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Budget Expectations 2022: महिलाओं के पास है उम्मीदों की मोटी गठरी, बजट में चाहती हैं ये सभी घोषणाएं

आगामी बजट से महिलाओं को काफी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। महिलाओं का कहना है कि बजट ऐसा हो जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती हों ताकि घर आसानी से चल सके। रसोई का बजट न बिगड़े।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 09:14 AM (IST)
Budget Expectations 2022: महिलाओं के पास है उम्मीदों की मोटी गठरी, बजट में चाहती हैं ये सभी घोषणाएं
आगामी बजट से महिलाओं को काफी उम्मीदें हैं

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आगामी बजट से महिलाओं को काफी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। महिलाओं का कहना है कि बजट ऐसा हो, जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती हों, ताकि घर आसानी से चल सके। रसोई का बजट न बिगड़े। किचन में प्रयोग होने वाली चीनी, दाल, तेल, सब्जी, चावल, गेहूं, फल, दूध आदि खाद्य पदार्थ और गैस सिलिंडर व अन्य जरूरी वस्तुओं के दाम मौजूदा समय में आसमान छूने लगे हैं। इससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है। महिलाओं का मानना है कि महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने काफी कुछ किया है लेकिन अभी बहुत कुछ करने की जरुरत है। महिलाओं को उम्मीद है कि आगामी बजट में भी उनके लिए कुछ विशेष ऐलान किए जाएंगे।

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आज के समय में महिला सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और उम्मीद है कि आज पेश होने वाले बजट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ घोषणाएं की जा सकती है। इसके अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर भी कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं।

गृहिणी संध्या कहती हैं स्कूल व कालेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को बसों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बजट में स्पेशल बसों का प्रबंध करना चाहिए। छात्राओं की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। स्कूल व कालेजों में अलग से छूट दी जाए।

कामकाजी महिला प्रीति कहती हैं, घर का बजट पहले से ही असंतुलित है। ऐसे में आने वाला बजट ऐसा हो जिससे किचन का बजट न बिगड़े। पेट्रोल डीजल रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि के कारण घरेलू सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। हालांकि, अभी कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ रहे हैं, उनका कहना है कि हो सकता है चुनाव है तो सरकार अभी नहीं बढ़ा रही दाम, चुनाव के बाद फिर से बढ़ सकता है। आगामी बजट में इस पर लगाम लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे किचन का बजट भी नियंत्रण में रहे और जायका बरकरार रहे।

घरेलू महिला, नीतू कहती हैं, बजट में महिलाएं चाहती हैं कि उनकी सशक्तिकरण व शिक्षा पर ध्यान दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्र की हुनरमंद महिलाओं को ई-चौपाल या ई-नेट के माध्यम से और सशक्त किया जाए।

काम-काजी महिला सौम्या कहती हैं, सरकार महिलओं को टैक्स में छूट दे। इसके अलावा आसमां परवीन ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक परिवारों के बच्चों को स्कूली शिक्षा देने के लिए भी कुछ ठोस उपाए करे, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे बीच में पढाई न छोड़कर इसे जारी रखें।


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