Budget 2022-23: सरकार के लिए दोहरी चुनौती! घरेलू इंडस्ट्री को राहत से बढ़ सकते हैं स्मार्टफोन के दाम
Budget 2022-23 भारत के स्मार्टफोन मार्केट का रेवेन्यू साल 2021 में करीब 38 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा है। साथ ही शिपमेंट में 11 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आज आम बजट (Aam Budget 2022) पेश करेंगी। बजट में कर, बुनियादी ढांचा, कृषि, किसान और महिलाओं सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े ऐलान किए जाने की उम्मीद है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मोदी सरकार इस साल के बजट (Budget 2022-23) में इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी को स्थिर रख सकती है। मतलब उनमें बदलाव नहीं होने की उम्मीद है।
कस्टम ड्यूटी बढ़ने से कीमत में इजाफे की उम्मीद
साल 2021 के आम बजट में इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर 2.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाया था। दरअसल भारत सरकार का प्लान था कि कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर घरेलू इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सकेगा। ऐसा मानना था कि कलपुर्जों पर अधिक शुल्क लगाने से स्मार्टफोन कंपनियां देश में घरेलू प्रोडक्शन पर जोर देंगी।लेकिन इससे स्मार्टफोन की कीमतों में इजाफा देखने को मिला, क्योंकि वैश्विक स्तर पर घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री को चिपसेट कमी का सामना करना पड़ा। ऐसे में इस साल के आज बजट 2022 में स्मार्टफोन इंडस्ट्री कंपोनेंट पर कस्टम ड्यूटी नहीं बढ़ाये जाने की उम्मीद कर रही है।
सरकार के सामने दो चुनौतियां
इस बार के आम बजट में सरकार के सामने स्मार्टफोन इंड्स्ट्री को बूस्ट देने के लिए दो तरह की चुनौतियां होंगी। एक तरह जहां घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ अगर केंद्र सरकार कस्टम ड्यूटी में इजाफा करती है, तो स्मार्टफोन इंडस्ट्री को चिपसेट कमी का सामना करना पड़ सकता है। जिससे आने वाले दिनों में स्मार्टफोन की कीमत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा।
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार की तरफ से घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए अलग से बजट का ऐलान किया जा सकता है। साथ ही मोबाइल पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में इजाफा नहीं किया जाएगा। दरअसल घरेलू स्मार्टफोन कंपनियां बड़े पैमाने पर स्मार्टफोन बनाने की दिशा में काम कर रही है। लेकिन कंपोनेंट के लिए घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री को विदेशी कलपुर्जों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। बता दें कि स्मार्टफोन इंडस्ट्री का भारती की जीडीपी और सरकार के डिजिटल इंडिया में अहम रोल है।
भारत के स्मार्टफोन मार्केट का रेवेन्यू साल 2021 में करीब 38 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा है। साथ ही शिपमेंट में 11 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।