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Budget 2021: निजीकरण और इन्फ्रा खर्च पर जोर दे सरकार, पीएम के साथ बातचीत में अर्थशास्त्रियों ने रखी राय

Budget 2021 अर्थशास्त्रियों का यह भी आग्रह था कि सरकार निर्यात को बढ़ावा देने और निवेशकों का मनोबल बढ़ाने के लिए नीतियां लाए। इसकी वजह यह है कि सभी सेक्टरों में संरचनात्मक सुधारों को गति देने संबंधी उपायों के बावजूद देश में बड़ी मात्रा में निवेश नहीं आ रहा है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 08:25 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 08:00 AM (IST)
Budget 2021: निजीकरण और इन्फ्रा खर्च पर जोर दे सरकार, पीएम के साथ बातचीत में अर्थशास्त्रियों ने रखी राय
बजट के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Flickr

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के शीर्ष अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में सरकारी कंपनियों के निजीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च पर जोर देने का आग्रह किया है। कुछ अर्थशास्त्रियों की सलाह थी कि कोरोना संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में राजकोषीय घाटे पर लचीला रुख अपना सकती है।

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सूत्रों के मुताबिक उनका यह भी आग्रह था कि सरकार निर्यात को बढ़ावा देने और निवेशकों का मनोबल बढ़ाने के लिए नीतियां लाए। इसकी वजह यह है कि सभी सेक्टरों में कई तरीके से संरचनात्मक सुधारों को गति देने संबंधी उपायों के बावजूद देश में बड़ी मात्रा में निवेश नहीं आ रहा है।

प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक में मौजूद एक सूत्र ने कहा कि निवेशकों का मनोबल बढ़ाने की सख्त जरूरत है। सरकार को हर चीज को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में नहीं घसीटना चाहिए, क्योंकि बहुत से सुधारों के बावजूद निवेशक भारत में निवेश को लेकर निश्चिंत नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ का यह भी विचार था कि सरकारी संपत्तियों और कंपनियों के निजीकरण के लिए सरकार को एक अलग मंत्रालय का गठन करना चाहिए।

बैठक में कई अर्थशास्त्रियों ने निर्यात प्रोत्साहन को गति देने के उपायों पर ध्यान देने का आग्रह किया, क्योंकि उनके मुताबिक यह घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। नीति आयोग द्वारा आयोजित इस बैठक में अरविंद पानगडि़या, केवी कामथ, राकेश मोहन, शंकर आचार्य, शेखर शाह और अरविंद वीरमानी समेत प्रमुख अर्थशास्त्री शामिल हुए।

बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, योजना राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार व सीईओ अमिताभ कांत भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने की पहली तारीख को अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करने वाली हैं। इसे देखते हुए यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण थी।


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