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Budget 2021: शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपग्रेड करने की जरूरत, ऑफलाइन मोड भी बने मजबूत

इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा क्षेत्र का पुनरुद्धार करने के लिए सरकार का सहयोग काफी जरूरी है। इसके लिए न सिर्फ सरकार को आर्थिक मदद करनी होगी बल्कि ऑनलाइन एजुकेशन को भी औपचारिक बनाना होगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 06:25 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 09:01 PM (IST)
Budget 2021: शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपग्रेड करने की जरूरत, ऑफलाइन मोड भी बने मजबूत
Budget 2021 ( P C : Pixabay)

नई दिल्ली, शिशिर दीक्षित। कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव की महत्वपूर्ण मिसाल देखी गई। इसके बावजूद महामारी के प्रकोप ने शिक्षा क्षेत्र को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है। इस हालात ने शिक्षा क्षेत्र में सुधारों की जरूरत को फिर उभारा है। महामारी के समय स्कूलों को अपने अस्तित्व को बनाए रखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा क्षेत्र का पुनरुद्धार करने के लिए सरकार का सहयोग काफी जरूरी है। इसके लिए न सिर्फ सरकार को आर्थिक मदद करनी होगी, बल्कि ऑनलाइन एजुकेशन को भी औपचारिक बनाना होगा।

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बजट 2021 को पेश किए जाने में अब गिने-चुने दिन ही बाकी हैं। एजुकेशन इंडस्ट्री के हितधारकों को इस बजट से काफी आशाएं हैं, जो इस प्रकार हैं-

1. एजुकेशन में तकनीक का लाभ उठाना

दुनिया भर में छाई महामारी ने शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक को अपग्रेड करने की जरूरत को उभारा है, जिससे इस क्षेत्र में सभी को किफायती और समान रूप से बेहतर पहुंच मिल सके। सरकार को एजुटेक कंपनियों और फर्मों को जरूरी तकनीकी अपडेट्स मुहैया कराने चाहिए, जिससे ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने में सक्षम बना जा सकेगा और इसके प्रभावशाली नतीजे होंगे। आर्टिफिशियल लर्निंग (एआई), मशीन लर्निंग और क्लाउड टेक्नोलॉजी से छात्रों और शिक्षकों का पठन-पाठन से जुड़ाव बढ़ने की उम्मीद है। इससे ई-लर्निंग के क्षेत्र में यूजर्स का अनुभव भी बढ़ने की आशा है। इससे देश के छोटे शहरों में एजुटेक फर्मों के सूरज का उदय होगा और एजुटेक की डिमांड और बढ़ेगी।

2. विडियो की मदद से शिक्षा को प्रोत्साहित करना

सरकार को कई एजुटेक फर्मों से साझेदारी की जरूरत है। विडियो असिस्टेंड कोर्सेज (ऑफलाइन लर्निंग) के विकास के लिए फंड का आवंटन करना चाहिए, जिससे छात्रों को यह सब्सिडाइज्ड दरों पर उपलब्ध हो सके। यह कोर्स सीमित अवधि के हो सकते हैं। इन कोर्सेज को फुल टाइम एक्सेस करने की सुविधा देकर छात्रों की मदद की जा सकती है। इससे छोटे गांवों, कस्बों और शहरों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके साथ ही सरकार को इन कोर्सेज को क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार करने का प्रावधान करना चाहिए, जिससे अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र भी इन कोर्सेज का लाभ उठा सकें।

3. एनईपी 2020 पर फोकस

केंद्रीय बजट 2021 में  प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आधारभूत ढांचे की रूपरेखा बनाई जानी चाहिए। एजुटेक में निवेश बढ़ाकर उसे लगातार मजबूत किया जाना चाहिए, जिससे छात्रों को ई-लर्निंग का शानदार अनुभव देते हुए उनकी पढ़ाई में दिलचस्पी बढ़ाई जा सके। छात्रों को कौशल से लैस करने की प्रक्रिया को ग्लोबल शिक्षा मानकों के अनुरूप लाया जाना चाहिए।

4. शिक्षा में इनोवेशन को बढ़ावा देना

बजट 2021 में छोटे बच्चों को शिक्षा देने के ज्यादा समग्र तरीके के लिए रणनीति बनानी चाहिए। छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के नए-नए तरीके तलाश करने चाहिए। अलग-अलग प्रोजेक्ट्स की मदद से छात्रों को खेल-खेल में रचनात्मक ढंग से शिक्षा दी जानी चाहिए। इस तरह से जब तक वे ग्रेजुएशन करेंगे, तब तह वे रियल इनोवेटर्स में तब्दील हो सकेंगे। सरकार को भारतीय छात्रों के इनोवेशन और प्रोफेशनल्स के बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) को पहचान देनी चाहिए। इससे प्रतिभाशाली छात्रों को बढ़ावा मिलेगा और वे करियर के विकल्प के रूप में अपना कारोबार शुरू करने के लिए प्रेरित हो सकेंगे।

5. शिक्षा के ऑफलाइन मोड को मजबूत बनाना

हालांकि, शिक्षा के ऑफलाइन मोड और टीचरों और स्टूडेंट्स की फिजिकल मौजूदगी को हतोत्साहित करने के प्रति काफी भ्रम और आशंकाएं है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ऑफलाइन मोड को काफी अहमियत दी गई है, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हम भले ही स्कूलों और यूनिवर्सिटीज से दूर  हो गए हों, लेकिन तब भी हम ऑफलाइन एजुकेशन की अहमियत को नजरअंदाज नहीं कर सकते, क्योंकि सदियों से चली आ रही शिक्षा देने और हासिल करने की पुरानी पंरपरा सभी क्षेत्रों में सक्रिय है।

इसका सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से दखल है। यह उन क्षेत्रों में भी मौजूद है, जहां ई-लर्निंग का बहुत कम या न के बराबर लाभ छात्रों को मिलता है। फिजिकल मोड ऑफ लर्निंग की अहमियत इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि अभी भी खासतौर से पिछड़े इलाकों में बेसिक कंप्यूटर एजुकेशन असुरक्षित है। इसलिए शिक्षा हासिल करने के लिए यूनिवर्सिटीज, कोचिंग इस्टिट्यूट्स, वोकेशनल, स्पोर्ट्स कोर्सेज और आर्म्ड फोर्सेज की ट्रेनिंग में फिजिकल रूप से मौजूद रहने की काफी अहमियत है। यहां शिक्षा क्षेत्र का डिजिटिलाइजेशन करने से बहुत कम फर्क पड़ेगा, इसलिए हमारा प्रमुख फोकस वैज्ञानिक और आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी को आधार बनाते हुए सिलेबस को अपग्रेड करने पर होना चाहिए, जिससे छात्र तकनीक में एक्सपर्ट बनें। ॉ

इसी सिलेबस को ऑफलाइन मोड के माध्यम से खासतौर से एडवांस्ड लर्निग और कोर्सेज में लागू करना चाहिए। इसके साथ ही हम भविष्य में ई-लर्निंग से जुड़े छात्रों के लिए डिवाइसेज की जरूरत को महसूस कर रहे है। छात्रों के पास इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए। उन्हें टेक्नोलॉजी से परिचित होना चाहिए। उन्हें साइबर सिक्युरिटी के प्रति जागरूक होना चाहिए। इससे ऑनलाइन लर्निंग में निश्श्चित रूप से छात्रों को अतिरिक्त धार मिलती है। इसी पृष्ठभूमि में ऑनलाइन शिक्षा में रुकावट बन रहे इन इन प्रतिबंधों को हटाना चाहिए।


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