बजट 2019: जेवर, FD और बैंक डिपॉजिट जैसी पुश्तैनी संपत्तियों पर भी लागू हो सकता है टैक्स
सरकार इस बार के Budget में एक बड़ा फैसला कर सकती है। inheritance tax के माध्यम से जेवर FD या बैंक डिपॉजिट के रूप में मिली पुश्तैनी संपत्तियों को टैक्स के दायरे में लाया जा सकता है
By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 09:13 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 07:43 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्र सरकार इस बार के बजट में एक बड़ा फैसला कर सकती है। इनहेरिटेंस टैक्स के माध्यम से जेवर, सावधि जमा (एफडी) या बैंक डिपॉजिट के रूप में मिली पुश्तैनी संपत्तियों को टैक्स के दायरे में लाया जा सकता है। न्यूज एजेंसी आइएएनएस के सूत्रों के मुताबिक सरकार इसे टैक्स से हासिल आय बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि धन संचय की प्रवृत्ति खत्म करने और कालाधन पर लगाम लगाने की कोशिशों के तौर पर पेश कर सकती है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह सरकार जनता की भलाई के लिए जानी जाती है। इस समय इनहेरिटेंस टैक्स लगाने का बेहतर मौका है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लोग सरकार-अनुमोदित संस्थाओं और ट्रस्ट को दान देकर इस टैक्स से मुक्ति पा सकते हैं। ऐसे में संस्थाओं और ट्रस्टों को दिए गए दान से आम जनता का ही भला होगा, क्योंकि यह रकम उनकी भलाई के कामों में लगाई जाएगी। जीएसटी संग्रह के हालिया आंकड़े सरकार के लिए बहुत उत्साहजनक नहीं रहे हैं। ऐसे में सरकार के सामने राजस्व ब़ढ़ाने की कड़ी चुनौती है। इसी से निपटने के लिए नए तरह के टैक्स लगाने पर विचार किया जा रहा है।
क्यों मुश्किल है ऐसा टैक्स लगाना
यदि सरकार वाकई पैतृक संपत्ति पर टैक्स लगाती है तो हो सकता है कि कुछ लोग इससे बचने के लिए दूसरे देशों का रुख कर लें। इस लिहाज से इनहेरिटेंस टैक्स लागू करना बड़ी चुनौती साबित होगी। कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि भारत जैसे देश में जिनके पास पैतृक संपत्ति है, हो सकता है कि उनके पास टैक्स जमा करने के लिए पैसे ही न हों।
ऐसे में टैक्स जमा करने के लिए संपत्ति बेचनी पड़ सकती है। हालांकि, इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि अमीरों पर टैक्स लगाना मुश्किल है, लेकिन इसे लागू करना आसान है। यह भी संभव है कि लोग अपनी संपत्ति पर टैक्स भुगतान से बचने के लिए उसे ट्रस्टों के तहत ले आएं।
ऐसे टैक्स के लिए इस वक्त तैयार नहीं देश
सरकार ने इनहेरिटेंस टैक्स पर पहले भी चर्चा की थी, लेकिन इसे लागू नहीं कर पाई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का टैक्स इस वक्त लाने से नकदी की कमी से जूझ रहे सेक्टरों को और तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
35 वर्ष पहले हुआ था खत्म
इनहेरिटेंस टैक्स का प्रावधान वर्ष 1985 में खत्म कर दिया गया था। लेकिन, अब सरकार बजट में इसकी घोषणा कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया है। गिफ्ट या पैतृक संपत्ति पर लगने वाले टैक्स को इनहेरिटेंस टैक्स कहते हैं।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह सरकार जनता की भलाई के लिए जानी जाती है। इस समय इनहेरिटेंस टैक्स लगाने का बेहतर मौका है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लोग सरकार-अनुमोदित संस्थाओं और ट्रस्ट को दान देकर इस टैक्स से मुक्ति पा सकते हैं। ऐसे में संस्थाओं और ट्रस्टों को दिए गए दान से आम जनता का ही भला होगा, क्योंकि यह रकम उनकी भलाई के कामों में लगाई जाएगी। जीएसटी संग्रह के हालिया आंकड़े सरकार के लिए बहुत उत्साहजनक नहीं रहे हैं। ऐसे में सरकार के सामने राजस्व ब़ढ़ाने की कड़ी चुनौती है। इसी से निपटने के लिए नए तरह के टैक्स लगाने पर विचार किया जा रहा है।
क्यों मुश्किल है ऐसा टैक्स लगाना
यदि सरकार वाकई पैतृक संपत्ति पर टैक्स लगाती है तो हो सकता है कि कुछ लोग इससे बचने के लिए दूसरे देशों का रुख कर लें। इस लिहाज से इनहेरिटेंस टैक्स लागू करना बड़ी चुनौती साबित होगी। कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि भारत जैसे देश में जिनके पास पैतृक संपत्ति है, हो सकता है कि उनके पास टैक्स जमा करने के लिए पैसे ही न हों।
ऐसे में टैक्स जमा करने के लिए संपत्ति बेचनी पड़ सकती है। हालांकि, इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि अमीरों पर टैक्स लगाना मुश्किल है, लेकिन इसे लागू करना आसान है। यह भी संभव है कि लोग अपनी संपत्ति पर टैक्स भुगतान से बचने के लिए उसे ट्रस्टों के तहत ले आएं।
ऐसे टैक्स के लिए इस वक्त तैयार नहीं देश
सरकार ने इनहेरिटेंस टैक्स पर पहले भी चर्चा की थी, लेकिन इसे लागू नहीं कर पाई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का टैक्स इस वक्त लाने से नकदी की कमी से जूझ रहे सेक्टरों को और तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
35 वर्ष पहले हुआ था खत्म
इनहेरिटेंस टैक्स का प्रावधान वर्ष 1985 में खत्म कर दिया गया था। लेकिन, अब सरकार बजट में इसकी घोषणा कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया है। गिफ्ट या पैतृक संपत्ति पर लगने वाले टैक्स को इनहेरिटेंस टैक्स कहते हैं।
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