Budget Expectations 2022: टेक इंडस्ट्री की सरकार से आयात शुल्क बढ़ाने की मांग, ये हैं प्रमुख डिमांड
Budget 2022 घरेलू टेक स्टार्टअप को उम्मीद है कि सरकार इस साल के आम बजट में पीएलआई स्कीम की घोषणा कर सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर टेक इंडस्ट्री को इस साल यानी 2022 के बजट से क्या उम्मीदें हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी। इस साल के आम बजट से टेक इंडस्ट्री की को काफी उम्मीदें हैं। खासकर घरेलू इंडस्ट्री अपने लिए बजट में बड़ी घोषणाओं की उम्मीद कर रही है। टेक स्टार्टअप भारत में तेजी से पैर पसार रहे हैं। वही विदेश टेक स्टार्टअप भी भारत की तरफ से रुख कर रहे हैं। ऐसे में विदेशी टेक स्टार्टअप जहां एफडीआई और टैक्स में ज्यादा से ज्यादा छूट की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि घरेलू टेक स्टार्टअप को उम्मीद है कि सरकार पीएलआई स्कीम की घोषणा कर सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर टेक इंडस्ट्री को साल 2022 के बजट से क्या उम्मीदे हैं।
द डायलॉग के फाउंडर काज़िम रिज़वी की मानें, तो स्टार्टअप्स को आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि वे कर छूट के साथ-साथ उन पर जो अभी अनुपालन बोझ है उनमे आसानी की उम्मीद कर रहे हैं। जिससे उनकी कुछ लागत बचाई जा सके। स्टार्टअप्स टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों के सरलीकरण की भी उम्मीद कर रहे होंगे। FDI नियमों में स्पष्टता और आसानी की उम्मीदें भी स्टार्टअप्स से जुडी है ताकि उन्हें वैश्विक खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सके। इसके अलावा यह देखते हुए कि कोविड का खतरा अभी भी उन पर मंडरा रहा है, स्टार्टअप विनिर्माण के लिए कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे होंगे।
इंटीग्रेशन विजार्ड्स सॉल्यूशन के सीईओ कुणाल किसलय की मानें, तो आगामी बजट में सरकार को ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे स्टार्टअप की गति आगे भी बरकरार रहे। हम उम्मीद कर रहे हैं कि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहल के विकास से भारत को डीप-टेक हब के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। जैसे-जैसे डिजिटल अपनाने और परिवर्तन में तेजी आएगी, तो बजट 2022 में एक मजबूत आईटी और इंटरनेट बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी। बजट 2022 जीएसटी में कमी और छोटे कारोबारियों को टैक्स में राहत देने जैसे सुधार अपनाए जाने चाहिए। सही पॉलिसी और रिसोर्स अपनाने से अपकमिंग बजट इंडियन टेक्नोलॉजी और छोटे बिजनेस सेक्टर के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। सरकार को सभी पहलुओं जैसे टैक्स, लोन और दोनों सेक्टर के लिए ऑडिट के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
एसपीएल के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह की मानें, तो पिछले साल की तुलना में इस आम बजट को बढ़ाया जा सकता है। भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लगातार ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। भारत की टेक कंपनियां ग्लोबल लेवल पर अपना विस्तार कर रही हैं। कुछ दिनों पहले ही शुरू हुए कई नए इंडियन स्टार्टअप्स ने अपनी पहचान बड़े स्तर पर बना ली है। मोबाइल हो या अन्य टेक प्रोडक्ट निर्माण सभी में भारतीय कंपनियां विदेशी कंपनियों को टक्कर दे रही हैं। ऐसे में टेक इंडस्ट्री को इस आम बजट से काफी उम्मीदें हैं। सरकार को जीएसटी 28% से घटाकर 18% करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेमीकंडक्टर चिपसेट और डिस्प्ले पैनल के विकास के लिए पीएलए योजना के तहत 76,000 करोड़ रुपये की मंजूरी देकर एक बड़ा काम किया है, लेकिन सरकार को इसके लिए एक समय तय करनी चाहिए, ताकि इसका लाभ उठाया जा सके। भविष्य में सरकार को घरेलू रूप से निर्मित की जाने वाली चीजों में सोचना चाहिए। घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए पूर्ण निर्मित इकाई (उत्पादों) पर आयात शुल्क बढ़ाया जाना चाहिए।