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Budget 2022 for taxpayers: ज्‍यादातर मध्यवर्गीय भारतीय चाहते हैं उच्च कर मुक्त आय, बजट से ये है उम्‍मीद

Union Budget 2022 आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगीं। इससे पहले एक आईएएनएस-सीवोटर राष्ट्रव्यापी ट्रैकर पोल में कुछ अनुमानित परिणाम सामने आए हैं। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार 625000 रुपये की वार्षिक आय पूरी तरह से आयकर ब्रैकेट से बाहर हो जानी चाहिए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 08:12 AM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 11:04 AM (IST)
Budget 2022 for taxpayers: ज्‍यादातर मध्यवर्गीय भारतीय चाहते हैं उच्च कर मुक्त आय, बजट से ये है उम्‍मीद
मध्यवर्गीय भारतीय चाहते हैं उच्च कर मुक्त आय

नई दिल्ली, आईएएनएस| Union Budget 2022: आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट (Budget 2022) पेश करेंगीं। इससे पहले एक आईएएनएस-सीवोटर राष्ट्रव्यापी ट्रैकर पोल (IANS-CVoter nationwide tracker poll) में कुछ अनुमानित परिणाम सामने आए हैं। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 6,25,000 रुपये की वार्षिक आय पूरी तरह से आयकर ब्रैकेट (Income Tax Bracket) से बाहर हो जानी चाहिए। यह औसत मासिक आय 52,000 रुपये से थोड़ा अधिक है।

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कुछ आर्थिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयकरदाताओं के लिए बड़ी राहत देने की घोषणा कर सकती हैं। मध्‍यवर्ग में अपेक्षित राहत में मूल छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना शामिल है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किए जाने की संभावना है। शीर्ष आय स्लैब को भी मौजूदा 15 लाख रुपये से संशोधित किए जाने की संभावना है।

इसे भी पढ़ें: Budget 2022: बजट में लोगों को है इनकम टैक्स स्लैब और आयकर दरों में राहत की उम्मीद

समय-समय पर आता रहा है इनकम टैक्स ब्रैकेट में बदलाव

दिलचस्प बात यह है कि 2010 में जब यूपीए सत्ता में था और अभी तक घोटालों और लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था की चपेट में नहीं आया था, सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं ने कहा था कि वे 5,65,000 रुपये की वार्षिक आय या 47,260 रुपये की मासिक आय इनकम टैक्स ब्रैकेट से बाहर चाहते हैं। यह बीते 13 साल की अवधि में करदाताओं की उम्मीदों में बहुत तेज वृद्धि की तरह प्रतीत नहीं होता है, लेकिन अलग-अलग वर्षों में उम्मीदों में दिलचस्प बदलाव आया है।

उदाहरण के लिए, 2020 में सर्वेक्षण के आयकरदाता चाहते थे कि 3,80,000 रुपये की वार्षिक आय या 31,717 रुपये की मासिक आय आयकर दायरे से बाहर हो। इसके तुरंत बाद भारत कोरोना के दोहरे संकट और उच्च मुद्रास्फीति की चपेट में आ गया। इसके अनुसार करदाताओं की अपेक्षाओं में एक नाटकीय बदलाव आया।

2021 के सर्वेक्षण के दौरान, आयकरदाता चाहते थे कि 5,60,000 रुपये की वार्षिक आय आयकर दायरे से बाहर हो। 2022 तक यह बढ़कर 6,25,000 रुपये प्रति वर्ष हो गया है। जब 1 फरवरी, 2022 को बजट पेश किया जाएगा तो विश्लेषकों को व्यापक रूप से कर मुक्त आय की सीमा में वृद्धि की उम्मीद है। वे महामारी के कारण चिकित्सा व्यय छूट में पर्याप्त वृद्धि की भी उम्मीद कर रहे हैं।


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