Budget Expectation: बजट से युवाओं को क्या है उम्मीदें, सबकी अलग-अलग मांग
महामारी के कारण देश का हर क्षेत्र पीड़ित है। इसमें युवाओं का भविष्य काफी कुछ झेल रहा है। आम बजट से समाज के विभिन्न वर्गों को अलग-अलग उम्मीदें हैं वहीं युवा वर्ग को भी को रोजगार के नए अवसरों की आस है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नरेंद्र मोदी सरकार की आज 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर आम से खास लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होने बाले आम बजट को लेकर समाज के सभी वर्गों के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। करदाताओं को बजट से राहत की उम्मीद बढ़ गयी है। लोग मंहगाई पर अंकुश के उम्मीद से बेहतर बजट की अपेक्षा की जा रही हैं। बजट को लेकर छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में राहत की उम्मीद है। महामारी के कारण देश का हर क्षेत्र पीड़ित है। इसमें युवाओं का भविष्य काफी कुछ झेल रहा है। आम बजट से समाज के विभिन्न वर्गों को अलग-अलग उम्मीदें हैं वहीं युवा वर्ग को भी को रोजगार के नए अवसरों की आस है। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री के पिटारे से किस वर्ग के लिए क्या खुशियां निकलेंगी। इसका सभी को इंतजार है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण बहुत से लोगों को रोजगार गंवाना पड़ा था, इस वजह से बजट में उम्मीद की जा रही है कि सरकार कौशल विकास पर फोकस करेगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार के मौके उपलब्ध कराएं जा सके। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी की दर में तेजी से बढ़त हुई। ऐसे में संभावना है कि आज पेश होने वाले बजट में युवाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कुछ खास हो।
युवा संतोष कुमार का कहना है कि मेडिकल, इंजिनियरिंग सहित अन्य विषयों की बेहतर तैयारी के लिए कोचिग सेंटरों में शिक्षा के गुणवत्ता के साथ-साथ संसाधनों में सुधार का ठोस प्रावधान किया जाना चाहिए। प्रावधानों की अनदेखी पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए। गरीब बच्चों के लिए लाभकारी योजनाओं को शामिल किया जाना चाहिए।
सुजीत नारायणन, सह-संस्थापक, फाई का कहना है कि जीवन स्तर और प्रति व्यक्ति आय में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। लेकिन बचत के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। घरेलू बचत बढ़ाने से न केवल व्यक्तियों को लाभ होता है, बल्कि सरकार को सस्ते और दीर्घकालिक धन का एक स्रोत भी मिलता है। बजट में बचत और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सेक्शन 80सी के तहत टैक्स सेविंग स्कीमों पर सालाना 1.5 लाख रुपये की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, इस सेक्शन के तहत टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट पर पांच साल की लॉक-इन अवधि को कम करके तीन साल किया जाना चाहिए ताकि इसे और अधिक आकर्षक निवेश विकल्प बनाया जा सके।
अमन गुप्ता का कहना था कि बजट में शिक्षा के नाम पर कोचिग सेंटरों का बढ़ता धंधा को रोकने का प्रावधान किया जाना चाहिए। विभागीय कसौटी पर खड़ा नहीं उतरने कोचिग सेंटरों के संचालन पर रोक का प्रावधान किया जाना चाहिए। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कोचिग सेंटरों में नामांकन का प्रावधान किया जाना चाहिए। इस बार आम बजट में सरकार की ओर से युवाओं को कुछ न कुछ जरूर मिलने की उम्मीद है। युवाओं की मांग है कि इस बार वित्त मंत्री शिक्षा को प्रेरित करने वाला बजट पेश करें। उसमें रोजगार की बेहतर व्यवस्था भी करें, ताकि युवाओं का भविष्य बेहतर हो सके।
मिथलेश कुमार का कहना है कि मौजूदा समय में रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। युवाओं को स्वयं उद्यम स्थापित करने के लिए रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था करने की दरकार है। आम बजट में सरकार युवाओं के रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था करें।