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Budget Expectations 2021: डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया पर विशेष जोर रहने की उम्मीद, सरकार पहले ही दे चुकी है संकेत

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव की खबरों को आपने पढ़ा या सुना होगा। इस वजह से वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में रक्षा क्षेत्र में आवंटन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हो सकती है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 08:56 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:24 AM (IST)
Budget Expectations 2021: डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया पर विशेष जोर रहने की उम्मीद, सरकार पहले ही दे चुकी है संकेत
वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 3.37 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपने हाल में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव की खबरों को पढ़ा या सुना होगा। इसको देखते हुए इस बात की उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में आवंटन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी कर सकती है। हालांकि, इस बात की उम्मीद की जा रही है कि सरकार डिफेंस सेक्टर में भी मेक इन इंडिया पर विशेष जोर देगी। इसका संकेत मई 2020 में ही मिल चुका है जब वित्त मंत्री सीतारमण ने डिफेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट के जरिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने का ऐलान किया था।  

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इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कुछ हथियारों और प्लेटफॉर्म के आयात की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा, ''हम हथियारों और प्लेटफॉर्म्स की एक लिस्ट जारी करेंगे, जिनके आयात की मंजूरी नहीं होगी। जैसे-जैसे हम अपनी क्षमता विकसित करेंगे, वैसे-वैसे साल दर साल इस लिस्ट में नए हथियार और प्लेटफॉर्म जोड़े जाएंगे।'' 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के बजट में छह फीसद का इजाफा किया था। केंद्र सरकार ने रक्षा बजट को 3.18 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। चालू वित्त वर्ष के बजट में सेना के आधुनिकीकरण और नए तथा अत्याधुनियक हथियारों की खरीद के लिए 1,10,734 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया गया था।  

सीतारमण ने अपने पिछले बजट भाषण में कहा था, ''राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा से सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल रहा है।'' 

उनका यह बयान काफी अहम है और चीन के साथ सीमा पर हालिया गतिरोध को देखते हुए विश्लेषक रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।  

क्षेत्रीय जोखिम एवं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है। साथ ही भारत ने सेना और अन्य सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर बहुत जोर दिया है।  

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