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Budget Expectation: SBI रिपोर्ट में मिला सुझाव, बजट में नए कर लगाने से बचें, विवादों में फंसे कर के निपटान का ईमानदार से हो प्रयास

आगामी आम बजट में बेहतरी के लिए एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को कुछ सुझाव दिए। इन सुझावों में नए कर लगाने से बचने पुराने विवादों में फंस कर मामलों को निपटाने के ईमानदारी से प्रयास करने जैसे कुछ बातें प्रमुखता से कही गई।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 04:16 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 08:21 AM (IST)
Budget Expectation: SBI रिपोर्ट में मिला सुझाव, बजट में नए कर लगाने से बचें, विवादों में फंसे कर के निपटान का ईमानदार से हो प्रयास
Avoid new taxes mount honest attempts to settle past litigations says SBI report

नई दिल्ली, पीटीआइ। आगामी आम बजट में बेहतरी के लिए एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को कुछ सुझाव दिए। इन सुझावों में नए कर लगाने से बचने, पुराने विवादों में फंस कर मामलों को निपटाने के ईमानदारी से प्रयास करने जैसे कुछ बातें प्रमुखता से कही गई। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कोरोना महामारी से सबक और स्वास्थ्य क्षेत्र में ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त खर्च करने की बात भी कही। मालूम हो कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इस क्षेत्र में जीडीपी का मात्र एक प्रतिशत धन खर्च किया है। 

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अर्थशास्त्रियों ने एक नोट में कहा, 'हम एक सुझाव दे रहे हैं। बजट में कोई नया कर नहीं लगाया जाए। अगर कर अवकाश वाला बजट पेश हो तो ये बेहतर है, जिसमें वित्तीय सहयोग के लिए तैयार की गई नीतियों को शामिल किया जाए। साथ ही सरकार कर विवाद के मामलों को हमेशा के लिए निपटाने का ईमानदारी से प्रयास करे।' 

अर्थशास्त्रियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2018- 19 तक 9.5 लाख करोड़ रुपये का कर विवादों में फंसा था। इसमें शामिल 4.05 लाख करोड़ रुपये निगम कर और 3.97 लाख करोड़ रुपये आयकर का था। इसके अलावा 1.54 लाख करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर भी विवाद में रहे। 

हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कोविड19 टीकाकरण के लिए कोई उपकर लगाया जा सकता है। वरिष्ठ नागिरकों के लिये बचत में कुछ कर प्रोत्साहन दिये जा सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे उपकर को केवल एक साल के लिए ही रखा जाना चाहिए। 

नोट में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान केन्द्र और राज्यों का कुल राजकोषीय घाटा जीडीपी का 12.1 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका है। इसमें केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 7.4 प्रतिशत होगा। बजट में ऐसी उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय का राजकोषीय घाटे को कम करते हुये 5.2 प्रतिशत पर लाया जा सकता है। इसके अलावा खर्च में वृद्धि 6 प्रतिशत तक सीमित रखी जायेगी। 


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