Budget 2020: Real Estate सेक्टर को मंदी से उबारने की तैयारी, $5 Trillion Economy के लक्ष्य के लिए अहम
Real Estate नारेडको के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदनी का कहना है कि यह अकेला ऐसा सेक्टर है जो सीधे या परोक्ष तौर पर 269 उद्योगों की मांग को प्रभावित करता है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 20-25 दिनों में Budget 2020 को लेकर उद्योग जगत और अर्थविदों से अलग-अलग बैठकें की हैं। उनमें सबसे ज्यादा सुझाव रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर दिए गए हैं। शुक्रवार को नीति आयोग के साथ पीएम मोदी ने जब कैबिनेट के कई सदस्यों के साथ अर्थव्यवस्था पर बैठक की तो उसमें भी Real Estate Sector पर ही सबसे ज्यादा ध्यान देने को कहा गया।
कुछ ने तो यहां तक कहा कि वर्ष 2024-25 तक $5 trillion economy का आकार देने का लक्ष्य रियल एस्टेट की स्थिति को ठीक किए बगैर पूरा नहीं होगा और यह स्थिति आगामी वित्त वर्ष में ही ठीक करनी होगी। ऐसे में वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में मुख्य फोकस रियल एस्टेट सेक्टर की मंदी दूर करने पर होने की उम्मीद है।
नीति आयोग भेज चुका है अपनी सिफारिश
नीति आयोग पहले ही इस सेक्टर में नई जान फूंकने संबंधी सुझावों को वित्त मंत्रालय भेज चुका है। सरकार के बीच उच्च स्तर पर हाल के दिनों में बजट को लेकर हुई बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर दो दिक्कतों को दूर करने पर सबसे ज्यादा विमर्श हुआ है। इनमें एक है कंपनियों की फंड की कमी दूर करना। दूसरा है ब्याज दरों को और नीचे लाना, ताकि आम ग्राहक को मासिक किस्त के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिले। सिर्फ इन दो समस्याओं को दूर करने से उन ग्राहकों को बाजार में लौटाने में मदद मिल सकती है जो जरूरत होने के बावजूद मकान खरीदने से हिचक रहे हैं।
269 उद्योगों की मांग को प्रभावित करता है Real Estate Sector
सरकार को उच्च स्तर पर यह जानकारी दी गई है कि इस सेक्टर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए वर्ष 2022 तक सभी को आवास देने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा। सभी घरों को बिजली देने के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले पूरा करने के बाद सरकार चाहती है कि आवास संबंधी लक्ष्य भी समय से पहले पूरा हो। आगामी आम बजट के लिए रियल एस्टेट सेक्टर कितना महत्वपूर्ण है, इस बारे में सेक्टर के सबसे बड़े संगठन नारेडको के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदनी का कहना है कि यह अकेला ऐसा सेक्टर है जो सीधे या परोक्ष तौर पर 269 उद्योगों की मांग को प्रभावित करता है। यह सेक्टर जरा सी भी अच्छी हालत में होने पर रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर पैदा करता है।
केंद्र सरकार पिछले एक वर्ष के दौरान इस सेक्टर को थोड़ी-थोड़ी मदद दे ही रही है। लेकिन अब एक समग्र घोषणा करने की जरूरत है। यह घोषणा ना सिर्फ वर्ष 2022 तक हाउसिंग फॉर आल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए होनी चाहिए बल्कि पांच लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए भी जरूरी होगा