क्या कॉरपोरेट टैक्स में कारोबारियों को मिलेगी राहत?
2017-18 के बजट में लघु और सीमांत उद्योंगों के लिए टैक्स की दर को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद कर दिया गया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री ने अपने पिछले आम बजट में व्यक्तिगत आयकर स्लैब में भले ही कोई बदलाव न किया हो, लेकिन उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर कारोबारियों को बड़ी राहत दी थी। काफी दिनों से कारोबारी इस टैक्स स्लैब में कमी की उम्मीद लगा रहे थे और उन्हें पूरा भरोसा था कि अरुण जेटली आम बजट 2018 में इससे जुड़ी घोषणा करेंगे। कारोबारी इस बजट से भी कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती की उम्मीद लगा रहे हैं।
2017-18 के बजट में लघु और सीमांत उद्योंगों के लिए टैक्स की दर को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद कर दिया गया था। यह कारोबारियों के लिए एक राहत भरा फैसला था, क्योंकि इससे पहले सिर्फ 50 करोड़ तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को ही 25 फीसद का टैक्स देना होता था। हालांकि, अब 25 फीसद के कॉरपोरेट टैक्स का दायरा 25 से 250 करोड़ के बीच की रेंज में आ गया है। इस घोषणा का फायदा बीते वित्त वर्ष (2016-17) में 250 करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों को भी मिला। मोदी सरकार की 'स्टार्टअप इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' जैसी योजनाओं के लिहाज से इसे अहम घोषणा माना गया।
उद्योग संगठन फिक्की ने सरकार को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करने का सुझाव दिया था। इसके साथ ही उसने देश में निवेश को बढ़ाने के लिए कई अन्य सुझाव भी दिए थे, ताकि देश दूसरे देश की कंपनियों से मुकाबले करने की बेहतर स्थिति में आ पाए। फिक्की ने दलील दी थी कि जब दूसरे देशों में कॉरपोरेट टैक्स की दर को कम किया जा रहा है तो भारत में भी इसमें कमी की जानी चाहिए।
बीते वित्त वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दरों में 5 फीसद की कटौती के बाद इस साल भी कारोबारियों और प्रतिनिधि संगठनों ने सरकार से बजट में राहत की अपील की है।