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Budget 2021: स्टॉक ब्रोकर्स ने सरकार से की मांग, शेयर बाजार की आमदनी को ना माना जाय सट्टा आय

Budget 2021 एएनएमआइ ने मांग की है कि आगामी बजट में शेयर बाजार से होने वाली आमदनी को सट्टा आय (स्पेकुलेटिव इनकम) न माना जाए। कर विसंगतियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए संगठन ने कहा कि कैश मार्केट ट्रेडिंग की आय सट्टा आय के दायरे में आती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 11:19 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 11:00 AM (IST)
Budget 2021: स्टॉक ब्रोकर्स ने सरकार से की मांग, शेयर बाजार की आमदनी को ना माना जाय सट्टा आय
Budget 2021 ( P C : Flickr )

नई दिल्ली, आइएएनएस। स्टॉक ब्रोकरों के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर ऑफ इंडिया (एएनएमआइ) ने सरकार से पूंजी बाजार की मौजूदा कर व्यवस्था को न्यायसंगत बनाने की अपील की है। 2021-22 के बजट से पहले अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने के लिए एएनएमआइ ने इस संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को पत्र लिखा है।

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पत्र में एएनएमआइ ने मांग की है कि आगामी बजट में शेयर बाजार से होने वाली आमदनी को सट्टा आय (स्पेकुलेटिव इनकम) न माना जाए। कर विसंगतियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए संगठन ने कहा कि कैश मार्केट ट्रेडिंग की आय जहां सट्टा आय के दायरे में आती है, वहीं डेरिवेटिव मार्केट ट्रेडिंग की आमदनी कारोबारी आय के दायरे में आती है। इन विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए।

ऐसी व्यवस्था अन्य देशों में नहीं है। एएनएमआइ ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में पूंजी बाजार की भूमिका अहम है। कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थिति में शेयर बाजार पूंजी जुटाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। ऐसे में इसके जरिये होने वाले कारोबार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

इससे पहले स्टॉक ब्रोकर्स ने लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्सेज (LTCG) में राहत देने की मांग की थी। साथ ही स्टॉक ब्रोकर्स ने बचतकर्ताओं को इक्विटी एसेट्स में लंबी अवधि के निवेश के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक सूचीबद्ध कंपनियों को व्यक्तिगत डिविडेंड टैक्स देनदारी में 10,000 रुपये तक की छूट देनें की भी मांग की थी। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी के बीच एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है।

आगामी आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। इस बार के बजट से कई सारी उम्मीदें और संभावनाएं हैं। देशभर के आम लोगों, निवेशकों और कारोबारियों की निगाहें इस बजट पर लगी हुई हैं। अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी के प्रभाव से जल्द से जल्द बाहर निकालने की दिशा में बजट 2021 में कुछ प्रावधान आ सकते हैं।


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