GST के बाद डायरेक्ट टैक्स सुधार के लिए आम बजट में कदम उठाएगी सरकार
एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट टैक्स की दरें घटाते हुए मौजूदा कर छूटों को खत्म कर सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद सरकार अब प्रत्यक्ष करों में सुधार के लिए कदम बढ़ाने जा रही है। आम बजट 2018-19 में देश आयकर व्यवस्था के सुधार का रोडमैप पेश किया जा सकता है। साथ ही सरकार प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर कर आधार बढ़ाने के लिए मौजूदा कर छूटें खत्म करके टैक्स की दरें घटाने का कदम भी उठा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि वर्षे से लंबित जीएसटी के क्रियान्वयन की सफलता से उत्साहित सरकार के समक्ष अब अगली प्राथमिकता प्रत्यक्ष करों में सुधार की है। मौजूदा आयकर कानून लगभग छह दशक पुराना है और इसमें कई जटिलताएं हैं। ऐसे में अब इसके सरलीकरण पर जोर होगा।
प्रत्यक्ष कर सुधारों की आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि हाल के वर्षो में इनके संग्रह में अपेक्षानुरूप वृद्धि नहीं हुई है। आयकर विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में कुल कर राजस्व में प्रत्यक्ष करों का योगदान मात्र 49.66 फीसद है। वहीं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले प्रत्यक्ष कर संग्रह का आंकड़ा छह फीसद तक भी नहीं पहुंच पाया है। प्रत्यक्ष कर सुधारों की जरूरत इसलिए भी महसूस की जा रही है, क्योंकि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद आयकरदाता आधार नहीं बढ़ा है। आकलन वर्ष 2015-16 में कुल 4.35 करोड़ व्यक्तियों और कंपनियों ने अपना रिटर्न दाखिल किया, जिसमें से मात्र 2.21 करोड़ लोगों ने आयकर दिया। इस तरह देश की सवा सौ करोड़ आबादी में से बमुश्किल पौने दो फीसद आबादी ही आयकर दे रही है। वित्त वर्ष 2016-17 में प्रत्यक्ष करदाता आधार बढ़कर 6.26 करोड़ हो गया है, लेकिन अब भी इसे बढ़ाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्यक्ष करों में बदलाव पर विचार के लिए सरकार ने नवंबर, 2017 में छह सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया था। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि आयकर या कॉरपोरेट टैक्स के संबंध में जो भी बदलाव आगामी बजट में होंगे, वे प्रत्यक्ष कर प्रणाली में बदलाव की दिशा और दशा तय करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट टैक्स की दरें घटाते हुए मौजूदा कर छूटों को खत्म कर सकते हैं। इससे टैक्स के अनुपालन में सरलता आएगी। साथ ही कर आधार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। जेटली दो साल पहले कॉरपोरेट टैक्स की मौजूदा दर 30 फीसद को चरणबद्ध तरीके से घटाकर 25 फीसद पर लाने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि अब तक इस पर अमल नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा कि मोदी सरकार का यह अंतिम पूर्ण बजट है, इसलिए इस बार घोषणा पर अमल करना ही होगा।