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Budget 2021: सुधारों की जमीन और ठोस करेगा आगामी बजट, देश की टैक्स व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने को होगी कोशिश

अपनी सुधारवादी नीतियों की वजह से विपक्ष के निशाने पर रही केंद्र सरकार इस बात पर अडिग है कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था को विभिन्न सेक्टरों में सुधारों के जरिये ही आगे बढ़ाया जा सकता है। ये सुधार देश में गरीबी दूर करेंगे और समाजिक ढांचे को भी मजबूती देंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 06:41 AM (IST)
Budget 2021: सुधारों की जमीन और ठोस करेगा आगामी बजट, देश की टैक्स व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने को होगी कोशिश
Budget 2021: P C : File Photo

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से भारतीय इकोनॉमी को उबारने की कोशिश में जुटी केंद्र सरकार का आगामी बजट का उद्देश्य लंबे समय तक तेज आर्थिक विकास दर की जमीन तैयार करने पर केंद्रित रहने वाला है। आगामी सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करेंगी। इसके माध्यम से उन्हें आपदा को अवसर में बदलने के पीएम नरेंद्र मोदी के नारे को मूर्त रूप देना होगा।

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हाल के दिनों में अपनी सुधारवादी नीतियों की वजह से विपक्ष के निशाने पर रही केंद्र सरकार इस बात पर अडिग है कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था को विभिन्न सेक्टरों में सुधारों के जरिये ही आगे बढ़ाया जा सकता है। ये सुधार ही देश में गरीबी भी दूर करेंगे और समाजिक ढांचे को भी मजबूती देंगे। इस बात के संकेत शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में दिए गए हैं। सर्वेक्षण से सरकार की भावी आर्थिक नीतियों की जो सोच सामने आ रही है, वह बताती है कि राजकोषीय प्रबंधन को लेकर सरकार अभी बहुत माथा-पच्ची नहीं करने जा रही।

सर्वेक्षण का यह संकेतक भी स्पष्ट है कि हेल्थ सेक्टर आगामी बजट के लिए और इसके बाद भी केंद्र सरकार की नीतिगत सोच की केंद्र में रहेगा। वित्त मंत्री देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में किसी बड़े बदलाव का खाका पेश करेंगी कि नहीं, या सरकार प्राइवेट हेल्थ सेक्टर के बेहतर नियमन के लिए कदम उठाएगी कि नहीं, ये सवाल आर्थिक सर्वे में उठाए गए हैं।

इसी तरह से सरकार ने संकेत दिए हैं कि कई सेक्टरों में नियमन जरूरत से ज्यादा हो गया है। अब इस बारे में इस बजट में कदम उठाया जाता है या आगे कि लिए छोड़ दिया जाता है, इसके लिए भी बजट का इंतजार करना होगा। हाल के दिनों में सरकार ने कृषि, श्रम व उद्योग सेक्टर में जो सुधार किए हैं, सर्वे में उसे भारत को एक मजबूत वैश्विक इकोनॉमी बनाने की दिशा में उठाया कदम बताया गया है। ऐसे में साफ है कि आगामी बजट में सरकार दूसरे सुधारों को लेकर भी बेहद मुखर हो सकती है।


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