Budget 2022 : टैक्स कटौती से लेकर वर्क फ्रॉम होम अलाउंस तक, जानिए आपके 5 फायदे की बात
Budget 2022 expectations बीते कई साल में आम जनता और खासकर माध्यम और नौकरीपेशा वर्ग (Middle Income group and Salary Class) के लिए कोई खास बदलाव नहीं हुआ है जिससे उनका टैक्स का बोझ कम हुआ हो। ऐसे में साल 2022 का बजट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Budget 2022 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी और हर साल की तरह इस साल भी बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें टैक्सपेयर्स को है। CA और टैक्स सलाहकार मनीष कुमार गुप्ता के मुताबिक बीते कई साल में आम जनता और खासकर माध्यम और नौकरीपेशा वर्ग (Middle Income group and Salary Class) के लिए कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, जिससे उनका टैक्स का बोझ कम हुआ हो। ऐसे में साल 2022 का बजट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां उत्तरप्रदेश, पंजाब सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं तो सरकार बजट के जरिए करदाताओं को लुभाने का पूरा प्रयास करेगी और सरकार का ध्यान अधिक से अधिक छूट देने पर रहेगा।
1) 1 लाख हो स्टैंडर्ड डिडक्शन
वेतन भोगियो के लिए इस समय धारा 16 के तहद स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम 50,000 रुपये निर्धारित है। लंबे समय से इसको बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की मांग की गई थी। वेतन भोगियों को उम्मीद है की इसको बढ़ाया जाए। ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने से ऐसे वेतन भोगियो को सीधा-सीधा कर लाभ होगा। जैसा की हम जानते हैं कि सरकार के कुल इनकम टैक्स रेवेनयू में एक बड़ा हिस्सा वेतन भोगियो के टीडीएस से आता है तो यह छूट बजट पर सीधा असर डालेगी। ऐसे में ये उम्मीद है स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम 75 हज़ार से 1 लाख रुपये तक की जा सकती है। हालांकि इसमें 30 से 35% का कैप भी लगाया जा सकता है।
2) वर्क फ्रॉम होम का भत्ता
मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए अभी ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी अपने घर से काम (Work from Home) कर रहे है। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक, इंटरनेट चार्ज, किराया, फर्नीचर आदि पर खर्चा बढ़ गया है और इसको देखते हुए वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को कई नियोक्ता इसके भत्ते देते हैं। ऐसे भत्तों को इनकम टैक्स में छूट मिलनी चाहिए ताकि इन खर्चों का टैक्स ना देना पड़े, नौकरीपेशा लोगों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी।
3) इंश्योरेंस, मेडिक्लेम और 80C में छूट
कोरोना महामारी के चलते बीते दो साल में हेल्थ सेक्टर पर काफी फोकस बढ़ा है और महामारी के चलते लोगों ने हेल्थ से जुड़ी चीजों पर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया है। कोरोना की वजह से कई जिंदगियां छिन गईं, ऐसे में लोगों ने लाइफ इंश्योरेंस चिकित्सा बीमा को काफी प्राथमिकता दी है। इनकी संख्या और वॉल्यूम में काफी वृद्धि हुई है, इसलिए टैक्सपेयर्स को इस मामले में अब छूट का इंतजार है। यूं तो धारा 80C के तहत टैक्सपेयर को दोनों तरह के इंश्योरेंस पर छूट मिलती है, लेकिन कोरोना महामारी की अवधि में छूट की राशि बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा कोरोना की वजह से लिए गए इंश्योरेंस को 5 या 10 साल के लिए भी कर मुक्त किया जाना चाहिए। बजट 2022 से उम्मीदें है कि बजट में टैक्सपेयर को राहत देने के लिए लाइफ इंश्योरेंस को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C से बाहर किया जा सकता है और इंश्योरेंस सेक्टर के लिए कोई एक लिमिट बढ़ाई जा सकती है। उसके अंदर इंश्योरेंस और मेडिक्लेम इंश्योरेंस दोनों को एक नई कैटेगरी बना कर जोड़ा जा सकता है या फिर 80C की लिमिट का ओवरआल बढ़ाया जा सकता है। ऐसा होने पर लगभग ज्यादातर करदाताओं को बड़ा फायदा होगा।
4) इंश्योरेंस पर GST से मुक्ति
इंश्योरेंस / मेडिक्लेम प्रीमियम पर GST को कम करने की आशा भी करदाताओं की उम्मीद में शामिल है। वित्त मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि इस मांग को बजट में शामिल किया जा सकता है।
5) हिंदू अविभाजित परिवार को भी मिले धारा 87A का लाभ
वर्तमान में धारा 87A के तहत जो रीबेट व्यक्तिगत करदाताओं की श्रेणी में मिलती है, उसको हिंदू अविभाजित परिवार को भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।