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Education Budget 2022: शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों की मांग, बढ़े बजट आवंटन, घटे जीएसटी, मजबूत हो बुनियादी ढांचा

Budget 2022-23 for Education Sector भले ही केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षेण में शिक्षा के क्षेत्र में बजट आवंटन पर लगातार बढ़ोत्तरी के आकड़े पेश किए गए हों लेकिन शिक्षा कौशल विकास क्षेत्रों के हिस्सेदारों की मांग है कि महामारी के समय में और अधिक आवंटन जरूरी है।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 09:38 AM (IST)
Education Budget 2022: शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों की मांग, बढ़े बजट आवंटन, घटे जीएसटी, मजबूत हो बुनियादी ढांचा
शिक्षा क्षेत्र का बजट 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों को उम्मीदें।

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान केंद्र सरकार का अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज, 1 फरवरी 2022 को लोक सभा में प्रस्तुत करेंगी। वैश्विक कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए सभी क्षेत्रों की तरह ही शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्र को भी वित्तमंत्री से कठिन समय से उबरने के लिए राहत की कई उम्मीदें हैं। चाहे विद्यालयी शिक्षा हो या उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले संस्थानों हों या विभिन्न उद्दयोगों के लिए जरूरी कौशल विकास में लगे संस्थान, सभी की वित्तमंत्री से आशाएं लगीं हैं।

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Education Sector Budget 2022 (शिक्षा क्षेत्र का बजट): बढ़े बजट आवंटन और घटे जीएसटी

सरकार द्वारा सोमवार, 31 जनवरी 2022 को लोक सभा प्रस्तुत किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में शिक्षा के लिए बजट के आवंटन में साल-दर-साल बढ़ोत्तरी होती रही है। सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में शिक्षा क्षेत्र पर 6.97 लाख करोड़ रुपये व्यय का अनुमान लगाया गया है जो कि देश की कुल जीडीपी का 3.1 प्रतिशत है। वहीं, इससे पिछले वर्ष 2010-21 के दौरान शिक्षा के लिए 6.21 लाख करोड़ रुपये के व्यय का संशोधित अनुमान किया गया है जो कि जीडीपी का 3.1 फीसदी है।

हालांकि, शिक्षा के और कौशल विकास क्षेत्रों काम कर रहे संस्थान या एडुटेक कंपनियों की मांग है कि महामारी के प्रभावित इस दौर में सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र के लिए और अधिक बजट आवंटन किया जाए। एडुटेक कंपनी गीकस्टर के सह-संस्थापक साहिल मिगलानी कहते हैं, “महामारी ने सीखने के तरीके में काफी बदलाव किया है और साथ ही अगले 5-10 वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा को तेजी से अपनाये जाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है। देश के हर शहर और गांव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना अब संभव है, बशर्ते हम डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार करें। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शिक्षा से संबंधित सेवाओं पर उच्च जीएसटी और इस क्षेत्र के लिए पहले अधिक बजट का आवंटन किया जाएगा।”

इसी प्रकार कौशल विकास के क्षेत्र में काम कर रही एडुटेक कंपनी डिजीकुल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमांशु त्यागी कहते हैं, “भारत में किसी भी कौशल विकास से संबंधित सेवा को सबसे कम टैक्स स्लैब के तहत आना चाहिए। सरकार को स्किलिंग पर 18% जीएसटी पर फिर से विचार करना चाहिए, जो उन छात्रों के लिए बहुत ही निराशाजनक है जो कौशल से संबंधित शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। यहां तक कि शिक्षा से संबंधित ऋण भी कम ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। तभी हम यह कह पाएंगे कि भारत में शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देने वाली नीतियां हैं। महामारी के दौरान भी शिक्षा संस्थानों के लिए शो को चालू रखने में एडटेक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब उन्हें इस क्षेत्र के लिए उचित आवंटन पर विचार करने के लिए बजट की जरूरत है, जो लंबी अवधि के कर छूट, प्रौद्योगिकी और पहुंच के लिए पर्याप्त हो।”

वहीं, एक अन्य एडुटेक कंपनी परीक्षा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारीक करनवीर सिंह कहते हैं, “वर्तमान समय में, एक सफल स्टार्टअप बनाने के लिए एक मजबूत टीम की आवश्यकता होती है। हालांकि, जब आप एक शुरूआती व्यवसाय चला रहे होते हैं तो प्रतिभा को बनाए रखना इतना आसान नहीं होता है। प्रतिभा को आकर्षित करने और बनाए रखने में सक्षम होने के लिए बहुत सारे स्टार्टअप शुरू किए गए हैं। हमारी मांग है कि सरकार ESOPS पर कर संरचना पर विचार करे, जैसे कि बिक्री के समय पर ही कर लगाया जाए, न कि अभ्यास के समय, जैसा कि वर्तमान में हो रहा है। इसके अतिरिक्त, जीएसटी की तर्ज पर एक केंद्रीकृत व्यावसायिक कर प्रणाली से कई राज्यों में काम कर रहे स्टार्टअप्स के लिए कारोबार को और आसान बनाने में मदद मिलेगी।”

Education Sector Budget 2022 (शिक्षा क्षेत्र का बजट): मजबूत हो बुनियादी ढांचा

विद्यालयी शिक्षा में हाईब्रिड मॉडल से पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधनों पर जोर देते हुए एडुटेक कंपनी एडमिटकार्ड के संस्थापक व निदेशक रचित अग्रवाल कहते हैं, “इस बजट से हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्कूल के बुनियादी ढांचे में मजबूत क्षमताओं का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि शिक्षा के हाइब्रिड मॉडल को सक्षम बनाया जा सके जो बार-बार लौट रही महामारी के माहौल में आवश्यक हो गया है। साथ ही, प्रारंभिक शिक्षा को अधिक तकनीकी सक्षम बनाने की आवश्यकता है और हम उम्मीद करते हैं कि एडटेक सब-सेक्टर के हित में काम करना चाहिए। इसके अलावा, भारतीय युवाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने और अधिक भारतीयों को काम या पढ़ाई के लिए पलायन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कौशल और भाषा प्रशिक्षण पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।”


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