Budget 2021: स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने की बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने की मांग
Budget 2021 मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर के प्रमोटर और एमडी अमीरा शाह ने बजट से अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी भारतीय परिवारों पर एक उच्च वित्तीय बोझ डालती है और इसलिए स्वास्थ्य बजट को बढ़ाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने मंगलवार को सरकार से स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को बढ़ाने की मांग की है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने कहा कि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च बढ़ाया जाना चाहिए। मणिपाल हॉस्पिटल के एमडी और सीईओ दिलीप जोस ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च को अगले तीन साल में मौजूदा 1.2 फीसद से कम से कम जीडीपी के 2.5 फीसद तक बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें से अधिकांश को इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और उसके आधुनिकीकरण के लिए खर्च किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'सरकार की त्वरित और सक्रिय कार्यवाही और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों ने देश में COVID-19 महामारी के प्रकोप को कम करने में मदद की। हालांकि, इसने स्वास्थ्य प्रणाली में कमियों को उजागर किया और बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया।'
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर के प्रमोटर और एमडी अमीरा शाह ने बजट से अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'भारत में पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी भारतीय परिवारों पर एक उच्च वित्तीय बोझ डालती है और इसलिए स्वास्थ्य बजट को बढ़ाने की आवश्यकता है। आने वाले दशक में स्वास्थ्य बजट आवंटन काफी महत्वपूर्ण होगा।' उन्होंने आगे कहा, 'समय की मांग है कि पीपीपी मॉडल के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था को मजबूती दी जाए।'
एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के सीईओ आनंद के ने कहा, 'स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र स्वच्छ भारत, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और अब 'मिशन COVID सुरक्षा' सहित विभिन्न व्यापक पहलों के माध्यम से देश की विकास योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसलिए बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण आवंटन की आवश्यकता है।
वहीं, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि अगले वित्त वर्ष में भारत स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को दोगुना कर सकता है। भारत सरकार स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को चार साल में जीडीपी के 4 फीसद तक ले जाने के उद्देश्य से ऐसा कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर करना चाहता है और बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य खर्च को दोगुना कर सकता है।