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बजट 2022: चीनी कब्जे से कैसे मुक्त होगा भारत? जानिए घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री की डिमांड

Budget 2022 केंद्र सरकार की तरफ से पिछले कुछ वर्षों में घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं। जिसेस भारत को मोबाइल हब के तौर पर विकसित किया जा सके। आइए जानते हैं इसके बारे में

By Saurabh VermaEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 10:13 AM (IST)
बजट 2022: चीनी कब्जे से कैसे मुक्त होगा भारत? जानिए घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री की डिमांड
Photo Credit - Dainik Jagran File Photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय स्मार्टफोन इंडस्ट्री की बात करें, तो मौजूदा वक्त में चीनी स्मार्टफोन इंडस्ट्री का कब्जा है। अगर भारत के टॉप-5 स्मार्टफोन ब्रांड की बात करें, तो इसमें एक भी घरेलू स्मार्टफोन कंपनी शामिल नहीं है। जबकि दूसरी तरफ टॉप-5 में चार चीनी स्मार्टफोन कंपनियां शामिल है। शाओमी भारत की नंबर-1 स्मार्टफोन कंपनी है। जबकि रियलमी भारत की सबसे तेज ग्रोथ दर्ज करने वाली कंपनी है। आमतौर पर भारत में बिकने वाले हर 10 में से 8 चीनी स्मार्टफोन हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकार की की तरफ से घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाये जाएंगे।

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भारत के टॉप-5 स्मार्टफोन ब्रांड

  1. Xiaomi - 24 फीसदी
  2. सैमसंग - 18 फीसदी
  3. वीवो - 15 फीसदी
  4. रियलमी - 14 फीसदी
  5. ओप्पो - 10 फीसदी

सरकार की तरफ से स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए उठाए गए कदम 

केंद्र सरकार की तरफ से घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं। जिसेस भारत को मोबाइल हब के तौर पर विकसित किया जा सके। आइए जानते हैं इसके बारे में

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम

केंद्र सरकार को कोशिश है कि भारतीय स्मार्टफोन इंडस्ट्री एंड्रॉइड और आईओएस के दबदबे से बाहर निकले। इसके लिए केंद्र सरकार अपना स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करने के लिए एक नई योजना के साथ तैयार है। सरकार की एक नई नीति पेश करने की योजना बना रही है, जिसका ऐलान बजट में किया जा सकता है। सरकार का मानना है कि सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहती है जो एंड्रॉइड और आईओएस का ऑप्शन होगा।

चिपसेट ईकोसिस्टम

केंद्र सरकार देश में सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन के लिए ईकोसिस्टम तैयार करना चाहती है। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय अपनी डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत 100 घरेलू कंपनियों, स्टार्ट-अप आवेदन मांगे हैं। इसके तहत घरेलू कंपनियों, स्टार्टअप और एमएसएमई को वित्तीय प्रोत्साहन और डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर में मदद प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना के तहत अगले पांच साल के लिए एकीकृत सर्किट (आईसी), चिपसेट, सिस्टम ऑन चिप्स (एसओसी), सिस्टम और आईपी कोर्स और सेमीकंडक्टर लिंक्ड डिजाइन के विकास और डिप्लॉयमेंट के काम में वित्तीय और टेक्निकल मदद दी जाएगी। इस योजना के तहत 76,000 करोड़ रुपये पैकेज का ऐलान किया। इसका मकसद सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल कम से कम 20 घरेलू कंपनियों की फंडिंग करना।

मोबाइल-लैपटॉप के लिए पीएलआई

सरकार की तरफ से मोबाइल, लैपटॉप की मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए PLI स्कीम शुरू की गई है। केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत पीएलआई स्‍कीम के तहत 10 सेक्‍टरों को लाने की योजना है। इस स्‍कीम में कुल 7325 करोड़ रुपए इंसेटिव देने के प्रावधान का ऐलान किया गया था। अगले पांच वर्षों में 1,95,360 करोड़ रुपये का निर्यात किया जाएगा। दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए 12,195 करोड़ रुपये की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी थी।

पीएलआई योजना में कोर ट्रांसमिशन उपकरण 4जी / 5जी अगली पीढ़ी के रेडियो एक्सेस नेटवर्क और वायरलेस उपकरण, एक्सेस और ग्राहक परिसर उपकरण (CPE), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) एक्सेस डिवाइस, अन्य वायरलेस उपकरण और उद्यम उपकरण जैसे स्विच, राउटर शामिल होंगे।


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