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Budget 2022: बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्या-क्या होना चाहिए? जानें एक्सपर्ट की राय

Expectations For Real Estate Sector From Budget 2022 बजट 2022 में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्या-क्या होना चाहिए इसे लेकर नारेडको के नेशनल प्रेसिडेंट राजन बंदेलकर ने कुछ सुझाव दिए हैं। नीचे इन सुझावों का उल्लेख है।

By Lakshya KumarEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 02:26 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 02:26 PM (IST)
Budget 2022: बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्या-क्या होना चाहिए? जानें एक्सपर्ट की राय
Budget 2022: बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्या-क्या होना चाहिए? जानें एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली, राजन बंदेलकर। केन्द्र सरकार ने बीते सालों में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए काफी काम किया है और नारेडको की मदद से रियल एस्टेट सेक्टर में कार्यरत कंपनियों से लगातार संपर्क भी बनाए रखा है। रियल एस्टेट सेक्टर के सुझावों, सलाह और सिफारिशों पर भी सरकार ने लगातार ध्यान दिया है और उनके अनुसार नियम-कानूनों में काफी बदलाव भी किए हैं। इन प्रयासों के चलते देश में रियल एस्टेट सेक्टर को काफी प्रोत्साहन मिला है और सेक्टर अपनी मंदी के दिनों से भी बाहर आने में सफल रहा है। इसके साथ ही अभी भी कुछ ऐसे मुद्दे बने हुए हैं, जिनके जल्द समाधान की जरूरत है। इससे सरकार सभी के लिए आवास के अपने मिशन को भी जल्द से जल्द पूरा करने में सफल होगी।

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सरकार ने पिछले साल बजट में मॉडल टेनेंसी ऐक्ट बनाया था, उसका रियल एस्टेट सेक्टर में असर देखने को मिला है लेकिन अभी भी बहुत कम राज्यों ने इसे अपनाया है, जिससे इसका असर सीमित होकर रह गया है। सरकार को इस संबंध में गंभीर प्रयास करते हुए सभी राज्यों में इसको लागू करवाना चाहिए। केन्द्र सरकार के सीधे प्रशासन में आने वाले चंडीगढ़ में भी इस एक्ट को जनवरी, 2022 में ही लागू किया गया है, ऐसे में अन्य राज्यों में तो इस संबंधित प्रोसेस और भी धीमा चल रहा है। सरकार सभी राज्यों के साथ बैठक कर इस एक्ट को लागू करने की एक समय सीमा तय करे और राज्य सरकारों को इस एक्ट से होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया जाना चाहिए।

सरकार महामारी की शुरुआत से ही सहायक रही है और इन प्रयासों को आगे भी बनाए रखने की जरूरत है। जिस तरह से कोरोना के विभिन्न वैरिएंट सामने आ रहे है, उसको देखते हुए सरकार को रियल एस्टेट को और प्रोत्साहन देना चाहिए, जिससे जीडीपी को वर्तमान स्तरों से आगे बढ़ाने में मदद मिल सके। पिछले साल की दूसरी छमाही के दौरान बिक्री की गति बढ़ी थी। इस लिहाज से जहां बिक्री की रफ्तार जारी रखने की जरूरत है वहीं उपभोक्ताओं के हाथ मजबूत करने की भी जरूरत है।

वर्तमान में, धारा 24 (बी) के तहत, किराये के उद्देश्यों के लिए घर खरीदने के लिए उधार ली गई पूंजी पर ब्याज की पूरी अनुमति है। हालांकि, अपने निवास वाले घरों के मामले में ब्याज पर टैक्स डिडक्शन 2 लाख रुपये तक सीमित है। यह सीमा बहुत कम है और ओनरशिप के कॉन्सेप्ट को बढ़ावा देने के लिए इसे बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही 1 जून 2015 से 31 मार्च 2023 के बीच रेरा के साथ पंजीकृत सभी परियोजनाओं को शामिल करने के लिए धारा 80आईबीए का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। इससे डेवलपर्स के साथ ही ग्राहकों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही इस पूरे सेक्टर को और अधिक आर्गेनाइजेज और रेगुलेट करने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही आने वाले बजट में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए, धारा 80आईबीए (6)(डीए) के तहत आवास परियोजनाओं की स्वीकृति की समय सीमा पांच वर्ष होनी चाहिए। इस सेक्टर में निवेश करने के लिए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां पूरी तरह से तैयार बैठी हैं। काफी भारतीय निवेशक भी इस संबंध में निवेश करना चाहते हैं लेकिन नियम-एक्ट अधिक स्पष्ट और लागू होने का प्रोसेस लंबा होने के कारण पूरा प्रोसेस बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रहा है।

