Senior Citizen Budget 2022: वरिष्ठ नागरिकों ने सरकार से सामाजिक पेंशन में वृद्धि करने सहित लगाईं यें प्रमुख उम्मीदें
Budget expectation 2022 1 फरवरी को वित्त मंत्रालय साल 2022 का बजट पेश करने के लिए तैयार है। आने वाले बजट को लेकर वरिष्ठ नागरिक केंद्र सरकार से ढेरों आस लगाए बैठे हैं। आइये जानते हैं क्या है उनकी प्रमुख मांगे।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करने वाली हैं। देश का आम बजट (Aam Budget 2022) वरिष्ठ नागरिकों (senior citizens) के लिए नई सौगात ला सकता है। आपको बता दें कि मोदी सरकार की ओर से पेश किया जाने वाला यह 10वां बजट होगा, जिससे देश के बुजुर्ग नागरिक खासा उम्मीदें लगा कर बैठे हैं। आइए जानते हैं देश के वरिष्ठ नागरिकों की आम बजट 2022 से क्या प्रमुख उम्मीदें हैं।
हेल्पएज इंडिया द्वारा अनुमानित तौर पर बताया गया है कि भारत की कुल आबादी में लगभग 14 करोड़ बुजुर्ग हैं। वृद्धावस्था में कई बुजुर्ग गरीबी की मार झेल रहे हैं तो कई स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं, वृद्धावस्था पेंशन, ब्याज दरों में कमी सहित अन्य बड़ी चुनौतियां का सामना कर रहे हैं। ऐसे में 1 फरवरी को देश का नया आम बजट आने वाला है, जिसे लेकर वरिष्ठ नागरिक केंद्र सरकार से ढेरों आस लगाए बैठे हैं।
• देश के 14 करोड़ बुजुर्गों में से 70 फीसदी बुजुर्ग लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे हैं, वृद्धावस्था में गरीबी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से त्रस्त बुजुर्ग स्वास्थ्य बीमा योजना, मेडिक्लेम प्रीमियम की सीमा में वृद्धि, आवश्यक स्वास्थ्य सहायता की उम्मीद में हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि हुई है, इस बजट से वरिष्ठ नागरिकों को, बीमारी का अधिक खतरा होने की संभावना के कारण बुजुर्गों को चिकित्सा व्यय के लिए कटौती प्रदान करने उम्मीद है।
• ब्याज दरों के कम होने से देश के वरिष्ठ नागरिक काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ब्याज दरों में कमी के चलते उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आपको बता दें कि अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड इनकम में निवेश करते हैं, जिस पर अभी 6 फीसदी से भी कम ब्याज दर मिल रहा है। वरिष्ठ नागरिकों को इस बजट से उम्मीद है कि ब्याज दर यानी कि इंटरेस्ट रेट बढ़ाया जाए साथ ही साथ इम्यूनिटी इनकम को टैक्स फ्री किया जाए, जिस पर अभी फिलहाल बुजुर्गों को टैक्स देना होता है।