख्या लगभग आठ करोड़ है और सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगाने का अभियान चलाएगी।
इस उम्र की अधिकांश बच्चियों के स्कूल में होने के कारण टीकाकरण अभियान स्कूलों में चलाया जाएगा। लेकिन साथ ही सामान्य राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान इंद्रधनुष में भी इसे शामिल किया जा सकता है।
महिलाओं में कैंसर की बीमारी में सर्वाइकल कैंसर के मामले काफी पाए जाते हैं। इसके लिए एचपीवी (ह्युमन पपिल्लोमा वायरस) वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है। लेकिन अधिक कीमत होने के कारण इसका उपयोग सीमित है।
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कम होगी टीकाकरण की कीमत
उम्मीद की जा रही है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण की स्थिति में इसकी कीमत भी कम होगी। वैसे सरकार अभियान के तहत मुफ्त टीका उपलब्ध कराएगी। कोरोना टीकाकरण अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले कोविन प्लेटफार्म की तरह से सामान्य टीकाकरण अभियान के प्रबंधन के लिए यू-विन प्लेटफार्म भी तैयार किया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यू-विन प्लेटफार्म और मिशन इंद्रधनुष की सहायता से बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
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