Budget 2020: Income Tax में रिलीफ की उम्मीद, डिमांड बढ़ाने को सरकार ले सकती है फैसला
Budget Expectations एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर सहमत दिखे कि सरकार को होम लोन को आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) से बाहर रखना चाहिए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर सकती हैं। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच देश के मिडिल क्लास को इस बजट से बहुत अधिक उम्मीदें हैं। पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार द्वारा Corporate Tax में भारी कटौती के बाद से ही लोग आगामी बजट में Income Tax में छूट की उम्मीद कर रहे हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद से ही व्यक्तिगत आयकर में छूट की मांग लगातार उठ रही है।
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब में कमी के साथ कई ऐसे फैसले कर सकती है, जिससे देश के मध्यम वर्ग को काफी राहत मिल सकती है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट टैक्स कलेक्शन में भारी कमी को देखते हुए बहुत अधिक छूट को लेकर ज्यादा आश्वस्त नजर नहीं आते हैं।
आयकर स्लैब को व्यवहारिक बनाने की उम्मीद
Tax Expert बलवंत जैन को उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में डिमांड बढ़ाने के लिए आयकर स्लैब को ज्यादा व्यवहारिक बनाने की घोषणा कर सकती है। उनके मुताबिक छूट की सीमा तो ढाई लाख ही रहेगी क्योंकि सरकार चाहती है कि ज्यादा-से-ज्यादा लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें। हालांकि, इस बात की उम्मीद बहुत अधिक है कि 5 लाख-10 लाख रुपये आय वर्ग के लिए आयकर की दर को 20 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर दिया जाए। इससे लोगों के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त राशि मिल जाएगी और डिमांड में तेजी आ सकती है।
हालांकि, QDIGI Services Limited के बिजनेस फाइनेंस के प्रमुख आनन्द बर्धन इस बात से बहुत सहमत नजर नहीं आते हैं। बकौल बर्धन इस साल टैक्स कलेक्शन बहुत कम रहा है, ऐसे में व्यक्तिगत आयकर कटौती की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का बहुत अधिक लाभ सरकार को इंडस्ट्री की ओर से नहीं हो मिल सका है। ऐसे में आयकर में छूट की उम्मीद बहुत कम नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन 2.5 ट्रिलियन रुपये (2,500 अरब रुपये) रहने का अनुमान है, जिसकी वजह से सरकार अपने खर्च में दो हजार अरब रुपये की कमी कर सकती है।
होम लोन को IT Act की धारा 80 (सी) से बाहर रखने की मांग
हालांकि, Budget Expectations के संदर्भ में जैन और बर्धन दोनों इस बात को लेकर सहमत दिखे कि सरकार को होम लोन को आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) से बाहर रखना चाहिए। इस अधिनियम के तहत कर योग्य आय पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त की जा सकती है। बकौल बर्धन अगर ऐसा होता है तो देश के रियल एस्टेट सेक्टर को रिवाइव करने में बड़ी मदद मिलेगी क्योंकि लोगों आवासीय संपत्तियों में निवेश करना शुरू कर देंगे।
कैपिटल क्लेम को तर्कसंगत बनाने की मांग
बलवंत जैन ने सरकार से कैपिटल क्लेम को भी ज्यादा तर्कसंगत बनाने का आग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने NPS को भी ज्यादा आकर्षक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पांच साल बाद पीएफ से निकासी पर किसी तरह का कर नहीं देना होता है, जबकि NPS की 60 फीसद राशि ही कर छूट से बाहर होती है। उन्होंने कहा कि इस खामी को भी दूर किये जाने की जरूरत है।