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आर्थिक सर्वेक्षण: फिर याद आए प्याज और टमाटर, मूल्य घटे तो किसान रोए और बढ़े तो उपभोक्ता की हायतौबा

इसमें किसानों से स्थानीय पर प्याज के कोल्ड स्टोरेज बनाने और टमाटर की ढुलाई और भंडारण के लिए विशेष रियायतों की घोषणा की गई थी। पिछले साल सरकार ने इसके लिए किसान रेल और किसान उड़ान जैसी योजना भी शुरु की है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 31 Jan 2022 08:17 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 07:13 AM (IST)
आर्थिक सर्वेक्षण: फिर याद आए प्याज और टमाटर, मूल्य घटे तो किसान रोए और बढ़े तो उपभोक्ता की हायतौबा
महंगाई के ग्राफ में इन सीजनल सब्जियों की भूमिका अहम होती है

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनीतिक रूप से संवेदनशील प्याज और टमाटर को लेकर शायद ही ऐसा कोई मौका हो, जब उन्हें याद न किया जाए। महंगाई के ग्राफ में इन सीजनल सब्जियों की भूमिका अहम होती है। मूल्य घटे तो किसान रोए और मूल्य बढ़े तो उपभोक्ता की हायतौबा।

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संसद में पेश आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में इन संवेदनशील सब्जियों की सालभर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत पहल करने का सुझाव दिया गया है। गैर सीजन में भी इनकी खेती को प्रोत्साहित करने, आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने और पोस्ट हार्वेस्टिंग में न्यूनतम नुकसान की गारंटी वाली टेक्नोलाजी को अपनाने की बात कही गई है। हालांकि कुछ साल पहले इसी सरकार ने आपरेशन ग्रीन के तहत टोमैटो, आनियन और पोटैटो (टॉप) लांच किया था।

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कुछ नए प्राविधानों की तरफ किया गया इशारा

इसमें किसानों से स्थानीय पर प्याज के कोल्ड स्टोरेज बनाने और टमाटर की ढुलाई और भंडारण के लिए विशेष रियायतों की घोषणा की गई थी। पिछले साल सरकार ने इसके लिए किसान रेल और किसान उड़ान जैसी योजना भी शुरु की है। लेकिन सर्वेक्षण रिपोर्ट में कुछ नए प्राविधानों की तरफ इशारा किया गया है। संभव है आम बजट में इस तरह की सब्जियों के लिए कुछ नया किया जाए।

राष्ट्रपति ने जनहितैषी योजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों का किया जिक्र

बता दें कि संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में 50 मिनट के अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति कोविन्द ने बीते साढ़े सात साल के दौरान केंद्र सरकार की सामाजिक, आर्थिक, ढांचागत और जनहितैषी योजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों का जिक्र किया। कोविड महासंकट की चुनौती के बावजूद देश के आर्थिक विकास की बढ़ती रफ्तार को बेहद अहम करार देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय करीब 630 अरब डालर पहुंच गया है।


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