इसलिए, किफायती आवास परियोजनाओं का दायरा आयकर, 1961-2018 की धारा 80 आईबीए के तहत विकास और भवन निर्माण परियोजनाओं के व्यवसाय से प्राप्त लाभ और लाभ की 100 प्रतिशत कटौती प्राप्त कर रहा है। इस धारा के प्रावधानों में 01.09.2019 से बदलाव किया गया है। आवास परियोजनाओं को 01.06.2016 से 31.03.2022 के बीच अनुमोदित किया गया है। इसलिए, 1 जून 2015 से 31 मार्च 2023 के बीच आरईआरए के साथ पंजीकृत सभी परियोजनाओं को लाभ प्रदान करने के लिए धारा 80आईबीए (2) (ए) में संशोधन किया गया है। इसके अलावा, अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कटौती को आरईआरए के साथ पंजीकृत सभी परियोजनाओं तक बढ़ाया जाना चाहिए, बशर्ते वे अन्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

इसके अलावा, धारा 80आईबीए(2)(बी) के तहत परियोजना को पूरा करने की समय सीमा पांच साल से बढ़ाकर सात साल की जानी चाहिए। इससे इस नियम के चलते दबाव में आई कंपनियों को कुछ राहत मिलेगी। ये ध्यान में रखना होगा कि बीते दो साल कोरोना के कारण प्रभावित हुए हैं और प्रोजेक्ट्स पर काम बार-बार रोका गया है। जिसके चलते सभी प्रोजेक्ट अपने तय समय से पीछे चल रहे हैं और इसका खमियाजा सिर्फ डेवलपर्स पर डालना उचित नहीं है। बजट में इस संबंधी राहत जरूर प्रदान की जानी चाहिए।

पिछले दो साल कोविड-19 महामारी के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अशांत रहे हैं। 2020 में साइटों पर परियोजना निर्माण को रोकने और सभी क्षेत्रों में नौकरी के नुकसान ने बाजार से अधिकांश वास्तविक खरीदारों को छीन लिया। 2021 की दूसरी छमाही के दौरान बाजार ने धीरे-धीरे पुनर्जीवित होना शुरू कर दिया। तब से बिक्री की गति तेज हो गई है। हमें गति बनाए रखने की जरूरत है और अगर आने वाले बजट में रियल एस्टेट के सुझावों और सरकार अपने स्तर पर कुछ राहत प्रदान करें तो इस सेक्टर को फिर से काफी प्रोत्साहन मिल सकता है।

रेंटल हाउसिंग सहित नए हाउसिंग फार्मेट के विकास से देश की आवास की कमी से निपटा जा सकता है। रेंटल हाउसिंग मार्केट को सरकार की 'सभी के लिए आवास’ प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। देश में किराये के आवास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, नारेडको ने धारा 80आईबीए (6) (डीए) के तहत किफायती किराये की आवास परियोजनाओं की स्वीकृति समय सीमा बढ़ाने की भी सिफारिश की है। उम्मीद है सरकार इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाएगी।

धारा 80आईबीए (6) (डीए) में प्रावधान है कि 'रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट’ का अर्थ एक ऐसी परियोजना है जिसे केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक गजट में इस वर्ग के तहत मार्च 2022 के 31वें दिन या उससे पहले अधिसूचित किया गया है और ऐसी शर्तों को पूरा करता है। हालांकि, देश ने किराये के हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को औपचारिक रूप देना शुरू कर दिया है। कई राज्यों में रेंटल हाउसिंग पॉलिसी अभी अंतिम नहीं है। इसलिए, रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के डेवलपर्स को प्रोत्साहित करने के लिए, अनुमोदन की समय सीमा होनी चाहिए।

(लेखक नारेडको के नेशनल प्रेसिडेंट हैं और यह उनके निजी विचार हैं।)


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