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Women Budget 2022: क्या सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए करेगी नई घोषणाएं?

Women Budget 2022 (महिला बजट) कोविड-19 महामारी ने जिस तरह महिलाओं के जीवन को प्रभावित किया है उसे देखते हुए एक फरवरी यानी आज आने वाले केंद्रीय बजट 2022-23 (Budget 2022) से महिला कर्मचारियों और उद्यमियों को कई उम्मीदें हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 07:34 AM (IST)
Women Budget 2022: क्या सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए करेगी नई घोषणाएं?
महिला बजट 2022: क्या सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नई घोषणाएं करेगी?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Women Budget 2022 (महिला बजट): पिछले दो सालों में कोविड-19 महामारी ने जिस तरह महिलाओं के जीवन को प्रभावित किया है, उसे देखते हुए एक फरवरी यानी आज आने वाले केंद्रीय बजट 2022-23 (Budget 2022) से महिला कर्मचारियों और उद्यमियों को कई उम्मीदें हैं। मांग बेहतर नौकरी के अवसरों से लेकर कर लाभ और बेहतर वित्तीय समावेशन तक है।

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अधिक नौकरी के अवसर

सरकार के नए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) से पता चलता है कि जनवरी से मार्च 2021 के बीच महिलाओं के लिए बेरोज़गारी दर 11.8 प्रतिशत थी, यानी महामारी की दूसरी लहर आने से भी पहले। जो 2020 में इसी समय के दौरान 10.5 प्रतिशत थी। महामारी ने अधिक से अधिक महिलाओं को आकस्मिक श्रम में जाने के लिए मजबूर किया है।

केंद्रीय बजट 2022-23 को न सिर्फ इस प्रवृत्ति को उलटने की ज़रूरत है, बल्कि महिलाओं के लिए बेहतर औपचारिक क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पैदा करने की भी ज़रूरत है। इसके लिए ज़मीनी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य पर उच्च पूंजीगत व्यय और महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण अन्य मुद्दे शामिल हैं।

जेंडर बजट

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के एक हालिया पेपर में पाया गया कि 2021-22 के केंद्रीय बजट में लिंग बजट कुल बजट का केवल 5 प्रतिशत था। इसलिए इस साल उम्मीद है कि बजट 2022-23 असमानताओं को कम करने में मदद करने के लिए जेंडर बजट पर खर्च को प्राथमिकता देगा।

कर में छूट

कर में छूट महिलाओं की एक और प्रमुख मांग है। सरकार को कर में छूट के साथ महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसे फंड की पेशकश करनी चाहिए जो ब्रांडों को इस चुनौतीपूर्ण समय में खुद को बनाए रखने में मदद कर सकें। सरकार को महिलाओं को दो से तीन साल के लिए असाधारण या अतिरिक्त धारा 80C का लाभ देने पर विचार करना चाहिए, जो उन्हें बचत करने के लिए प्रेरित करेगा।

महिला केंद्रित व्यवसायों के लिए अधिक समर्थन

महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों और मज़बूत शैक्षिक अवसरों के लिए और अधिक समर्थन की ज़रूरत है ताकि महिलाओं के पास शिक्षा या स्वास्थ्य सेवा जैसे पारंपरिक महिला-प्रधान क्षेत्रों के बाहर अपनी खुद की कंपनियां या करियर शुरू करने के लिए ज़रूरी हुनर हो। क्योंकि अब ज़्यादा से ज़्यादा नौकरियां टैक्नोलॉजी पर आधारित हो गई हैं इसलिए केंद्रीय बजट में महिलाओं के कौशल को समायोजित करना चाहिए।

साथ ही महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 10 प्रतिशत कम तनख़्वाह दी जाती है, इसलिए समावेशी नीतियों और अन्य लाभों की तरह वेतन में भी सुधार करना होगा।


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