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Budget 2022 में घर खरीदारों के फायदे की हो सकती है बात, एक्‍सपर्ट ने सुझाए ये उपाय

हम उम्मीद करेंगे कि घर खरीदने की प्राथमिकताओं में महामारी से प्रेरित बदलाव के कारण आवास क्षेत्र में बढ़ती मांग को समायोजित करने के लिए किफायती और किराये के आवास दोनों को प्रोत्साहन प्रदान करने पर ध्यान दिया जाएगा।

By Ashish DeepEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 11:57 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 09:10 AM (IST)
Budget 2022 में घर खरीदारों के फायदे की हो सकती है बात, एक्‍सपर्ट ने सुझाए ये उपाय
बजट में रीयल एस्‍टेट क्षेत्र को मिल सकता है कुछ अच्‍छा। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। इस साल का केंद्रीय बजट टैक्स और वेवर में कुछ प्रमुख छूट, रॉ मैटेरियल पर जीएसटी में कटौती की पेशकश करके रीयल एस्टेट क्षेत्र में सहायक भूमिका निभा सकता है। चूंकि यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है, इस क्षेत्र को मजबूत करने से संबद्ध आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र रूप से अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा।

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पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड के एमडी रोहित पोद्दार ने कहा कि हम उम्मीद करेंगे कि घर खरीदने की प्राथमिकताओं में महामारी से प्रेरित बदलाव के कारण आवास क्षेत्र में बढ़ती मांग को समायोजित करने के लिए किफायती और किराये के आवास दोनों को प्रोत्साहन प्रदान करने पर ध्यान दिया जाएगा। उम्मीद है कि सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने से सेक्टर में लिक्विडिटी निर्माण करने में मदद मिलेगी।

अजमेरा रियल्टी और इंफ्रा इंडिया लिमिटेड के निदेशक धवल अजमेरा ने कहा कि बीते डेढ़ साल में रीयल एस्टेट सेक्टर ने अच्छा बदलाव देखा है। लोगों ने कोविड के बाद के दौर में घर खरीदने के महत्व को महसूस किया है। जबकि सरकार ने स्टैंप ड्यूटी में कटौती, सबसे कम होम लोन दरों जैसे कुछ लाभ दिए है और समर्थन किया है। आगामी बजट को रीयल एस्टेट क्षेत्र का समर्थन करना जारी रखना चाहिए क्योंकि यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है।

रीयल एस्टेट उद्योग 2 से 3 साल के लिए निरंतर कम ब्याज दरों और घटक आधार पर 8% जीएसटी की मांग करता है। सरकार को किफायती आवास की परिभाषा बदलने पर भी ध्यान देना चाहिए। हाउसिंग लोन इंटरेस्ट रेट्स पर इंटरेस्ट कैप को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करना महत्वपूर्ण है ताकि किफायती खंड में खरीदारों के लिए करों के वित्तीय बोझ को कम किया जा सके। उपर्युक्त कारक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।


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