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Budget 2021: CLSS के तहत सब्सिडी, समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग; अलग से टैक्स छूट भी चाहते हैं इंडस्ट्री के एक्सपर्ट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2021 को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी। इस बजट से लोगों को ढेर सारी उम्मीदें हैं। रियल एस्टेट सेक्टर के विशेषज्ञों ने इस बजट में CLSS स्कीम की समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग की है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 01:51 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:24 AM (IST)
Budget 2021: CLSS के तहत सब्सिडी, समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग; अलग से टैक्स छूट भी चाहते हैं इंडस्ट्री के एक्सपर्ट
आम बजट से लोगों को कई सारी उम्मीदें हैं। (PC: Pexels)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2021 को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी। इस बजट से लोगों को ढेर सारी उम्मीदें हैं। रियल एस्टेट सेक्टर के विशेषज्ञों ने इस बजट में CLSS स्कीम की समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग की है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने मकान की मांग को लेकर कहा कि होम लोन के मूलधन पर 80 (C) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट मुख्य रूप से हाउसिंग सेक्टर से जुड़ी हुई नहीं है। इससे इतर मकान खरीदने पर अगर 1,50,000 रुपये की अलग से छूट दी जाए तो लोगों को मकान की खरीदारी को लेकर प्रोत्साहन मिलेगा।

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उन्होंने कहा कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) से अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर की गतिविधियों में भी बहुत अधिक वृद्धि देखने को मिली है। कोविड-19 महामारी से पैदा हुए उथल-पुथल और महामारी से रिकवरी में संभावित तौर पर दो साल लग सकते हैं। ऐसे में CLSS स्कीम की समयसीमा को दो साल तक के लिए यानी 31 मार्च, 2023 तक के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा प्रमुख शहरों में मकान की ऊंची कीमतों को देखते हुए CLSS स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी की राशि को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जाना चाहिए। 

नाहर ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नारेडको (महाराष्ट्र) मंजू याग्निक ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित इकोनॉमी को रिवाइव करने के लिहाज से केंद्रीय बजट 2021-22 काफी प्रभावी साबित हो सकता है। पूरे देश में टीकाकरण अभियान को लेकर हेल्थकेयर सेक्टर पर सबसे ज्यादा जो रह सकता है। उसके बाद रियल एस्टेट सेक्टर पर बहुत अधिक जोर होना चाहिए, जो वृद्धि से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमने देखा है कि कोविड-19 महामारी और इससे जुड़े लॉकडाउन के प्रभावों को कम करने के लिए उठाए गए कदमों से सेक्टर को एक बूस्ट मिला है। हालांकि, बिक्री के मोमेंटम को बनाए रखने के लिए आयकर से जुड़े नियमों में छूट से रियल एस्टेट सेक्टर को और अधिक मदद मिलेगी। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए इनपुट क्रेडिट के साथ जीएसटी के प्रावधान की जरूरत है। इससे इंडस्ट्री को अपनी वृद्धि को बनाए रखने में मदद मिलेगी। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए यह कहा जा सकता है कि दूसरे मकान की मांग बढ़ी है और दूसरे मकान पर इनकम टैक्स में राहत से रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।

Azlo Realty के सीईओ कृष रावेशिया ने कहा कि बजट में कम ब्याज दर को बरकरार रखने को लेकर घोषणाएं की जानी चाहिए। साथ ही इस चीज को भी बनाए रखना चाहिए कि लोन मिलने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, यानी पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित की जानी चाहिए। हम चाहते हैं कि होम लोन पर मूलधन के भुगतान पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए होम लोन पर मूलधन के भुगतान पर अलग से छूट की व्यवस्था की जानी चाहिए। 

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